झारखंड में भारी बारिश का बड़ा खतरा: मौसम विभाग की चेतावनी
झारखंड में इस बार जून की तपती गर्मी से राहत तो मिली है, लेकिन अब राज्य नए संकट का सामना कर रहा है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने पूरे झारखंड के लिए झारखंड में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जो 20 जून से शुरू होकर लगातार पांच दिन तक चलेगा। भारी बारिश के कारण बाढ़, जलभराव और भूस्खलन जैसी मुश्किलें सामने आ सकती हैं।
IMD का कहना है कि राज्य के लगभग सभी जिलों में सामान्य बारिश की तुलना में ज्यादा पानी बरसने की आशंका है। पिछली बार जब ऐसा अलर्ट आया था, तब कई इलाकों में सड़कें डूब गई थीं, लोगों के घरों में पानी घुस गया था और जनजीवन पूरी तरह बदहाल हो गया था। मौसम विभाग के मुताबिक, दिन में जहां तापमान 36 डिग्री सेल्सियस के आसपास था, वहां अब यह गिरकर 30 डिग्री तक पहुंच सकता है। रात का तापमान भी गिरकर करीब 23 डिग्री पर आ सकता है। इससे पुराना गर्मी का कहर तो हटेगा, मगर दूसरी मुश्किलें परेशान कर सकती हैं।
कहां-कहां ज्यादा खतरा और प्रशासन की तैयारी
मौसम विभाग ने खासतौर पर झारखंड के पहाड़ी तथा निचले इलाकों के लोगों को सतर्क किया है। झारखण्ड के कोडरमा, रांची, धनबाद, गुमला, लोहरदगा, दुमका, साहिबगंज और चाईबासा जैसे जिलों में काफी भारी वर्षा का बड़ा खतरा बताया गया है। इन जगहों के लोग पहले भी पानी भराव और भू-स्खलन का सामना कर चुके हैं। अगर आपकी लोकेशन नदी या बड़े नालों के पास है, तो नजर बनाए रखें। प्रशासन ने साफ कर दिया है कि फ्लैश फ्लड के हालात बन सकते हैं। कई बार कुछ घंटे की मूसलधार बारिश से सड़कों और नालों में अचानक जलस्तर बढ़ जाता है।
प्रशासन ने अलर्ट जारी करने के साथ ही सभी जिलों के नगर निगम और पंचायतों को सतर्क रहने और राहत दल तैयार रखने को कहा है। स्कूलों में छुट्टी के फैसले या समयबद्ध बदलाव की, बस सेवाओं पर नजर, और जरूरी हालत में अफसरों को 24 घंटे ड्यूटी पर रहने का आदेश दिया गया है। इसके अलावा, झारखंड राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने हेल्पलाइन नंबर जारी करने की तैयारी कर ली है ताकि जरूरतमंदों को फौरन राहत मिल सके।
- आपके इलाके में बारिश तेज हो तो घर के अंदर ही रहें
- नदी-नाले, पोखर या पुल के पास न जाएं
- सड़क पर जलभराव दिखे तो रास्ता बदल लें
- लोकल सरकारी खबरों और अपडेट्स पर नजर रखें
- फोन चार्ज और जरूरी सामान तैयार रखें
इस बार की पांच दिनी बारिश का असर सिर्फ झारखंड तक सीमित नहीं है। बिहार, ओडिशा और राजस्थान तक इस मौसम की मार पड़ सकती है। दूसरी ओर, खेती के लिए हालांकि यह बुलेटिन अच्छी खबर है, लेकिन जिन इलाकों में नालों की सफाई नहीं हुई, वहां नए संकट सिर उठा सकते हैं। इस बार हर कोई यही चाहता है कि भारी पानी फायदे की बारिश बने, सिरदर्द न लाए।
Vinod Mohite
20.06.2025IMD द्वारा जारी किया गया ऑरेंज अलर्ट वास्तव में एक उच्च-स्तरीय hydrometrological संकेत है जो precipitation index को मौसमी अनोमली के साथ correlate करता है यह संकेत देता है कि बाढ़ जोखिम की probability exponential growth के दायरे में है.
