अमिताभ बच्चन ने 'कल्कि 2898 एडी' में अपने अद्वितीय अनुभव को साझा किया
महानायक अमिताभ बच्चन ने अक्षरा दुनियां में अपने कदम वापसी करते हुए 'कल्कि 2898 एडी' में अपने अनुभव साझा किया। यह फिल्म विज्ञान-कथा शैली की है और इसे नाग अश्विन ने निर्देशित किया है। इस फिल्म के बारे में बात करते हुए, बच्चन ने अपनी खुशी और उत्तेजना को व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस फिल्म का दृष्टिकोण बिल्कुल अद्वितीय और भविष्यवादी है, जिसे देखकर दर्शक चकित रह जाएंगे।
बच्चन ने कहा, "नाग अश्विन का दृष्टिकोण इतना जोरदार और सृजनात्मक है कि यह हमें हर बार नई ऊँचाइयों पर ले जाता है। उनकी दृष्टि और उनमें छिपी सृजनात्मकता ने हम सभी को प्रभावित किया है। फिल्म के वेजुअल इफेक्ट्स ने इसे एक नई ऊँचाइयों पर पहुंचा दिया है, जिसे भारतीय सिनेमा ने कभी नहीं देखा।"
अतुलनीय प्रोडक्शन और क्रिएटिविटी
फिल्म की शूटिंग और निर्माण में जो प्रयास किए गए हैं, उनको लेकर अमिताभ बच्चन ने निर्माता टीम की सराहना की। उन्होंने कहा कि टीम ने फिल्म के बनाने में दिल और आत्मा डाल दी है और यह फिल्म भारतीय सिनेमा में एक मील का पत्थर साबित होगी। बच्चन ने नाग अश्विन की क्रिएटिविटी की भी प्रशंसा की और कहा कि निर्देशक हमेशा टीम को चौंकाने वाले इनोवेटिव आइडियाज के साथ प्रस्तुत होते थे।
बच्चन ने अपनी भूमिका के बारे में बात करते हुए कहा कि वह फिल्म में अमर योद्धा अश्वत्थामा की भूमिका निभा रहे हैं। इस भूमिका के बारे में उन्होंने कहा कि यह एक चुनौतीपूर्ण किरदार है लेकिन कहानी और निर्देशक की दृष्टि ने इसे एक असाधारण अनुभव बना दिया है।
फिल्म का रिलीज और भारतीय सिनेमा की नई दिशा
'कल्कि 2898 एडी' का निर्माण अस्विनी दत्त ने किया है, जो वैजयंती मूवीज के संस्थापक हैं। फिल्म के नए ट्रेलर का अनावरण एक भव्य कार्यक्रम में किया गया, जिसमें मुख्य कलाकार प्रभास, कमल हासन, और दीपिका पादुकोण भी मौजूद थे। यह फिल्म 27 जून को रिलीज होने वाली है और इसमें भारतीय सिनेमा को एक नई दिशा देने का वादा किया गया है।
फिल्म के ट्रेलर में दिखाए गए विजुअल इफेक्ट्स और कहानी ने दर्शकों में पहले ही उत्तेजना पैदा कर दी है और यह उम्मीद की जा रही है कि यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचाएगी। यह पहली बार है जब भारतीय सिनेमा में इस प्रकार की विज्ञान-कथा फिल्म बनाई गई है, जो दुनिया को एक नई नजर से देखने का मौका देती है।
अमिताभ बच्चन के शब्दों में, यह फिल्म एक ऐसी यात्रा पर ले जाएगी जिसे पहले कभी नहीं देखा गया है। वे कहते हैं, "यह फिल्म न केवल मनोरंजन का माध्यम बनेगी बल्कि यह एक संदेश भी देगी। इसमें दिखाए गए भविष्य के दृश्य और तकनीक हमें यह सोचने पर मजबूर करेंगे कि हम आने वाले समय में किस दिशा में जा रहे हैं।"
