यूक्रेन शांति वार्ता में चीन, भारत और ब्राजील की मध्यस्थता पर पुतिन का सुझाव
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पूर्वी आर्थिक मंच के पूर्ण सत्र में अपने संबोधन के दौरान प्रस्ताव दिया कि यूक्रेन के साथ शांति वार्ता को सफल बनाने के लिए चीन, भारत और ब्राजील जैसी प्रमुख शक्तियां मध्यस्थ की भूमिका निभा सकती हैं। यह सुझाव तब आया जब पुतिन ने यूक्रेन संघर्ष के आरंभिक चरणों में इस्तांबुल में रूसी और यूक्रेनी वार्ताकारों के बीच हुई प्रारंभिक सहमति का उल्लेख किया, जो लागू नहीं हो पाई थी।
पुतिन का मानना है कि ये तीनों देश वैश्विक मंच पर अत्यधिक प्रभावशाली हैं और वे संघर्ष के समाधान में सत्यनिष्ठा से रुचि रखते हैं। इन देशों का इस प्रक्रिया में शामिल होना यूक्रेन संघर्ष के समाधान में महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।
उधर, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर ज़ेलेंस्की ने अपने अमेरिका दौरे की घोषणा की है, जहां वे राष्ट्रपति जो बाइडन के समक्ष 'विजय योजना' प्रस्तुत करेंगे। ज़ेलेंस्की ने इस बात पर जोर दिया कि युद्ध का समाधान वार्ता से ही निकलेगा, लेकिन यह तभी संभव होगा जब यूक्रेन एक मजबूत स्थिति में होगा।
क्षेत्रीय स्थिति और संघर्ष की अद्यतन जानकारी
वर्तमान समय में, यूक्रेनी सैनिक रूस के कुर्स्क क्षेत्र में मुकाबला कर रहे हैं, जबकि मॉस्को ने पूर्वी यूक्रेन में अपनी सैन्य गतिविधियाँ जारी रखी हैं, जिसे उसने फरवरी 2022 से कब्जा कर रखा है। दोनों देशों के बीच प्रमुख आधारभूत संरचनाओं को निशाना बनाते हुए बड़े पैमाने पर ड्रोन हमले हो रहे हैं। कुर्स्क क्षेत्र में यूक्रेन की कथित घुसपैठ के बाद, रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि फिलहाल बातचीत संभव नहीं है।
पूर्व विवाद और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रियाएँ
पिछले समय में पुतिन ने कहा था कि यूक्रेन के साथ किसी भी बातचीत के लिए ज़ेलेंस्की को वर्तमान क्षेत्रीय वास्तविकताओं को स्वीकार करना होगा, जिसमें रूस का नियंत्रण चार यूक्रेनी क्षेत्रों और क्रीमिया पर भी शामिल है।
हाल ही में, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 23 अगस्त को यूक्रेन का दौरा किया, जहां उन्होंने ज़ेलेंस्की से बातचीत में रूस के साथ संवाद स्थापित करने पर बल दिया और क्षेत्र में शांति बहाल करने में भारत की संभावित भूमिका को प्रमुखता दी। मोदी ने छह सप्ताह पहले पुतिन से मास्को में मुलाकात की थी और कहा था कि सैन्य साधनों से इस संघर्ष का समाधान नहीं हो सकता।
दरअसल, मोदी ने बाइडन और पुतिन के साथ टेलीफोनिक बातचीत भी की है, जिसमें उन्होंने भारत की मध्यस्थता में भूमिका को और महत्वपूर्ण बनाने की कोशिश की। इससे जाहिर होता है कि भारत, चीन और ब्राजील जैसे देश यूक्रेन संघर्ष के समाधान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।