Rishita Swarup
21.06.2025ऐसा लगता है कि इस ऑरेंज अलर्ट के पीछे कोई छिपी हुई योजना हो सकती है, क्योंकि सरकारी एजेंसियां अक्सर मौसम डेटा को manipulate करती हैं ताकि जनसंख्या पर नियंत्रण स्थापित किया जा सके। हाल ही में कई रिपोर्टों में क्लाउड seeding के प्रयोग का उल्लेख मिला है और यह वही कारण हो सकता है कि अब झारखंड में अचानक इतना भारी वर्षा हो रहा है। यही कारण है कि हमें आधिकारिक बयानों पर blind trust नहीं करना चाहिए।
anuj aggarwal
21.06.2025सिर्फ एलर्ट ही नहीं बल्कि वास्तविक तैयारी भी कच्ची है, प्रशासन का response हमेशा लेट और inadequate रहता है, लोग बार‑बार एक ही गलती दोहरा रहे हैं और हम सब को वही बुरा परिणाम भुगतना पड़ रहा है।
Sony Lis Saputra
21.06.2025दोस्तों, इस तनावभरे समय में एक-दूसरे को अपडेटेड रखने का प्रयास बहुत जरूरी है, अगर आप इलाके में हैं तो स्थानीय पानल टिकट्स या community groups में जानकारी शेयर करें और जहां भी संभव हो, पानी‑संचयन के उपाय अपनाएं, इससे पीछे‑पीछे ठहराव कम होगा।
Kirti Sihag
21.06.2025वाह! कितना drama है यार 😅 लेकिन सच में, ऐसे अलर्ट पर हल्का‑हाथी नहीं चलना चाहिए, हमें precautionary steps लेकर ही आगे बढ़ना चाहिए, नहीं तो फिर बाढ़ में फँस कर हम सब drama king बन जाएंगे 🤦♀️
Vibhuti Pandya
21.06.2025मैं पूरी तरह सहमत हूँ, वास्तविक उपायों की कमी ही अक्सर बड़ी समस्याओं का कारण बनती है, इसलिए प्रशासन को चाहिए कि वे जल्दी‑जल्दी resources allocate करें और स्थानीय निकायों के साथ coordination बढ़ाएँ।
Aayushi Tewari
21.06.2025इमरजेंसी संपर्क नंबर अभी उपलब्ध है।
Rin Maeyashiki
21.06.2025भारी बारिश का अलर्ट सभी के लिए एक चेतावनी है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हम सिर्फ नज़र उठाकर चले जाएँ। पहले, हमें अपने घर के आसपास की नाली और जलनिकायों की सफाई व्यवस्थित रूप से करनी चाहिए, क्योंकि गंदा जल निकाय जल्दी‑जल्दी overflow करता है। दूसरा, यदि आप नदी के पास रहते हैं तो उच्च जल स्तर की लगातार निगरानी रखें, क्योंकि flash flood का खतरा तुंरत बढ़ सकता है। तीसरा, बिजली की कटौती या मोबाइल नेटवर्क की बाधा के समय में, अपना emergency kit तैयार रखें, जिसमें टॉर्च, बैटरी, प्राथमिक चिकित्सा किट और पर्याप्त पानी शामिल हो। चौथा, स्कूल और कॉलेज में शिक्षकों को चाहिए कि वे बच्चों को जल सुरक्षा के बारे में जागरूक करें, ताकि panic से बचा जा सके। पाँचवा, स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर temporary shelters की पहचान करें और उन तक पहुँचने के रास्ते की योजना बनाएं। छैटा, यदि आपके पास जनरेटर या कोई backup power source है तो उसका सही रख‑रखाव करें, क्योंकि बिजली की outage आम बात है। सातवाँ, सोशल मीडिया पर official updates को फॉलो करने से आप real‑time जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। आठवें बिंदु में, यदि संभव हो तो घर के अंदर ही रहें और बाहर की ओर जाने से बचें, खासकर शाम‑सुविधा के समय। नौवाँ, अपने पड़ोसियों के साथ मिलकर एक छोटे ग्रुप में आपातकालीन सहायता की योजना बनाएं, जिससे collective response तेज़ हो। दसवाँ, यदि आप किसी vulnerable area में रहते हैं तो अग्रिम evacuation plan बनाकर रखें। ग्यारहवाँ, इस मौसम में कृषि की स्थिति भी प्रभावित होगी, इसलिए किसान भाईयों को चाहिए कि वे अपने फ़सल‑संरक्षण के उपाय त्वरित करें। बारहवाँ, मौसम विज्ञानियों का कहना है कि जल‑स्रोतों का सही प्रबंधन भविष्य में ऐसी आपदाओं को कम कर सकता है, इसलिए हमें दीर्घकालिक योजना बनानी चाहिए। तेरवाँ, यदि आप गैस या LPG सिलिंडर इस्तेमाल करते हैं तो उसका सुनिश्चित रखें कि वह सुरक्षित जगह पर रखी हो, क्योंकि पानी की भराव से लीकेज का जोखिम बढ़ जाता है। चौदहवाँ, स्थानीय स्वास्थ्य केन्द्र में उपलब्ध emergency medicines की लिस्ट रखें और किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिये डॉक्टर से संपर्क में रहें। पंद्रहवाँ, याद रखें कि बाढ़ के बाद भी जल‑जनित रोगों का खतऱा बना रहता है, इसलिए साफ़ पानी पिऊँ और हाथ‑धोने की आदत को दुगुना करें। सोलहवाँ, अंत में, इस कठिन समय में एक-दूसरे के साथ सहयोग और समझदारी सबसे बड़ा हथियार है, जिससे हम सभी सुरक्षित रह सकते हैं।