
CDSL के शेयरों में भारी गिरावट: निवेशकों में चिंता क्यों?
2025 के शुरुआत से भारत की सबसे बड़ी सिक्योरिटी डिपॉजिटरी, Central Depository Services Limited (CDSL), के शेयर 35% तक डूब गए हैं। निवेशकों के मन में सबसे बड़ा सवाल यही है – अचानक इतना नुकसान क्यों हुआ? असल वजहें समझने के लिए कंपनी के तिमाही नतीजे, डिमैट अकाउंट ग्रोथ, बाजार की चाल और कड़ी कॉम्पिटिशन को थोड़ा गहराई से देखना होगा।
खराब तिमाही नतीजे और डिमैट अकाउंट्स की सुस्ती
शुरुआत करते हैं कंपनी के तिमाही नतीजों से। CDSL ने भले ही Q3 FY25 में पिछले साल के मुकाबले 21.5% ज्यादा प्रॉफिट और 26.3% ज्यादा कुल इनकम दिखाई, लेकिन पिछले क्वार्टर से तुलना करें तो हालात बदल जाते हैं। नेट प्रॉफिट में 38.6% और टोटल इनकम में 27.47% की गिरावट आई। यही डेटा देखकर निवेशकों का भरोसा डगमगाया और बड़ी बिकवाली शुरू हो गई।
डिमैट अकाउंट ओपनिंग में भी रफ्तार की कमी साफ देखने को मिली। फरवरी 2025 में CDSL और उसकी प्रतिद्वंदी NSDL, दोनो ने 19.04 करोड़ डिमैट अकाउंट का आंकड़ा छुआ। लेकिन नए खुले खाते महज़ 22.6 लाख रहे, जो जनवरी से 20% और पिछले साल की तुलना में करीब 48% कम हैं। इसका सीधा असर कंपनी की ग्रोथ और कमाई पर पड़ा है।
दरअसल, छोटे निवेशकों की भागीदारी कम होने से मार्केट में भीड़ कम हो गई है। इसी वजह से CDSL जैसी कंपनियों को रोज़मर्रा के ट्रांजैक्शन में भी गिरावट झेलनी पड़ रही है।
बाजार में हलचल और बढ़ती प्रतिस्पर्धा
2025 के दौरान शेयर बाजार में बार–बार गिरावट दर्ज हुई। इसमें F&O (फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस) नियमों को सख्त करना और IPO की रफ्तार में गिरावट भी शामिल है। इसका साइड-इफेक्ट सीधे-सीधे CDSL पर दिखा और साथ ही उन ब्रोकरेज कंपनियों (जैसे Angel One, CAMS) पर, जिनकी कमाई बाजार की चाल के साथ जुड़ी होती है।
इसी बीच, NSDL की बहुप्रतीक्षित IPO घोषणा ने माहौल और बिगाड़ा। 30 जुलाई से 1 अगस्त 2025 के बीच खुलने वाले इस IPO को निवेशकों में जबरदस्त क्रेज दिखा। ग्रे मार्केट में NSDL के शेयर 145-155 रुपये प्रीमियम पर चल रहे हैं। ऐसे में अब निवेशकों का ध्यान NSDL की ओर जाता दिख रहा है — जिससे CDSL के शेयर पर और प्रेशर बढ़ गया है।
अनालिस्ट्स के रुख में भी बड़ा बदलाव आया है। जो 10 विश्लेषक CDSL को ट्रैक करते हैं, उनमें से महज़ 2 ने 'खरीदें', 5 ने 'रखें' और 3 ने 'बेचें' की सलाह दी है। हालांकि मंडी में गिरावट के बाद कुछ लोग कहते हैं कि अभी भी शेयर में 22% की रिकवरी पोटेंशियल बची है। लेकिन बाजार की वर्तमान चाल और नए निवेशकों की बेरुख़ी ने इसमें अनिश्चितता भर दी है।
- Q3 में तिमाही गिरावट ने भरोसा हिलाया।
- डिमैट अकाउंट्स ग्रोथ में बड़ी सुस्ती आई।
- बाजार की हलचल, F&O सख्ती और IPO की कमी ने माहौल बिगाड़ा।
- NSDL का IPO निवेशकों का ध्यान खींच रहा है।
इन सारे कारकों ने मिलकर CDSL पर दबाव बढ़ा दिया है। अब देखना है कि कंपनी बाजार की इन मुश्किलों से कैसे बाहर निकलती है।