निकिल कामथ ने रणबीर कपूर के साथ पॉडकास्ट में बेंगलुरु और मुंबई पर साझा किए अपने विचार

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निकिल कामथ ने रणबीर कपूर के साथ पॉडकास्ट में बेंगलुरु और मुंबई पर साझा किए अपने विचार

बेंगलुरु और मुंबई पर निकिल कामथ के विचार

निकिल कामथ, ज़ेरोधा के सह-संस्थापक, ने हाल ही में 'पीपल बाय डब्ल्यूटीएफ' नामक पॉडकास्ट में अपने विचार प्रकट किए। विशेष बात यह थी कि उनके साथ इस चर्चा में बॉलीवुड के अभिनेता रणबीर कपूर भी शामिल थे। कामथ ने बेंगलुरु और मुंबई के बीच की तुलना पर अपना दृष्टिकोण साझा किया।

बचपन और बेंगलुरु से जुड़ाव

निकिल कामथ का जन्म कर्नाटक के शिवमोग्गा में हुआ था। वे मात्र सात साल की उम्र में अपने परिवार संग बेंगलुरु शिफ्ट हो गए थे, जब उनके पिता का ट्रांसफर हुआ था। तब से अब तक, कामथ ने पिछले 30 साल इसी शहर में बिताए हैं। इस अवधि में कामथ का बेंगलुरु से गहरा रिश्ता बन गया है और इस शहर के प्रति उनका लगाव अत्यधिक है।

बेंगलुरु का अनूठा स्वभाव

पॉडकास्ट के दौरान कामथ ने बेंगलुरु के अनोखे स्वभाव को उजागर किया। उन्होंने यह बताया कि बेंगलुरु का माहौल मुंबई से पूरी तरह से अलग है। बेंगलुरु के लोग, उसकी संस्कृति, और यहाँ मिलने वाली अत्यधिक प्रतिभा सब कुछ मिलकर इसे एक विशेष शहर बनाते हैं। यहाँ का वातावरण उद्यमियों के लिए बेहद अनुकूल है, किफायती है और नवाचार के लिए घर है।

रणबीर कपूर को बेंगलुरु में स्वागत

इस पॉडकास्ट में निकिल कामथ ने रणबीर कपूर को बेंगलुरु आने का निमंत्रण दिया। उन्होंने जोर देकर कहा कि रणबीर को बेंगलुरु के अनसुलझे रहस्यों को खुद देखना चाहिए, और यहाँ की विविधता और उत्साह का आनंद लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि बेंगलुरु के लोग स्वभाव से ही खुले और दोस्ताना होते हैं, जो इसे विशेष बनाता है।

शहर की चुनौतियाँ

बेंगलुरु की विशेषताओं के साथ-साथ, कामथ ने इस शहर की कुछ प्रमुख चुनौतियों पर भी रोशनी डाली। ट्रैफिक की समस्या और खराब सड़कें यहाँ की बड़ी समस्याओं में शामिल हैं। लेकिन, उन्होंने यह भी बताया कि इन कमियों के बावजूद, बेंगलुरु की आत्मा इन्हें मात देती है और यह शहर अपनी ताकत और संभावनाओं से आगे बढ़ता रहता है।

सारांश

निकिल कामथ के विचारों ने यह स्पष्ट कर दिया कि बेंगलुरु और मुंबई, दोनों ही शहरों की अपनी-अपनी खासियतें हैं। बेंगलुरु में जहाँ नवाचार और उद्यमिता के लिए एक किफायती माहौल है, वहीं मुंबई की जीवनशैली और तेज गति एक अलग ही दुनिया पेश करती है। कामथ का यह मानना है कि बेंगलुरु की आत्मा और यहाँ के लोग इस शहर को विशेष बनाते हैं, और उन्होंने रणबीर कपूर को इस शहर की सुंदरता को खुद अनुभव करने का आग्रह किया।

यह चर्चा बेंगलुरु और मुंबई जैसे महानगरों की विविधता को दर्शाती है और यह भी बताती है कि किस तरह से प्रत्येक शहर की अपनी-अपनी पहचान और भावना होती है।

Savio D'Souza

लेखक के बारे में Savio D'Souza

मैं एक पत्रकार हूँ और भारतीय दैनिक समाचारों पर लिखने का काम करता हूँ। मैं राजनीति, सामाजिक मुद्दे, और आर्थिक घटनाक्रम पर विशेष ध्यान देता हूँ। अपने लेखन के माध्यम से, मैं समाज में जागरूकता बढ़ाने और सूचनात्मक संवाद को प्रेरित करने का प्रयास करता हूँ।

