प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा रामकृष्ण मिशन और भारत सेवाश्रम संघ पर उनकी सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के खिलाफ काम करने और राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाने की आलोचना की है।
पुरुलिया और बिष्णुपुर में रैलियों को संबोधित करते हुए, मोदी ने दावा किया कि बनर्जी के आरोप उनके मुस्लिम वोट बैंक को खुश करने का प्रयास थे और उनकी पार्टी इन सामाजिक-धार्मिक संगठनों को धमकाने और धमकी देने की सभी सीमाएं पार कर चुकी थी।
मोदी ने कहा कि इन संगठनों के दुनिया भर में लाखों अनुयायी हैं और उनका उद्देश्य लोगों की सेवा करना है, और बंगाल सरकार के कार्यों से पता चलता है कि उन पर उंगली उठाने में 'इतनी हिम्मत' दिखाई गई है। उन्होंने बनर्जी पर मुस्लिम कट्टरपंथियों के दबाव में होने और देश के संतों और साधुओं पर हमला करने का आरोप लगाया।
इससे पहले, बनर्जी ने भारत सेवाश्रम संघ के एक संत कार्तिक महाराज का नाम लेते हुए आरोप लगाया था कि वह सीधे टीएमसी के खिलाफ काम कर रहे हैं और भाजपा की मदद कर रहे हैं। उन्होंने रामकृष्ण मिशन के संबंध में दिल्ली से निर्देशों का भी उल्लेख किया था।
रामकृष्ण मिशन के अधिकारियों ने किसी भी राजनीतिक संबद्धता से इनकार किया, कहा कि वे राजनीति से दूर रहना चाहते हैं और सहायता के लिए राजनीतिक दलों पर निर्भर नहीं हैं।
संत-साधु देश की शक्ति: मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि संत-साधु हमारे देश की शक्ति हैं। उन्होंने कहा, "ये लोग दुनिया भर में करोड़ों लोगों के जीवन को प्रभावित करते हैं। उनका पूरा जीवन लोगों की सेवा में समर्पित होता है।"
मोदी ने कहा, "लेकिन दुर्भाग्य से बंगाल में टीएमसी सरकार इनकी सेवा भावना का अपमान कर रही है। ममता बनर्जी संत-साधुओं पर हमला करने की हिम्मत कैसे कर सकती हैं?"
पीएम मोदी ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी मुस्लिम कट्टरपंथियों के दबाव में हैं और इसलिए वह संतों-साधुओं पर हमला कर रही हैं।
रामकृष्ण मिशन ने किया इनकार
रामकृष्ण मिशन के अधिकारियों ने किसी भी राजनीतिक संबद्धता से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि मिशन राजनीति से दूर रहना चाहता है और किसी भी राजनीतिक दल पर निर्भर नहीं है।
मिशन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "हम राजनीति से दूर रहना चाहते हैं। हमारा उद्देश्य लोगों की सेवा करना है, न कि राजनीतिक लाभ के लिए काम करना। हम किसी भी राजनीतिक दल की मदद नहीं करते हैं।"
बंगाल में तनावपूर्ण माहौल
पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनावों के बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच तनावपूर्ण माहौल देखने को मिल रहा है। दोनों नेता एक दूसरे पर लगातार हमलावर हैं।
ममता बनर्जी भाजपा पर हिंसा और धार्मिक ध्रुवीकरण का आरोप लगा रही हैं। वहीं, भाजपा ममता सरकार पर भ्रष्टाचार और कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब होने का आरोप लगा रही है।
विशेषज्ञों का मानना है कि चुनावों में जीत हासिल करने के लिए दोनों दल एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। हालांकि, इन सबके बीच आम जनता परेशान है और शांतिपूर्ण चुनाव प्रक्रिया की मांग कर रही है।
निष्कर्ष
पीएम मोदी द्वारा ममता बनर्जी की टिप्पणी की आलोचना से पश्चिम बंगाल में राजनीतिक तनाव और बढ़ गया है। दोनों नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। हालांकि, इन सबके बीच आम जनता शांति और सुरक्षा की मांग कर रही है।
रामकृष्ण मिशन और भारत सेवाश्रम संघ जैसे धार्मिक संगठनों को राजनीति से दूर रहना चाहिए और अपने मूल उद्देश्य पर ध्यान देना चाहिए। साथ ही, राजनीतिक दलों को भी धार्मिक संगठनों का सम्मान करना चाहिए और उन्हें अपने राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।