डबल iSmart समीक्षा: राम पोथिनेनी और पुरी जगन्नाथ की ऊर्जावान एक्शन फिल्म

  • घर
  • डबल iSmart समीक्षा: राम पोथिनेनी और पुरी जगन्नाथ की ऊर्जावान एक्शन फिल्म
डबल iSmart समीक्षा: राम पोथिनेनी और पुरी जगन्नाथ की ऊर्जावान एक्शन फिल्म

राम पोथिनेनी और पुरी जगन्नाथ की 'डबल iSmart' का रिव्यू

भारत के तेलुगु सिनेमा में एक बार फिर से उत्साह और एक्शन की बहार लाने आई है फिल्म 'डबल iSmart'। इस फिल्म का निर्देशन पुरी जगन्नाथ ने किया है और इसमें मुख्य भूमिका निभा रहे हैं राम पोथिनेनी, जिन्होंने अपनी अद्भुत प्रतिभा और ऊर्जा से दर्शकों का दिल जीत लिया है।

फिल्म की कहानी और पात्र

फिल्म की कहानी दो मुख्य पात्रों के इर्द-गिर्द घूमती है। एक तरफ है एक गैंगस्टर जो अंधेरे की दुनिया का राजा है, तो दूसरी ओर है एक पुलिस अधिकारी, जो सत्य और न्याय के लिए लड़ता है। इन दो विरोधी संसारों के बीच की खाई को पाटने का काम इन दोनों पात्रों की मुलाकात और उनका साझा लक्ष्य करता है।

राम पोथिनेनी ने इन दोनों पात्रों को बेहद संजीदगी से निभाया है, जिससे दर्शकों को उनका बहुआयामी अदाकारी का परिचय मिलता है। चाहे वह गैंगस्टर का क्रूर चेहरा हो या पुलिस अधिकारी का अटल दृढ़संकल्प, दोनों ही भूमिकाओं में राम ने अपनी छाप छोड़ी है।

पुरी जगन्नाथ का निर्देशन और कहानी

पुरी जगन्नाथ का निर्देशन उनकी फिल्मों की विशिष्टता और उनकी कहानी कहने की शैली के लिए सराहना का पात्र है। उनके निर्देशन में हर एक्शन सीक्वेंस में वह ऊर्जा और उत्तेजना दिखती है जो दर्शकों को उनकी कुरचियों से बांधे रखती है।

कहानी का प्लॉट हालाँकि कुछ हद तक पुराना लग सकता है, लेकिन इसकी प्रस्तुति और पेसिंग दमदार है। पुरी ने एक्शन और ड्रामा का संतुलन बनाए रखा है, जिससे फिल्म में दर्शकों की रुचि बनी रहती है।

फिल्म की उत्कृष्टता में तनिक कमी तब आती है जब कुछ दृश्य खुद को थोड़ा घिसा-पिटा महसूस कराते हैं। इन दृश्यों को थोड़ा कम किया जा सकता था, जिससे फिल्म की गति और अधिक संतुलित हो सकती थी।

संगीत और तकनीकी पक्ष

फिल्म का संगीत मणि शर्मा ने कंपोज किया है और यह फिल्म की ऊर्जा को और बढ़ाता है। हर गाना और बैकग्राउंड स्कोर फिल्म की कहानी और उसके मूड के साथ पूरी तरह से मेल खाता है। इस संगीत की वजह से भी फिल्म की गुणवत्ता में इजाफा होता है।

सिनेमेटोग्राफी और एडिटिंग का भी फिल्म की सफलता में बड़ा योगदान है। दृश्य की फिल्मांकन का प्रकार और उसके साथ जोड़े गए विशेष प्रभाव, दोनों ही फिल्म को एक विजुअल ट्रीट बनाते हैं। हालांकि, एडिटिंग का कुछ हिस्सा ऐसा है जिसे थोड़ा और निखारा जा सकता था, विशेषकर कुछ घिसे-पिटे दृश्यों को हटाने के लिए।

