पेरिस ओलंपिक 2024: अमेरिका ने पदक तालिका में बाज़ी मारी, दूसरा स्थान चीन के नाम

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पेरिस ओलंपिक 2024: अमेरिका ने पदक तालिका में बाज़ी मारी, दूसरा स्थान चीन के नाम

पेरिस ओलंपिक 2024: अमेरिका का पदक तालिका में शानदार प्रदर्शन

पेरिस ओलंपिक 2024 का समापन खेल प्रेमियों के लिए कई यादगार पलों के साथ हुआ। विशेष रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका ने इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन करते हुए पदक तालिका में शीर्ष स्थान हासिल किया। अमेरिकी एथलीटों ने कुल 134 पदक अपने नाम किए, जिनमें 45 स्वर्ण, 47 रजत और 42 कांस्य शामिल हैं। इस जीत ने यह साबित कर दिया कि अमेरिका वैश्विक खेल जगत में एक अग्रणी खिलाड़ी है।

चीन की मज़बूत पकड़

पदक तालिका में चीन दूसरे स्थान पर रहा। चीनी खिलाड़ियों ने 38 स्वर्ण, 33 रजत और 50 कांस्य पदक जीते, जिससे कुल 121 पदकों के साथ चीन ने अपनी मज़बूत पकड़ दिखाई। विशेष रूप से बैडमिंटन और टेबल टेनिस में चीन का प्रदर्शन उत्कृष्ट रहा।

मेज़बान राष्ट्र फ्रांस

मेज़बान राष्ट्र फ्रांस ने भी अपने घरेलू दर्शकों को निराश नहीं किया और पदक तालिका में तीसरे स्थान पर रहा। फ्रांस ने कुल 74 पदक जीते, जिनमें 21 स्वर्ण, 20 रजत और 33 कांस्य पदक शामिल हैं। साइक्लिंग और नौकायन जैसे खेलों में फ्रांस के एथलीटों ने विशेष रूप से शानदार प्रदर्शन किया।

स्विमिंग और ट्रैक एंड फील्ड में अमेरिका का दबदबा

इस ओलंपिक में अमेरिका का सबसे अच्छा प्रदर्शन स्विमिंग और ट्रैक एंड फील्ड में रहा। इन खेलों में अमेरिकी खिलाड़ियों ने एक के बाद एक स्वर्ण पदक जीतकर अपनी प्रभावशाली महारत दिखाई। कई नए रिकॉर्ड भी बने, जो भविष्य में लंबे समय तक याद रखे जाएंगे।

बैडमिंटन और टेबल टेनिस में चीन का अद्भुत प्रदर्शन

चीनी एथलीटों ने बैडमिंटन और टेबल टेनिस में अपने दबदबे को एक बार फिर से सिद्ध किया। इन खेलों में चीन का प्रदर्शन इतना अद्भुत रहा कि उन्होंने अधिकांश स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिए, जिससे उनकी पदक तालिका में बढ़ोतरी हुई।

समापन समारोह की भव्यता

पेरिस ओलंपिक 2024 का समापन समारोह बेहद भव्य रहा। इस समारोह में दुनिया भर के एथलीटों की उपलब्धियों का जश्न मनाया गया और इन दो सप्ताहों के खेल जश्न की समाप्ति की गई। समापन समारोह में रंगारंग प्रस्तुतियों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों को देखा गया जिसने दुनिया भर के दर्शकों को भावविभोर कर दिया।

आगामी लॉस एंजिल्स ओलंपिक 2028 के प्रति ऊँची उम्मीदें

पेरिस ओलंपिक 2024 की सफलता ने आगामी 2028 में लॉस एंजिल्स में होने वाले ओलंपिक खेलों के लिए उच्च उम्मीदें स्थापित कर दी हैं। खेल प्रेमियों को आशा है कि अगला ओलंपिक भी उतना ही रोमांचक और यादगार होगा।

Savio D'Souza

लेखक के बारे में Savio D'Souza

मैं एक पत्रकार हूँ और भारतीय दैनिक समाचारों पर लिखने का काम करता हूँ। मैं राजनीति, सामाजिक मुद्दे, और आर्थिक घटनाक्रम पर विशेष ध्यान देता हूँ। अपने लेखन के माध्यम से, मैं समाज में जागरूकता बढ़ाने और सूचनात्मक संवाद को प्रेरित करने का प्रयास करता हूँ।

