बॉम्बे हाई कोर्ट ने 'हमारे बारह' फिल्म को रिलीज करने की अनुमति दे दी है, जिसमें प्रसिद्ध अभिनेता अन्नू कपूर मुख्य भूमिका में हैं। यह निर्णय तब आया जब फिल्म के निर्माताओं ने अदालत के साथ सहमति जताई कि वे फिल्म से आपत्तिजनक दृश्यों को हटा देंगे। हाई कोर्ट ने अपने अवलोकन में पाया कि यह फिल्म महिलाओं के उत्थान के उद्देश्य से बनाई गई है और इसका मुस्लिम समुदाय या कुरान के प्रति कोई अपमानजनक संकेत नहीं है।
इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म की रिलीज पर रोक लगा दी थी और बॉम्बे हाई कोर्ट को निर्देश दिया था कि वह फिल्म की समीक्षा करे और उचित निर्णय ले। बॉम्बे हाई कोर्ट की बेंच, जो न्यायमूर्ति बी पी कोलाबावाला द्वारा नेतृत्वाधीन थी, ने फिल्म को देखा और पाया कि यह हिंसा को उकसाती नहीं है, हालांकि कुछ दृश्य अब भी आपत्तिजनक हो सकते हैं। न्यायालय ने कहा कि फिल्म का पहला ट्रेलर समस्याग्रस्त था, लेकिन उसे हटा दिया गया है और ऐसे सभी आपत्तिजनक दृश्य फिल्म से हटा दिए गए हैं।
कोर्ट ने यह भी उल्लेख किया कि यह फिल्म एक 'विचारशील फिल्म' है और यह उन दर्शकों के लिए नहीं है जो 'अपना दिमाग घर पर छोड़ कर आते हैं।' याचिकाकर्ताओं ने दावा किया था कि यह फिल्म मुस्लिम समुदाय के प्रति अपमानजनक है और कुरानिक शिक्षाओं को विकृत करती है, लेकिन कोर्ट ने इस दावे को अस्वीकार कर दिया।
हालांकि, कोर्ट ने फिल्म निर्माताओं पर सेंसर बोर्ड के प्रमाणन के बिना ट्रेलर रिलीज करने के लिए जुर्माना लगाया है। फिल्म की प्रारंभिक रिलीज तारीख 7 जून और फिर 14 जून तय की गई थी, लेकिन अब इसे आगे बढ़ाने की अनुमति मिल गई है।
फिल्म का उद्देश्य और विवाद
'हमारे बारह' एक सामाजिक मुद्दे पर आधारित फिल्म है जो महिलाओं के सशक्तिकरण और उनके उत्थान को प्रमोट करने का प्रयास करती है। इस फिल्म के माध्यम से समाज में व्याप्त महिलाओं के प्रति नकारात्मक दृष्टिकोण को बदलने की कोशिश की गई है। इस फिल्म में अन्नू कपूर ने मुख्य भूमिका निभाई है और उनका अभिनय हर बार की तरह इस बार भी बेहद प्रभावी बताया जा रहा है। फिल्म के विवादों के कारण एक बार इसके रिलीज को रोक दिया गया था। याचिकाकर्ताओं का आरोप था कि फिल्म मुस्लिम समुदाय और कुरान के खिलाफ अपमानजनक थी, जिससे समाज में तनाव उत्पन्न हो सकता था।
कोर्ट की जांच और निर्णय
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को देखते हुए फिल्म की रिलीज पर रोक लगा दी थी और बॉम्बे हाई कोर्ट को निर्देश दिया था कि वह फिल्म की समीक्षा करे। हाई कोर्ट ने फिल्म को सावधानीपूर्वक देखा और पाया कि फिल्म में किसी भी प्रकार की हिंसा को प्रोत्साहित करने वाली सामग्री नहीं है। इसके बाद न्यायमूर्ति बी पी कोलाबावाला के नेतृत्व में बेंच ने फिल्म की समीक्षा की और उचित बदलाव के बाद इसकी रिलीज की अनुमति दी।
इसके अलावा, कोर्ट ने निष्कर्ष निकाला कि फिल्म का पहला ट्रेलर समस्याग्रस्त था, जिसे अब हटा दिया गया है। सभी आपत्तिजनक दृश्यों को फिल्म से हटा दिया गया है जिसमें न्यायालय ने यह स्पष्ट किया कि यह फिल्म सोचने के लिए मजबूर करने वाली है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह फिल्म केवल उन दर्शकों के लिए है जो इसके संदेश और मुद्दे पर गंभीरता से विचार करने को तैयार हों।
न्यायालय की टिप्पणी और लागत
कोर्ट ने फिल्म निर्माताओं पर सेंसर बोर्ड के प्रमाणन के बिना फिल्म का ट्रेलर रिलीज करने के लिए जुर्माना लगाया है। यह प्रमुख बात है कि निर्माताओं ने ट्रेलर पहले जारी कर दिया था जबकि उसे पहले सेंसर बोर्ड से मंजूरी लेनी चाहिए थी। इसके परिणामस्वरूप, न्यायालय ने निर्माताओं पर जुर्माना लगाया और उनकी इस गलती की निंदा की। यह कदम दर्शाता है कि न्यायपालिका सेंसरशिप के नियमों के पालन को कितना महत्व देती है। कोर्ट का यह निर्णय फिल्म निर्माताओं के लिए एक स्पष्ट संदेश है कि सेंसरशिप के नियमों का पालन करना अनिवार्य है।
फिल्म की विशेषताएँ और दर्शकों की उम्मीदें
'हमारे बारह' फिल्म का मुख्य उद्देश्य महिलाओं के उत्थान की दिशा में समाज में एक सकारात्मक बदलाव लाना है। इस फिल्म में महिलाओं के मुद्दों और उनकी समाज में भूमिका को गंभीरता से चित्रित किया गया है। अन्नू कपूर की मुख्य भूमिका के साथ, यह फिल्म दर्शकों को उनकी सोच में बदलाव लाने के लिए मजबूर कर सकती है।
इस फिल्म की रिलीज के बाद दर्शकों द्वारा इसकी सराहना की संभावनाएं हैं। फिल्म में दिखाई गई महिलाओं के सशक्तिकरण की कहानियां और उनके संघर्ष को दर्शकों को प्रेरित कर सकती हैं। फिल्म निर्माताओं ने उम्मीद जताई है कि यह फिल्म समाज में महिलाओं के प्रति दृष्टिकोण को सकारात्मक बनाने में मदद करेगी।
समाज में फिल्म का प्रभाव
'हमारे बारह' जैसी सोचविचार वाली फिल्मों का समाज में व्यापक प्रभाव हो सकता है। ऐसी फिल्में समाज में एक महत्वपूर्ण संदेश देती हैं और दर्शकों को उनके विचारों में बदलाव लाने के लिए प्रेरित करती हैं। इस फिल्म के माध्यम से, समाज में महिलाओं के प्रति सम्मान और सम्मान बढ़ाने की कोशिश की गई है।
इस प्रकार की फिल्मों के माध्यम से समाज में एक नए दृष्टिकोण का विकास होता है और यह उम्मीद जताई जा रही है कि 'हमारे बारह' फिल्म भी इसी दिशा में योगदान करेगी।