गुलबदीन नायब की 'विलंब तकनीक' ने टी20 वर्ल्ड कप में मचाई हलचल
अफगानिस्तान ने बांग्लादेश को आठ रनों से हराकर पहली बार टी20 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में जगह बनाई। लेकिन इस ऐतिहासिक जीत पर 'विलंब तकनीक' के आरोपों का धब्बा लग गया। मैच अर्नोस वेल स्टेडियम, सेंट विंसेंट में खेला गया था जहां दो बार बारिश ने खेल को रोका।
जब बांग्लादेश टीम लक्ष्य का पीछा कर रही थी, तो गुलबदीन नायब जिन्हें ऑलराउंडर के रूप में जाना जाता है, को मैदान पर गिरते देखा गया, क्योंकि वह अपने हैमस्ट्रिंग को पकड़ रहे थे, तभी बारिश से खेल बाधित हुआ। इस घटना के तुरंत बाद बहस छिड़ गई। कई लोगों ने नायब पर आरोप लगाया कि उन्होंने जानबूझकर खेल को रोकने की कोशिश की ताकि डीएलएस पैर स्कोर के अनुसार अफगानिस्तान की बढ़त बनी रहे।
विशेषज्ञों के विचार
इस घटना पर टिप्पणीकारों और खिलाड़ियों ने तीखी प्रतिक्रियाएं दीं। सायमन डूल, एडम ज़ाम्पा, माइकल वॉन और रविचंद्रन अश्विन जैसे दिग्गजों ने नायब के इस कृत्य को ‘अस्वीकार्य’ और ‘पुरानी बारिशिंग’ करार दिया। माइकल वॉन ने इसे क्रिकेट की भावना के खिलाफ बताया। यदि कोई खिलाड़ी पैदा हुए झगड़े से बचना चाहता है, तो वह इस तरह की चालबाजी नहीं करेगा।
नायब के साथी खिलाड़ी राशिद खान ने बाद में मीडिया को बताया कि नायब को हल्के शरीर में ऐंठन हो रही थीं, लेकिन उनके बयान ने केवल बहस को और भड़का दिया। लोगों का मानना है कि यह क्रिकेट के नियमों और भावना का अपमान था।
क्रिकेट की भावना पर सवाल
इस घटनाक्रम ने क्रिकेट की भावना को सवालों के घेरे में ला दिया है। क्रिकेट हमेशा से एक खेल के रूप में पहचाना गया है जिसमें नैतिकता और खेल भावना का सबसे अधिक महत्व होता है। इस तरह की घटनाएं सवाल उठाती हैं कि क्या खिलाड़ियों को जीत के लिए किसी भी हद तक जाने की अनुमति होनी चाहिए।
कई विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे मामलों में कड़ा कदम उठाया जाना चाहिए। यदि खिलाड़ी खेल भावना का उल्लंघन करते हैं, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
फैसला और भविष्य
आने वाले समय में, ऐसे मामलों में निर्णय लेना क्रिकेट के अधिकारियों के लिए मुश्किल हो सकता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) और अन्य संगठन इस मामले को कैसे संभालते हैं।
कुल मिलाकर, क्रिकेट की भावना को बनाए रखने के लिए खिलाड़ी और प्रशंसक दोनों को ही सही आचरण करने की जरूरत है। क्रिकेट किसी भी परिस्थितियों में नैतिकता का पालन करने वाला खेल बना रहना चाहिए।
Vinod Mohite
25.06.2024गुलबदीन नायब द्वारा अपनाई गई विलंब तकनीक को हम इन्फ्लुएंसरियन टैक्टिक के रूप में वर्गीकृत कर सकते हैं जो खेल विज्ञान की सीमा को चुनौती देती है तथा इंटेलिजेंस एग्रिगेशन के सिद्धान्तों के साथ प्रतिध्वनित होती है
Rishita Swarup
