CBDT ने टैक्स ऑडिट डेडलाइन बढ़ाई: अब 31 अक्टूबर 2025 तक जमा कर सकते हैं

  • घर
  • CBDT ने टैक्स ऑडिट डेडलाइन बढ़ाई: अब 31 अक्टूबर 2025 तक जमा कर सकते हैं
CBDT ने टैक्स ऑडिट डेडलाइन बढ़ाई: अब 31 अक्टूबर 2025 तक जमा कर सकते हैं

डेडलाइन बढ़ाने का पृष्ठभूमि

CBDT ने 30 सितंबर 2025 को तय मूल डेडलाइन को एक महीने आगे बढ़ाकर 31 अक्टूबर 2025 कर दिया। यह निर्णय कई बार पेशेवर संघों से मिली प्रस्तुतियों के बाद आया, जहाँ चार्टर्ड एकाउंटेंट संस्थाओं ने बताया कि बाढ़, झड़प और अन्य प्राकृतिक आपदाओं ने व्यापारिक गतिविधियों को बाधित कर दिया था। इन मांगों में यह भी बताया गया कि हाई कोर्टों में भी इस मुद्दे पर कई याचिकाएँ दायर हो चुकी हैं, जिससे स्पष्ट होता है कि समस्या व्यापक स्तर पर महसूस की जा रही थी।

CBDT ने स्पष्ट किया कि आयकर ए‑फ़ाइलिंग पोर्टल पूरी तरह से स्थिर है और तकनीकी समस्याओं के कारण कोई लिघाई नहीं हुई है। वास्तव में, 24 सितंबर 2025 तक पोर्टल पर टैक्स ऑडिट रिपोर्टों की संख्या 4,02,000 तक पहुँच गई, जबकि उसी दिन 60,000 से अधिक रिपोर्टें जमा की गईं। इसके अतिरिक्त, 23 सितंबर 2025 तक 7,57 करोड़ से अधिक आयकर रिटर्न्स फाइल हो चुके थे।

विस्तार के प्रभाव और आगे की कार्यवाही

विस्तार के प्रभाव और आगे की कार्यवाही

यह नया डेडलाइन उन करदाताओं पर लागू होगा जो सेक्शन 139(1) के उपधारा (2) के स्पष्टीकरण क्लॉज़ (ए) में उल्लेखित हैं—अर्थात् कॉरपोरेट तथा गैर‑कोरपोरेट दोनों वर्ग के उन टैक्सपेयरों को शामिल किया गया है, जिन्हें आयकर रिटर्न 31 अक्टूबर तक जमा करनी होगी। इस विस्तार से न केवल बड़े उद्योगों को बल्कि छोटे व्यवसायों को भी अतिरिक्त समय मिलेगा, जिससे वे बाढ़‑प्रभावित क्षेत्रों में हुए नुकसान का पुनर्मूल्यांकन कर सकेंगे।

CBDT ने आश्वासन दिया है कि नई डेडलाइन के आधिकारिक नोटिफिकेशन को अलग से जारी किया जाएगा। इस बीच, कर पेशेवरों को सलाह दी गई है कि वे अपने क्लाइंट्स को समय‑सीमा से पहले फाइलिंग के लिए तैयार रखें, ताकि अतिरिक्त देर से जुड़ने वाले दंड से बचा जा सके।

केंद्रीय कर बोर्ड ने कहा कि भविष्य में ऐसी प्राकृतिक आपदाओं के कारण उत्पन्न चुनौतियों को लेकर अधिक लचीलापन प्रदर्शित करने की योजना है, जिससे टैक्सपेयर्स को लगातार अनुपालन में कठिनाइयाँ न हों। इस कदम को देखकर कई अकाउंटिंग फर्मों ने राहत की भावना व्यक्त की है और उम्मीद जताई है कि अब वे बाधित क्षेत्रों में व्यावसायिक पुनर्गठन के साथ-साथ टैक्स ऑडिट भी सुचारू रूप से पूरा कर सकेंगे।

Savio D'Souza

लेखक के बारे में Savio D'Souza

मैं एक पत्रकार हूँ और भारतीय दैनिक समाचारों पर लिखने का काम करता हूँ। मैं राजनीति, सामाजिक मुद्दे, और आर्थिक घटनाक्रम पर विशेष ध्यान देता हूँ। अपने लेखन के माध्यम से, मैं समाज में जागरूकता बढ़ाने और सूचनात्मक संवाद को प्रेरित करने का प्रयास करता हूँ।