अमिताभ बच्चन के इस विशेष विवेचन ने न केवल फिल्म के प्रति दर्शकों की उम्मीदें बढ़ा दी हैं, बल्कि यह भी स्पष्ट कर दिया है कि भारतीय सिनेमा अब नई ऊँचाइयों पर पहुंचने के लिए तैयार है। दर्शकों को अब इस फिल्म का बेसब्री से इंतजार है और यह देखना दिलचस्प होगा कि यह विज्ञान-कथा फिल्म क्या नया आयाम पेश करती है।

निष्कर्ष
इस फिल्म के जरिए भारतीय सिनेमा को एक नई पहचान मिलने की पूरी संभावना है। नाग अश्विन के नेतृत्व में बनी यह फिल्म न केवल एक मनोरंजक सिनेमा अनुभव प्रदान करेगी बल्कि यह भी दिखाएगी कि भारतीय सिनेमा अब वैश्विक सिनेमा से किसी भी मामले में कम नहीं है। अमिताभ बच्चन, प्रभास, कमल हासन, और दीपिका पादुकोण जैसे कलाकारों की उपस्थिति इस फिल्म को और भी खास बनाती है। टिकट काउंटरों पर इसकी सफलता की पूरी संभावना है और फैंस को इस फिल्म का बेसब्री से इंतजार है।
Ravi Atif
20.06.2024अमिताभ जी का कहना है कि इस फ़िल्म में विज्ञान और कल्पना का संगम इतना अद्भुत है कि दर्शक खुद को भविष्य की सड़कों पर देखते हैं। उनके शब्दों में उत्साह की लहर है, जैसे कोई बड़ा उत्सव हो रहा हो। फ़िल्म के विज़ुअल इफ़ेक्ट्स ने भारतीय सिनेमा की सीमाओं को तोड़ दिया है, एक नया आयाम खोलते हुए। नाग अश्विन की दृष्टि में तकनीकी जादू और कहानी का तालमेल ऐसा लगता है जैसे दो पुराने मित्र फिर से मिल रहे हों। ऐसे दृश्यों में नायकों की अभिव्यक्ति इतनी शक्तिशाली है कि दिल धड़के बिना नहीं रह सकता। अश्वत्थामा की भूमिका में अमिताभ जी ने एक शाश्वत योद्धा का रूप धारण किया है, जो समय के परे चल रहा है। विज़ुअल सिमुलेशन में अंतरिक्ष की चमक और भविष्य के शहर की इमारतें इतनी वास्तविक लगती हैं कि आँखें नहीं हटतीं। भविष्य की तकनीक, जैसे होवर कार और एआई ड्रोन्स, देख कर युवा वर्ग को प्रेरणा मिल सकेगी। फ़िल्म के ट्रेलर में दिखाए गए रंग और प्रकाश का प्रयोग एक कलात्मक प्रयास है, जो दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देता है। कहानी के मोड़ में जो नैतिक सवाल उठते हैं, वे हमारे समाज को आगे बढ़ाने में मदद करेंगे। अभिनेताओं की अदाकारी और बैकग्राउंड संगीत का संगम एक खास माहौल बनाता है, जो दिल को छू जाता है। यह फ़िल्म भारतीय विज्ञान‑कथा जेनर में नई दिशा तय कर रही है, जैसा कि अमिताभ जी ने बताया। प्रकाशन के बाद बॉक्स ऑफिस पर मिलने वाली प्रतिक्रिया को देखकर उद्योग में नई बुलंदियों की उम्मीद जग रही है। ऐसी फ़िल्में हमें यह सिखाती हैं कि सपने देखना और उन्हें ज़मीन पर उतारना दोनो ही जरूरी हैं। आइए, हम सब मिलकर इस सफ़र की शुरुआत करें, 🚀😊
Krish Solanki
