भारत बनाम श्रीलंका: एशिया कप 2025 में टीम में बड़े परिवर्तन और सुपर ओवर में जीत

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भारत बनाम श्रीलंका: एशिया कप 2025 में टीम में बड़े परिवर्तन और सुपर ओवर में जीत

मैच का पूर्वावलोकन और लाइन‑अप में बदलाव

दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में एशिया कप 2025 का सुपर फोर मुकाबला भारत‑श्रीलंका पर खेला गया। भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव ने टॉस के दौरान दो बड़े परिवर्तन घोषित किए – तेज़ गेंदबाज़ जसप्रीत बुमराह और ऑल‑राउंडर शिवम दुबे को छोड़कर अर्शदीप सिंह और युवा पेसर हरित राणा को शुरुआती XI में जगह दी। यह निर्णय कोच गौतम गँभीर की रोस्टर‑रोटेशन नीति को दर्शाता है, जिसमें स्टार खिलाड़ियों को आराम देते हुए नए चेहरों को अवसर मिले।

भारत की नई एक्स‑इलेवन में अभिषेक शर्मा, शुबमन गिल, सूर्यकुमार यादव (कप्तान), तिलक वार्मा, संजू सामसन (विकेट‑कीपर), हार्दिक पंड्या, अक्षर पटेल, हरित राणा, कुंदिप यादव, अर्शदीप सिंह और वरुण चक्रवर्ती शामिल थे। बुमराह का अभाव तेज़ बॉलिंग के विकल्प को बदलता दिखता है, जबकि अर्शदीप की वापसी उन्हें पिछले दो मैचों में आराम का लाभ देती है। हरित राणा को पहली बार बड़े मंच पर दिखाने का मौका मिला, जो भारत के तेज़ गेंदबाज़ी विभाग में नई ऊर्जा लाएगा।

श्रीलंका की ओर से भी एक छोटा परिवर्तन किया गया – कप्तान चरीत असालंका ने चमिका करुणारत्न के स्थान पर जनिथ लियानगे को सम्मिलित किया। उनका XI पाथम निसांका, कुसल मेंदीस (विकेट‑कीपर), कुसल पेरेरा, चरीत असालंका (कप्तान), जनिथ लियानगे, क़मिंदु मेंदीस, दासुन शनाका, वानिंदु हसरांगा, दुश्मंथ चौमेरा, महेश थीकशाना और नुवान ठुशारा से बना था।

मैच की कहानी: 202 रन, टाई और सुपर ओवर तक

मैच की कहानी: 202 रन, टाई और सुपर ओवर तक

भारत ने पहले बैटिंग करके 202 रन का बड़ा टोटल जमा किया – एशिया कप 2025 में 200 के पार पहला स्कोर। सूर्यकुमार यादव ने आक्रामक शुरुआत की, जबकि गिल और अभिषेक ने मध्यक्रम में घनत्व बनाए रखा। हार्दिक पंड्या ने फिनिशर के तौर पर तेज़ रन दोगुने किए, जिससे लक्ष्य पर पहुँचने की राह आसान हुई। इस दौरान अर्शदीप और हरित ने मिलकर 3 विकेट लिए, बुमराह की कमी को काफी हद तक पूरा किया।

श्रीलंका का जवाब उबलते हुए आया। ओपनर पाथम निसांका ने अपने करियर की सबसे शानदार पारी खेली – 100+ रन की शतकीय पारी, जिसमें 15 चार और 8 चौके शामिल थे। उनका अटैक एशिया कप की सबसे बड़ी पारी बन गया और उन्होंने भारत के 202 रन को 20 ओवर में बराबर कर दिया। अन्य खिलाड़ियों ने सहयोगी योगदान दिया, लेकिन निसांका के व्यक्तिगत चमक ने मैच को सुपर ओवर तक पहुंचाया।

सुपर ओवर में भारत ने सूक्ष्म फोकस दिखाया। सूर्यकुमार ने पहले गेंद पर ही दो रन लिए और फिर दो फॉलो‑अप शॉट्स से कुल 6 रन जोड़कर लक्ष्य पर पहुँचने का रास्ता साफ़ किया। अर्शदीप ने तेज़ तेज़ बॉल्स से एक ही ओवर में दो विकेट लेकर दबाव बना रखा। अंत में भारत ने 6 रन बनाकर जीत हासिल की, जिससे उनका असंगत जीत क्रम पाँच (बांग्लादेश, पाकिस्तान, अब श्रीलंका) से बढ़कर छः हो गया और फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ पहुँचने की राह साफ़ हुई।

कोच गँभीर की रोस्टर‑रोटेशन नीति के पीछे कई कारण छिपे हैं – बुमराह की थकान को कम करना, युवा तेज़ गेंदबाज़ी को टेस्ट में भरोसा दिलाना और मध्यक्रम में विकल्पों का मूल्यांकन। इस मैच में दिखी कुछ हल्की‑फुल्की मध्यक्रम की समस्याएं – सूर्यकुमार की पोजीशन, तिलक वार्मा और संजू सामसन के रोल को लेकर सवाल उठे। इन चुनौतियों के समाधान के लिए टीम मैनेजमेंट ने आगामी फाइनल में और रणनीतिक प्रयोग करने का इरादा जाहिर किया।

Savio D'Souza

लेखक के बारे में Savio D'Souza

मैं एक पत्रकार हूँ और भारतीय दैनिक समाचारों पर लिखने का काम करता हूँ। मैं राजनीति, सामाजिक मुद्दे, और आर्थिक घटनाक्रम पर विशेष ध्यान देता हूँ। अपने लेखन के माध्यम से, मैं समाज में जागरूकता बढ़ाने और सूचनात्मक संवाद को प्रेरित करने का प्रयास करता हूँ।

टिप्पणि (13)
  • Krishna Saikia
    Krishna Saikia
    27.09.2025

    भारत की ये जीत हमेशा याद रहेगी!