टिप्पणि (15)
  • Roma Bajaj Kohli
    Roma Bajaj Kohli
    28.07.2024

    बेंगलुरु का एंटरप्रेन्योरशिप इकोसिस्टम भारत के टेक परिदृश्य में एक अनिवार्य नोड है।
    यहा के स्टार्टअप्स अक्सर सिलिकॉन वैली के मॉडल को अपनाते हुए हाइब्रिड इनोवेशन स्ट्रैटेजी लागू करते हैं।
    शहिरों का जहाँ क्लस्टर बन रहा है, वहीं फंडिंग का एंजेल नेटवर्क भी तेज गति से विस्तार पा रहा है।
    बेंगलुरु के कोवर्किंग स्पेसेस में फैले हुए आयडियाज़ को तुरंत प्रोटोटाइप में बदलना आम बात है।
    स्मार्ट सिटी पहल के तहत डेटा सिटी लाइट्स से लेकर इंटीग्रेटेड ट्रांसपोर्ट तक हर चीज़ कनेक्टेड हो रही है।
    मिलेनियल्स यहाँ की किफायती रेंट और खुली संस्कृति की वजह से अपने करियर को स्केल करना पसंद करते हैं।
    विरासत में मिली आईटी कंपनियों ने भी अपने R&D हब को यहाँ स्थापित कर नई तकनीकों को पंख दिया है।
    कंपनीज की बाइडिंग टेबल्स पर अक्सर AI, ML और बिग डेटा की चर्चा होती है, जिससे युवा प्रोफेशनल्स को अपस्किल करने का बड़ा मंच मिलता है।
    बेंगलुरु के इन्फ्रास्ट्रक्चर में निरंतर सुधार होते रहता है, जैसे बॉर्डरलेस फाइबर नेटवर्क से लेकर 5G रोलआउट तक।
    ट्रैफिक की समस्या अभी भी है, पर शहरी मॉबिलिटी स्टार्टअप्स ने राइडशेयरिंग और इलेक्ट्रिक स्कूटर को लोकप्रिय बना दिया है।
    शिक्षा संस्थानों ने इंडस्ट्री-केंद्रित कोर्सेज शुरू कर छात्रों को रियल-टाइम प्रोजेक्ट्स पर काम करने के लिए तैयार किया है।
    बेंगलुरु की विविधता यहाँ के बहुभाषी और बहु-सांस्कृतिक माहौल को दर्शाती है, जो इनोवेशन को ताज़ा विचारों से भर देती है।
    वाँ के रेस्तरां और कैफ़े केवल खाने-पीने की जगह नहीं, बल्कि कोडिंग और ब्रेनस्टॉर्मिंग के हब बन चुके हैं।
    शहरी नियोजन में सततता को समझते हुए कई ग्रीन बिल्डिंग्स और सोलर पैनल इंटेग्रेशन को प्राथमिकता दी जा रही है।
    इन सब कारणों से बेंगलुरु को सिर्फ एक शहर नहीं, बल्कि भारत का टेक ह्रदय कहा जाता है।

  • Nitin Thakur
    Nitin Thakur
    29.07.2024

    मुंबई की लाइट्स नहीं, बेंगलुरु की कोडिंग ही असली चमक है।

  • Arya Prayoga
    Arya Prayoga
    29.07.2024

    बनियादी इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार जरूरी है, नहीं तो टैलेंट लीक होगा।

  • Vishal Lohar
    Vishal Lohar
    29.07.2024

    वो बेंगलुरु के ‘गिगाबाइट सिटी’ को देखने के बाद ही समझ पाएंगे कि शहरी मुक़ाबला क्या है।

  • Vinay Chaurasiya
    Vinay Chaurasiya
    29.07.2024

    ट्रैफिक की समस्याएं!! इनको सॉल्यूशन ढूँढ़ना पड़ेगा!!!

  • Selva Rajesh
    Selva Rajesh
    29.07.2024

    उसी सड़क पर जहाँ डिलिवरी बॉय फुर्ती से दौड़ते हैं, वहीं सिग्नल्स का धोखा भी पनपता है।

  • Ajay Kumar
    Ajay Kumar
    29.07.2024

    शहर की आत्मा वही है जो नवाचार को पनपने देती है, चाहे रास्ते कितने भी कठिन हों।

  • Ravi Atif
    Ravi Atif
    29.07.2024

    बेंगलुरु की कॉफ़ी शॉप्स में बैठकर कोडिंग करना वाकई सुखद है 😊

  • Krish Solanki
    Krish Solanki
    29.07.2024

    डेटा से स्पष्ट है कि बेंगलुरु में टेक नौकरियों का औसत वेतन मुंबई से 20% अधिक है, जिससे आर्थिक असंतुलन उत्पन्न हो रहा है।

  • SHAKTI SINGH SHEKHAWAT
    SHAKTI SINGH SHEKHAWAT
    29.07.2024

    क्या आप जानते हैं कि बेंगलुरु के कुछ एरिया में सरकारी डेटाबेस की अनधिकृत पहुंच के प्रयोग चल रहे हैं, जो शहर के विकास को नियंत्रित कर रहे हैं?

  • VALLI M N
    VALLI M N
    29.07.2024

    चलो, बेंगलुरु की सड़कों पर धूम मचाते हैं, मुंबई की भीड़ के बिना! 😎

  • Aparajita Mishra
    Aparajita Mishra
    29.07.2024

    अरे वाह, बेंगलुरु के ट्रैफिक को देख कर अब मैं भी योगा सीख लूंगा, बहुत शांत है!

  • Shiva Sharifi
    Shiva Sharifi
    29.07.2024

    बेंगल्रु में जावास्क्रिप्ट का ट्रेंड ऐसे है जैसे हर घर में चाय हो।

  • Ayush Dhingra
    Ayush Dhingra
    29.07.2024

    मुंबई में फिल्म इंडस्ट्री की चमक तो है, लेकिन बेंगलुरु की टेक सीन का एंट्री लेवल हर किसी के लिए आसान है, इसलिए युवा यहाँ बेहतर करियर बना रहे हैं।

  • Vineet Sharma
    Vineet Sharma
    29.07.2024

    क्या बेंगलुरु का एयर कंडीशनर नेटवर्क इतना बड़ा है कि वो मुंबई की गर्मी को भी ठंडा कर सके?

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