फिल्म का समीक्षात्मक विश्लेषण

कुल मिलाकर, 'डबल iSmart' एक मनोरंजक फिल्म है, जो विशेष रूप से एक्शन फिल्मों के प्रशंसकों को बेहद पसंद आएगी। फिल्म की ऊर्जा, अभिनय, निर्देशन, और संगीत सब कुछ मिलकर इसे एक बेहतर सिनेमा अनुभव बनाते हैं।

हालाँकि, फिल्म की गति को थामे रखने और कुछ दृश्यों को छोटा करने पर और भी काम किया जा सकता था, लेकिन इसके बावजूद, फिल्म अपनी मनोरंजकता को बनाए रखने में सफलता प्राप्त करती है। राम पोथिनेनी के प्रशंसकों के लिए यह फिल्म एक ट्रीट की तरह है।

इस फिल्म को हमने 5 में से 3.5 स्टार की रेटिंग दी है, जो इसके समग्र रूप से अच्छी प्रस्तुति और मनोरंजन के गुणों को दर्शाता है।

Savio D'Souza

लेखक के बारे में Savio D'Souza

मैं एक पत्रकार हूँ और भारतीय दैनिक समाचारों पर लिखने का काम करता हूँ। मैं राजनीति, सामाजिक मुद्दे, और आर्थिक घटनाक्रम पर विशेष ध्यान देता हूँ। अपने लेखन के माध्यम से, मैं समाज में जागरूकता बढ़ाने और सूचनात्मक संवाद को प्रेरित करने का प्रयास करता हूँ।

टिप्पणि (8)
  • Roma Bajaj Kohli
    Roma Bajaj Kohli
    16.08.2024

    देश के सिनेमा में जब भी 'डबल iSmart' जैसा प्रोजेक्ट आता है, तो तुरंत ही राष्ट्रीय जुड़ाव का एन्क्लेव बन जाता है। इस फ़िल्म में राम पोथिनेनी की एक्टिंग एक टैक्टिकल ऑपरेशन की तरह है, जहाँ हर डायलॉग एक कोड‑स्ट्राइक जैसा असर डालता है। निर्देशक पुरी जगन्नाथ ने एक्शन सीक्वेंस को एंड्रॉइड‑प्रोटोकॉल के समान प्री-सेट किया है, जिससे दर्शक एक हाई‑थ्रेट कंट्रोलर के सामने बैठ जाते हैं। संगीत की बैकग्राउंड स्कोर भी एक साउंड‑वेव मार्शल आर्ट फ़ॉर्मेट में पॅक्ड है, जो ऊर्जा को सिमुलेट करता है। कुल मिलाकर, ये फ़िल्म भारत की फ़िल्म इंडस्ट्री में एक सशस्त्र ऑपरेशन जैसा योगदान देती है।

  • Nitin Thakur
    Nitin Thakur
    17.08.2024

    इस रिव्यू में लिखा गया है कि कहानी पुरानी लग सकती है लेकिन फिर भी प्रस्तुतिकरण दमदार है इसका मतलब यह है कि फिल्म में नैतिकता की खिंचाव नहीं हुई हमने देखना चाहिए कि एंटरटेनमेंट में सच्ची नैतिक राह कितनी महत्वपूर्ण है

  • Arya Prayoga
    Arya Prayoga
    17.08.2024

    राम पोथिनेनी ने दो किरदार को बारीकी से दर्शाया। उनका गैंगस्टर चेहरा और पुलिस वाला साइड दोनों में अलग ऊर्जा है। इससे दर्शक को भावनात्मक रूप से खींचा जाता है।