23.06.2024नवोदित विज़ुअल इफ़ेक्ट्स के इस विस्तृत फ़ैब्रिक में, निर्देशक ने तकनीकी जटिलताओं को अभूतपूर्व कलात्मक अभिव्यक्ति के साथ मिश्रित किया है। उनका दृष्टिकोण न केवल संवेदनशील है, बल्कि सिनेमा के भविष्य के दिशा-निर्देश को पुनर्परिभाषित करता है। इस तरह की सच्ची नवाचारिता को अक्सर ही प्रशंसा के साथ-साथ आलोचना भी मिलता है, परंतु यहाँ यह स्पष्ट दिखता है कि कल्पना की कोई सीमा नहीं है।
SHAKTI SINGH SHEKHAWAT
26.06.2024ऐसी अत्याधुनिक तकनीक के पीछे एक गहरी साजिश छुपी हुई हो सकती है, जहाँ बड़े बड़े कॉरपोरेट समूहों का उद्देश्य दर्शकों के मनोवैज्ञानिक पैटर्न को नियंत्रित करना हो सकता है। फिल्म में दिखाए गए भविष्य के शहर का दृश्य संभवतः सरकारी एजेंसियों के प्रयोगशाला से निकला हुआ प्रोटोटाइप हो सकता है। इस तरह के चित्रण से यह संकेत मिलता है कि सिनेमा का प्रयोग अब केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि जनमत को दिशा देने के लिए भी किया जा रहा है।
sona saoirse
29.06.2024सही बात तो यही है कि सिनेमा में इमरजेंसी का इफेक्ट डालना बेस्ट है, पर कभी कभि एतिहासिक सच्चाई को झुठलाने का भी खतरा रहता है। हमारा फोकस हमेशा क्वालिटी और इम्यूनिटी पर होना चाहिए।
VALLI M N
2.07.2024भारत का गर्व, ऐसा साई‑फाई नहीं देखा! 🇮🇳
Aparajita Mishra
5.07.2024वाह, आखिरकार हमें ऐसा विज्ञान‑कथा मिल गया जो हमारे दादियों की दादी भी देख पाएगी।
ऐसी फ़िल्म के साथ तो हमें अंतरिक्ष में टैक्सी बुक करने का भी मौका मिल सकता है, है ना?
चलो, सब मिलकर पॉपकॉर्न लेकर इस 'भविष्य' की सैर पर चलते हैं।
Shiva Sharifi
8.07.2024बिलकुल, इस फ़िल्म से युवा पीढ़ी को नई तकनीक की समझ मिलेगी और प्रेरणा भी।
विज़ुअल इफ़ेक्ट्स का स्तर देख कर कोई भी आसान‑सार्थक नहीं रह जाएगा।
अगर बॉक्स ऑफिस पर धूम मचाती है तो पूरे इंडस्ट्री के लिए एक नई दिशा खुल जाएगी।
हमें इस तरह की कृति को पूरे दिल से सपोर्ट करना चाहिए।
Ayush Dhingra
11.07.2024देखो, इतने बड़े सितारे भी फ़िल्म में ज़्यादा कुछ नहीं कर पाए।
बॉक्स ऑफिस पर अगर धूम मचाती है तो वही हमारे सच्चे नायक हों।
Vineet Sharma
13.07.2024सच में, हमें हर साल नई-नई साइ‑फ़ाई की फ़िल्में चाहिए, जैसे कि कल के समाचार।
अगर ट्रेलर में थोड़ा ड्रामा और थ्रिल हो तो कलेक्शन तो बनेगा ही।
वही तो दर्शकों की उम्मीद होती है, समझे? 😏
Aswathy Nambiar
16.07.2024इश बात मैं थिंक करुं की फ़िल्म असल में लाइफ का एक प्रेझेंटेशन है।
कभी कभी असली रियलिटी को समझना बहोत डिफिकल्ट होता है।
Ashish Verma
19.07.2024भारतीय संस्कृति में भविष्य के सपने देखना हमेशा से ही प्रमुख रहा है 😊।
ये फ़िल्म हमारे परम्परा और टेक्नोलॉजी का मिलन है, बहुत ही सुंदर।
Akshay Gore
22.07.2024है न, सब लोग इसको रॉकस्टार मान रहे हैं, पर मैं कहूँगा कि यही माइक्रो मैनेजमेंट का असर है।
शायद अगले साल कुछ और बेहतर आएगा, देखेंगे।
Sanjay Kumar
25.07.2024चलिए, इस फ़िल्म को एक मौका देते हैं और देखते हैं क्या वास्तविकता इसमें दिखी है।