9.07.2024क्या यह सिर्फ़ एक साधारण थकान नहीं बल्कि एक गुप्त एजेंसी का इंट्रूज़न नहीं है जिसे विश्व भर में क्रिकेट के परिणामों को नियंत्रित करने के लिए तैयार किया गया है
मैं मानती हूँ कि इस सारे खेल को एक बड़े साज़िश की परत में लिपटा दिया गया है
anuj aggarwal
22.07.2024यह पूरी तरह से बेतुका बहाना है कि वह हैमस्ट्रिंग अपने हाथ में रख रहा था और बारिश ने खेल रुकवाया यह तो साफ़- साफ़ खेल भावना का उल्लंघन है और मैं कहता हूँ कि इस खिलाड़ी को सख्त सजा मिलनी चाहिए
Sony Lis Saputra
4.08.2024भाई हम सबको मिलकर यह समझना चाहिए कि कभी‑कभी खिलाड़ी के शारीरिक कारण होते हैं और हमें उनका समर्थन भी करना चाहिए
आइए हम इस घटना को सीख के रूप में लेते हुए भविष्य में बेहतर खेल भावना के साथ आगे बढ़ें
Kirti Sihag
17.08.2024ओह माय गॉड! यह कितनी नाटकीय क्षण थी 😱 अगर नायब ने ऐसा जानबूझकर किया तो यह पूरी क्रिकेट की इम्मोर्टैलिटी को खा गया है 😡
Vibhuti Pandya
31.08.2024आप सभी की राय सम्माननीय है लेकिन हमें इस मुद्दे को संतुलित दृष्टिकोण से देखना चाहिए और सभी पक्षों को सुनते हुए एक निष्पक्ष निष्कर्ष पर पहुँचना चाहिए
Aayushi Tewari
13.09.2024यह घटना क्रिकेट के नैतिक मानकों पर गंभीर प्रश्न उठाती है।
Rin Maeyashiki
26.09.2024दोस्तों, यह एक बहुत ही प्रेरणादायक क्षण है जहाँ हमें याद दिलाया गया है कि खेल केवल जीत-हार नहीं, बल्कि दृढ़ता और ईमानदारी का प्रमाण है
जब बांग्लादेश के खिलाड़ी लक्ष्य की ओर बढ़ रहे थे, तब अचानक बारिश के कारण खेल रुक गया और हर कोई हैरान रह गया
परंतु इस बीच नायब का कदम हमें दिखाता है कि व्यक्तिगत असुविधा के सामने भी हमें सामूहिक लक्ष्य को प्राथमिकता देनी चाहिए
जब वह हेमस्ट्रिंग पकड़ते हुए गिरा, तो यह एक संकेत था कि मानव शरीर की सीमाएँ भी खेल के नियमों से ऊपर नहीं उठ सकतीं
हमें इस घटना से यह सीख लेनी चाहिए कि किसी भी अनिश्चित परिस्थितियों में संयम और आत्म-नियंत्रण रखना कितना आवश्यक है
वास्तव में, यह एक मौका है कि हम सभी अपने अंदर की खेल भावना को पुनः जागरूक करें और यह सुनिश्चित करें कि हम अपने कामकाज में ईमानदारी के साथ आगे बढ़ें
क्रिकेट का असली सार यही है कि चाहे बारिश हो या धूप, हमें अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करना चाहिए और खेल की गरिमा को बनाए रखना चाहिए
मैं आशा करता हूँ कि इस प्रकार के मामलों में अंतरराष्ट्रीय बॉडीज उचित कदम उठाएँगे जिससे भविष्य में ऐसी स्थितियों से बचा जा सके
आइए हम सभी इस बात को समझें कि जीत बेमिश नहीं, बल्कि न्यायसंगत होना चाहिए और फिर हम एक सच्चे खेली टीम बनेंगे
अंत में, मैं सभी खिलाड़ियों को कहूँगा कि अपने शरीर की सुनें, परन्तु नियमों और खेल भावना को भी कभी न भूलें
Paras Printpack
9.10.2024अरे वाह, क्या शानदार बहस हुई, जैसे हर साल की क्रिकेट मीटिंग में नया मोखिक नाटक बन जाता है 🙄 यह तो बिल्कुल भी आश्चर्यजनक नहीं कि लोग हर छोटी‑छोटी बात को बदलना चाहते हैं