  • Meenal Khanchandani
    Meenal Khanchandani
    27.09.2025

    यह मैच दर्शाता है कि टीम को कब और कैसे बदलाव करना चाहिए। युवा गेंदबाज़ों को मौका देना सही दिशा में कदम है।

  • Anurag Kumar
    Anurag Kumar
    27.09.2025

    पहले तो बता दूँ कि इस मैच में बदलावों ने टीम की गहरी रणनीति को उजागर किया है।
    सूर्यकुमार यादव के साथ अर्शदीप सिंह और हरित राणा का संयोजन नए विचार लाता है।
    बुमराह की कमी को युवा पेसर ने भर दिया, जिससे बॉल की तेज़ी बनी रही।
    हरित राणा ने अपनी गति से बैट्समैन को असहज किया, यह देखना दिलचस्प था।
    अभिषेक शर्मा और शुबमन गिल की मध्यक्रम की फाइनल में स्थिरता रही।
    सुपर ओवर में त्वरित रन बनाने की साहसिक रणनीति ने मैच को पलट दिया।
    सूर्यकुमार ने पहले दो बॉल पर ही दो रन ले लिए, यह दबाव कम करने में मददगार रहा।
    अर्शदीप ने एक ओवर में दो विकेट लेकर शेष गेंदों को काबू में लिया।
    कोच गौतम गँभीर की रोस्टर‑रोटेशन नीति ने अभी तक के प्रदर्शन को सुदृढ़ किया है।
    निसांका की शतकीय पारी ने श्रीलंका को आशा दी, लेकिन टीम की सुसंगतता नहीं रही।
    भारत की फ़ील्डिंग ने भी कई महत्वपूर्ण क्षण पर दबाव बनाया।
    विकेट‑कीपर संजू सामसन ने कुछ महत्वपूर्ण रनों को रोकने में योगदान दिया।
    टॉस के बाद टीम की मनःस्थिति को समझना आसान रहा, क्योंकि बल्लेबाजों ने तुरंत हमला शुरू किया।
    फाइनल की तैयारी में यह जीत टीम को आत्मविश्वास देगी।
    खास तौर पर युवा गेंदबाज़ों को इस प्रकार के बड़े मंच पर अनुभव मिल रहा है, जो भविष्य में लाभदायक होगा।
    कुल मिलाकर यह मैच टीम के विविधता और लचीलापन को दर्शाता है।

  • Prashant Jain
    Prashant Jain
    27.09.2025

    परिवर्तन तो ठीक हैं, लेकिन कुछ विकल्प अभी भी अनिश्चित लगते हैं। अर्शदीप का वापसी आवश्यक था, पर क्या हरित राणा लगातार प्रभावी रहेगा? टीम को अभी भी मध्यक्रम में स्थिरता चाहिए।

  • DN Kiri (Gajen) Phangcho
    DN Kiri (Gajen) Phangcho
    27.09.2025

    खास बात ये है कि नए चेहरों को मौका मिला तो टीम में नई ऊर्जा आती है। बुमराह की थकान को देखते हुए यह कदम समझदारी भरा है। हमें इस दिशा में आगे बढ़ते देखना चाहिए

  • Yash Kumar
    Yash Kumar
    27.09.2025

    सच में, हमेशा कहा जाता है कि बदलाव जरूरी है, लेकिन कभी‑कभी यह सिर्फ दिखावा लगता है-जैसे कोच ने जनता को खुश करने के लिये ही रोस्टर बदल दिया। पिच की परिस्थितियों को देखे बिना चयन असंगत लगता है।

  • Aishwarya R
    Aishwarya R
    27.09.2025

    कोई नहीं कहता कि हर निर्णय सही होता है, पर ये भी सच है कि युवा खिलाड़ियों को मौका देना दीर्घकालिक विकास के लिए आवश्यक है।

  • Vaidehi Sharma
    Vaidehi Sharma
    27.09.2025

    ऑर, टीम का नया संयोजन देखकर बहुत खुश हूँ 😊

  • Jenisha Patel
    Jenisha Patel
    27.09.2025

    इस प्रकार के रणनीतिक परिवर्तन, विशेष रूप से एशिया कप जैसे बड़े मंच पर, टीम की दीर्घकालिक प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ावा देते हैं; अतः, कोच की नीति संपूर्ण रूप से सराहनीय है।

  • Ria Dewan
    Ria Dewan
    27.09.2025

    हँसते‑हँसते देख रहा हूँ कि कुछ लोग इन बदलावों को यही “दिखावा” कह रहे हैं-जैसे कि रणनीति का कोई महत्व नहीं। शायद उन्हें खेलने का थोड़ा समझ ही नहीं।

  • rishabh agarwal
    rishabh agarwal
    27.09.2025

    जब आप गहराई से सोचते हैं तो समझ आता है कि हर चयन के पीछे कई पहलू होते हैं। केवल दिखावे की बात नहीं, बल्कि टीम के भविष्य की दिशा तय करने का प्रयास है।

  • Apurva Pandya
    Apurva Pandya
    27.09.2025

    एक सच्चे प्रशंसक के रूप में, मैं कहूँगा कि हमारे दल ने सही कदम उठाए हैं 😇

  • Nishtha Sood
    Nishtha Sood
    27.09.2025

    आशा है कि यह सकारात्मक ऊर्जा पूरे टूर्नामेंट में बनी रहेगी। निरंतर समर्थन और सकारात्मक विचार टीम को आगे ले जाएंगे।

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