टिप्पणि (5)
  • Paras Printpack
    Paras Printpack
    12.08.2024

    ओह, क्या बात है, पेरिस में फिर से अमेरिका ने पदक तालिका में राज किया, जैसे हर ओलंपिक में यही नाटक होता है।
    स्वर्ण, रजत, कांस्य की गिनती में उनके नतीजे बिल्कुल नया नहीं लगे, बस वही पुरानी जीत का बैनर लहरा रहा है।
    क्या कहते हैं, "डॉमिनेटेड" इंटेलिजेंस? हाँ, इस बार भी अमेरिकी एथलीटों ने अपनी पुरानी मैक्रो-ट्रेनिंग स्ट्रेटेजी से सबको मात दी।
    स्विमिंग पूल में उन्होंने ऐसे फिनिश किए जैसे पानी को भी बहाने की जरूरत नहीं थी, बस तेज़ी से धक्का मारते रहे।
    ट्रैक पर भी उनका परफॉर्मेंस ऐसा कि वेस्ट कोस्ट की हवा भी उनके साथ दौड़ रही थी, यह किस तरह का राष्ट्रीय गर्व है, समझ नहीं आता।
    लेकिन सच कहूँ तो, चीन की बैडमिंटन और टेबल टेनिस जीत को तो नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, उन्होंने भी अपनी छोटी टीम से बड़ी लहर बना दी।
    फ्रांस की मेजबानी में दर्शकों की तालियों की गिनती तो शून्य हो गई, क्योंकि उनके एथलीटों ने बहुत कम चमक दिखाई।
    क्या देखना चाहते हैं, दो साल बाद लॉस एंजेलिस में भी यही शो‑टाइम पुनः दोहराया जायेगा?
    अगर आप सोच रहे हैं कि यह सब सिर्फ संख्याओं का खेल है, तो आप गहराई से नहीं देख रहे।
    यहाँ अंडरडॉग्स को भी मौका नहीं मिला, सब कुछ पहले से तय था, जैसे ड्रेस रीक्लेयरेशन मीटिंग में स्क्रिप्टेड।
    और हाँ, मीडिया ने भी इस जीत को इतना बड़ा बना दिया, कि बाकी देशों की मेहनत धुंधली हो गई।
    अगर कोई यह सोचता है कि अगले ओलंपिक में कुछ नया देखेंगे, तो वह बस वाकई में एक फैंटेसी देख रहा है।
    इस तरह की हेराफेरी से खेलों की शुद्धता खराब होती है, और दर्शक भी थक जाते हैं।
    संक्षेप में, अमेरिकी टीम ने फिर से दिखा दिया कि वे किस तरह से “हैबिट” को तोड़ते हैं।
    लेकिन वास्तविक खेल प्रेमी को तो चाहिए असली प्रतिस्पर्धा, न कि एक-दूसरे के ऊपर टिक‑टैक जैसा सकोर्स।
    अंत में, उम्मीद है कि अगली बार कुछ सच्ची चैलेंजेस देखेंगे, वरना यही चक्र हम सबके लिए बोरिंग हो जायेगा।

  • yaswanth rajana
    yaswanth rajana
    12.08.2024

    पेरिस ओलंपिक में अमेरिकी एथलीटों की उपलब्धियों को देखकर कोचिंग कम्युनिटी को एक स्पष्ट मापदंड मिला है।
    स्विमिंग और ट्रैक एंड फील्ड में उनकी निरंतरता यह दर्शाती है कि विज्ञान‑आधारित प्रशिक्षण प्रोग्राम कितने प्रभावी हो सकते हैं।
    हालांकि, हमें यह भी याद रखना चाहिए कि प्रतिस्पर्धा में विविधता और वैश्विक सहभागिता कितनी महत्वपूर्ण है, इसलिए अन्य देशों की प्रगति को नज़रअंदाज़ नहीं किया जाना चाहिए।
    अगली बार जब लॉस एंजिल्स 2028 की तैयारी होगी, तो हमें अपने एथलीटों के लिए नवाचारपूर्ण विधियों को लागू करने के लिए सख्त कदम उठाने चाहिए।
    मुझे पूरी आशा है कि सभी राष्ट्र मिलकर नई ऊँचाइयाँ छुएँगे और खेलों का सार ठोस बनेगा।

  • Roma Bajaj Kohli
    Roma Bajaj Kohli
    12.08.2024

    भारत की खेल नीति को इस सच्ची अमेरिकी परिपक्वता से सीख लेकर अपनी स्पोर्ट्स डिप्लोमेसी को री‑डिफाइन करना चाहिए, नहीं तो हम हमेशा दूसरे की बैनर के नीचे रहेंगे।
    ग्लोबल हेजेमनी के तहत, इन ओलंपिक डेटा को रणनीतिक इंटेलिजेंस के रूप में प्रयोग कर, राष्ट्रीय खेल बुनियादी ढाँचा को टाइटेनियम‑ड्यूरेटिक स्तर पर ले जाना आवश्यक है।

  • Nitin Thakur
    Nitin Thakur
    12.08.2024

    असली एथलीट को अपनी जीत में खुद को भगवान समझ लेना चाहिए नहीं तो समाज को लोड पड़ेगा
    इन बड़े देशों का लगातार कहना है कि पावर और पैसों से जीत होती है लेकिन हमें इससे सीख लेनी चाहिए कि मेहनत ही सही है
    लेकिन अगर हम राष्ट्रीय भावना को इस तरह से देखेंगे तो खेल का असली मज़ा खत्म हो जाएगा

  • Arya Prayoga
    Arya Prayoga
    12.08.2024

    अमेरिका की जीत पर गर्व नहीं होना चाहिए।

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