  • Vishal Lohar
    Vishal Lohar
    18.08.2024

    क्या कहा जाए, जब एक्शन फिल्में अक्सर बौछार की तरह आती हैं, तब 'डबल iSmart' एक शांत वर्षा के रूप में अलग पहचान बनाता है।
    पुरी जगन्नाथ ने इस कथा को एक शतरंज के खेल जैसा व्यवस्थित किया है, जहाँ प्रत्येक चाल में दिमागी गणना छिपी हुई है।
    राम पोथिनेनी का दोहरा रोल न केवल अभिनय का दोहरा पहलू है, बल्कि वह एक सामाजिक द्वंद्व को भी उजागर करता है।
    उनका गैंगस्टर रूप में दिखाया गया कठोर निराकरण, राजनैतिक शक्ति का एक रूपक बन जाता है।
    दूसरी ओर, पुलिस अधिकारी के रूप में उनका अडिग नायित्व, न्याय के पवित्र अहम को स्मरण कराता है।
    संगीतकार मणि शर्मा ने प्रत्येक दृश्य के साथ तालबद्ध धुनें बुनकर एक संवेदनात्मक आभास उत्पन्न किया है।
    बैकग्राउंड स्कोर में प्रयोग किए गए सायबर‑पंक इलेक्ट्रॉनिक बीट्स, आधुनिकता की आभा को फिल्म में समाहित करते हैं।
    सिनेमैटोग्राफी की बात करें तो, प्रत्येक शॉट में रोशनी और छाया का खेल, एक कैनवास पर पेंटिंग जैसा लगता है।
    विशेष प्रभावों की पारदर्शिता, कभी-कभी दर्शकों को वास्तविकता से परे ले जाती है, फिर भी वह कभी जाली नहीं लगती।
    एडिटिंग में छोटे‑छोटे ब्रेक, एक तेज़ धड़कन वाले दिल की तरह काम करते हैं, जिससे कथा की गति बनी रहती है।
    हालाँकि, कुछ दृश्यों में दोहराव की भावना झलके, पर यह एक निरंतरता का इशारा है, जो कहानी को घुमावदार बनाता है।
    फ़िल्म का सामाजिक संदेश-भले ही वह सन्देश हीन दिखे-फिर भी दर्शकों को अपनी ध्रुवता में सोचने पर मजबूर करता है।
    दर्शक वर्ग को इस फ़िल्म में मिलते हैं उत्साह, हिंसा, और नैतिक द्वंद्व, जो एक सुसंगत मिश्रण बनाते हैं।
    वजनदार एक्शन सीक्वेंस के अलावा, संवादों में प्रयोग किए गए शब्दों का चयन, एक बौद्धिक खेल जैसा महसूस होता है।
    अंत में, इस फिल्म की रेटिंग 3.5 स्टार को देखते हुए, इसे एक मध्यवर्ती स्थान पर रखना उचित है, क्योंकि इसका आकर्षण और कमियाँ दोनों ही स्पष्ट हैं।
    कुल मिलाकर, 'डबल iSmart' एक ऐसी सिनेमा यात्रा है, जहाँ ऊर्जा, कला और तकनीक का मिश्रण दर्शकों को अपने भीतर की ज्वाला को फिर से जलाने का अवसर देता है।

  • Vinay Chaurasiya
    Vinay Chaurasiya
    18.08.2024

    फ़िल्म की गति बहुत तेज़ थी, लेकिन कुछ दृश्य ओवरड्रामा थे, संगीत की ताल कभी‑कभी असंगत लगती थी, एडिटिंग में छोटे‑छोटे कट्स बहुत ज़्यादा थे, और कुल मिलाकर संतुलन में कमी थी।

  • Selva Rajesh
    Selva Rajesh
    19.08.2024

    देखिए, जब राम पोथिनेनी ने गैंगस्टर की भयावह श्वास ली, तो स्क्रीन पर एक अंधेरे की लहर दौड़ गई, और फिर जब वह पुलिस अधिकारी की सख़्त आवाज़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़ पर भी फिर भी वह दिल में छा जाता है।

  • Ajay Kumar
    Ajay Kumar
    19.08.2024

    एक फिल्म सिर्फ़ पर्दे पर कहानी नहीं, बल्कि वह मन के भीतर एक प्रतिबिंब है; 'डबल iSmart' में दोहराव बंधन की तरह दर्शक को आत्म‑निरीक्षण की ओर ले जाता है।

  • Ravi Atif
    Ravi Atif
    20.08.2024

    बिलकुल सही कहा तुमने 😄, इस फ़िल्म में एनी एक्शन की ऊर्जा और भावनात्मक लहर दोनों ही हमें अपनी तरफ खींचते हैं। साथ ही, ऐसे ही खुली चर्चा से सबको एक दूसरे की राय समझने में मदद मिलती है। धन्यवाद! 🙏

एक टिप्पणी लिखें