टिप्पणि (14)
  • Krish Solanki
    Krish Solanki
    26.09.2025

    CBDT की इस अचानक देडलाइन विस्तार नीति को देख कर लगता है कि वे केवल बाढ़‑प्रभावित क्षेत्रों की ही नहीं, बल्कि सभी करदाताओं को उलझन में डालने का नया तरीका आज़मा रहे हैं। नीति निर्माताओं को चाहिए कि वे तकनीकी बग की बजाय वास्तविक नियामक लापरवाही को सामने लाएँ, क्योंकि पोर्टल स्थिरता का दावा अब बेवकूफ़ी भरा बहाना बन गया है।

  • SHAKTI SINGH SHEKHAWAT
    SHAKTI SINGH SHEKHAWAT
    27.09.2025

    डेडलाइन तकलीफ़‑मुक्त करने का छुपा मकसद शायद सरकार की गुप्त फाइलों में छिपी हुई है जहाँ विदेशी एजेंटों के द्वारा करदाताओं की पहचान निकाली जा रही है। यह कदम सिर्फ़ एक सतही राहत नहीं, बल्कि बड़े ग्रिड‑आधारित डेटा संग्रह का प्री‑ऐम्बल है।

  • Arya Prayoga
    Arya Prayoga
    27.09.2025

    वास्तव में देर से फाइलिंग के लिए दण्ड कम नहीं किया गया, तो करदाता केवल समय का फायदा उठाकर ही बच निकलेंगे।

  • Vishal Lohar
    Vishal Lohar
    28.09.2025

    यह विस्तार बिल्कुल नाटकीय है, जैसे कोई बड़ा फिल्म रिलीज़ हो रहा हो। बड़े उद्योगों को दी गई राहत छोटे व्यापारियों के लिए भी एक तेज़ी से चलती सीन की तरह दिखती है, लेकिन असली असर तो सिर्फ़ अल्पकालिक राहत ही होगा।

  • Vinay Chaurasiya
    Vinay Chaurasiya
    29.09.2025

    बढ़ी डे़डलाइन, क़र्‌डनोर्‍म (ऑडिट) की संख्या तो बढ़ी ही!; पर क्या इस डेटा को सही तरीके से प्रोसेस किया जाएगा?; पुनरावृत्ति से बचें!

  • Selva Rajesh
    Selva Rajesh
    30.09.2025

    हाय, एकदम ड्रमेटिक बदलाव! अब छोटे व्यापारी भी राहत की सांस ले सकते हैं, लेकिन अराजकता को देखना पड़ता है कि क्या वास्तव में यह सत्‍य में मदद करेगा।

  • Ajay Kumar
    Ajay Kumar
    1.10.2025

    समय की लचीलेपन की बात सही है, पर अधिकारिक नोटिफिकेशन के बिना यह सिर्फ़ कागज़ी नयी तारीख है।

  • Ravi Atif
    Ravi Atif
    2.10.2025

    👍 यह बदलाव कुछ हद तक राहत देता है, लेकिन फिर भी सभी को टैक्स फाइलिंग के लिए जल्दी तैयारी करनी चाहिए। 🌟

  • Vinod Mohite
    Vinod Mohite
    3.10.2025

    डेडलाइन एक्स्टेंशन एक स्ट्रेटेजिक मुविंग है, जिससे टैक्टिकल कंफॉर्मेन्सी रेट को हाई रखा जा सके।

  • Rishita Swarup
    Rishita Swarup
    4.10.2025

    सिर्फ़ बाढ़ की वजह से नहीं, बल्कि उन छिपे हुए अंतरराष्ट्रीय दबावों के कारण भी यह तय किया गया हो सकता है। कभी-कभी सरकार को भी अपारदर्शी तरीके से काम करना पड़ता है, इसलिए यह विस्तार समझ में आता है।

  • anuj aggarwal
    anuj aggarwal
    16.10.2025

    बिल्कुल स्पष्ट है कि CBDT ने इस फैसले को इसलिए बदल दिया है क्योंकि उनका तकनीकी बुनियादी ढाँचा पहले से ही टूट चुका था, और अब वे सिर्फ़ दण्ड को कम करने की ही कोशिश कर रहे हैं।

  • Sony Lis Saputra
    Sony Lis Saputra
    17.10.2025

    हाय दोस्तों, मैं समझता हूँ कि यह विस्तार छोटे व्यापारियों को थोड़ा साँस लेने का मौका देगा, पर हमें अभी भी यह देखना होगा कि क्या यह वास्तव में सभी को समान लाभ देगा या फिर बड़े संस्थानों को अतिरिक्त फायदा होगा।

  • Kirti Sihag
    Kirti Sihag
    18.10.2025

    बिलकुल 🙄, अब भी दण्ड के बारे में कुछ नहीं कहा गया!

  • Vibhuti Pandya
    Vibhuti Pandya
    19.10.2025

    समय की लचीलापन तो सराहनीय है, पर हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि सभी करदाताओं को यह सूचना समय पर मिले और वे अनावश्यक दण्ड से बच सकें।

एक टिप्पणी लिखें