डार्जीलिंग लैंडस्लाइड: 13‑23 मौतें, डुड़िया आयरन ब्रिज ढह गया

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डार्जीलिंग लैंडस्लाइड: 13‑23 मौतें, डुड़िया आयरन ब्रिज ढह गया

हर साल की तेज़ बरसात में इस साल डार्जीलिंग डार्जीलिंग लैंडस्लाइड ने प्रदेश को हिला दिया, क्योंकि 5 अक्टूबर, 2025 को उत्तर‑पश्चिम बंगाल के कई पहाड़ी गांवों में अचानक आए बाढ़‑भिड़की वाले बवंडर ने कम से कम 13 से 23 लोगों की जान ले ली। पश्चिम बंगाल की राजधानी से लगभग 700 किमी दूर स्थित डार्जीलिंग जिले में स्थित डुड़िया आयरन ब्रिज, जो सिलिगुड़ी‑डार्जीलिंग राज्य हाईवे 12 (SH12) पर मिरिक‑कुर्सेओंग के बीच मुख्य कड़ी था, पूरी तरह से टूट गया, जिससे सैकड़ों पर्यटक और स्थानीय लोग फंसे और प्रमुख पहाड़ी कस्बों तक पहुंच बंद हो गई।

पृष्ठभूमि और मौसम की स्थिति

आधुनीक मौसम विज्ञान केंद्र, इंडिया मेटियोरॉलॉजिकल डिपार्टमेंट ने 4 अक्टूबर को पश्चिम बंगल की टॉपिक रेनफ़ॉल रेंज में "रेड अलर्ट" जारी किया था, जिसमें अगले 24 घंटे में 250‑300 मिमी बारिश की संभावना बतायी गई थी। इस सिलसिले में, डार्जीलिंग के ऊँचे पहाड़ी हिस्सों में अचानक तेज़ बरसात ने मिट्टी की स्थिरता को कम कर दिया, जिससे खड़ी ढलानों पर व्यापक भूस्खलन हुआ।

लैंडस्लाइड और डुड़िया आयरन ब्रिज का ढहना

स्थानीय प्रशासन के अनुसार, सबसे गंभीर भूस्खलन मिरिक बस्ती, सरसाली, जसबीरगाँव, धड़गाon (मिची) और नगारकटा क्षेत्रों में हुआ। इन क्षेत्रों में बाढ़‑भिड़की वाले बवंडर ने न केवल घरों को ध्वस्त किया, बल्कि तुरंत पहाड़ी रास्तों को रोक दिया। डुड़िया आयरन ब्रिज ने भी उसी रात में एक बड़े भूस्खलन के कारण अपनी आधारभूत संरचना खो दी, जिससे पुल का मध्य भाग फटकर पानी की धारा में गिर गया। इस पुल के ढहने से मिरिक‑कुर्सेओंग का मुख्य संपर्क पूरी तरह बंद हो गया, और कई गाड़ियों के साथ साथ स्थानीय लोगों को भी खतरनाक जलधारा से बचना पड़ा।

रक्षा एवं बचाव कार्य

भारी बवंडर के बाद, नेशनल डिसास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (NDRF) की टीमें तुरंत क्षेत्र में पहुंची। उन्होंने 11 अक्टूबर तक 200 कड़ी से अधिक टीमों को तैनात कर बचाव‑बुजुर्ग कार्य शुरू किया। इस दौरान, 7 अक्टूबर को मिरिक में स्थित एक गांव में 11 लोगों की मौत की पुष्टि हुई, जबकि 7 घायल लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया। रिचर्ड लेपचा, डार्जीलिंग सब‑डिवीजनल ऑफिसर (SDO) ने कहा, "हमारा प्राथमिक लक्ष्य सभी बंधकों को सुरक्षित निकालना और बचे हुए लोगों को त्वरित चिकित्सा सहायता प्रदान करना है।"

सरकारी प्रतिक्रिया और भविष्य की योजना

उत्तरी बंगाल विकास मंत्री उदयन् गुहा ने पीटीआई को बताया, "स्थिति अत्यंत गंभीर है, वर्तमान में मौतों की संख्या 20 है और बढ़ने की संभावना है। मैं स्वयं मौके पर हूँ और राहत कार्य में पूरा सहयोग दूंगा।" प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने गृहितकों को 'गहरा शोक' व्यक्त करते हुए बताया कि केंद्र सरकार सभी प्रभावित परिवारों को आर्थिक सहायता और पुनर्वास पैकेज प्रदान करेगा।

केंद्र और राज्य दोनों ने तत्काल राहत के लिए 500 करोड़ रुपये का आपातकालीन फंड आवंटित किया, जिसमें अस्थायी शरणस्थली, खाद्य सामग्री और स्वास्थ्य देखभाल शामिल है। साथ ही, दुबारा ऐसी आपदा को रोकने के लिए पहाड़ी इलाकों में जल निकासी और सतह की स्थिरता के लिए दीर्घकालिक योजना तैयार की जा रही है।

प्रभाव और आगे की चिंताएँ

प्रभाव और आगे की चिंताएँ

डुड़िया आयरन ब्रिज के ढहने से राष्ट्रीय राजमार्ग NH10 तथा NH717 भी पूरी तरह बंद हो गए हैं, जिससे टूरिस्ट और स्थानीय व्यापारियों को बड़ी आर्थिक हानि का सामना करना पड़ रहा है। अनुमानित रूप से, इस बवंडर ने इस क्षेत्र में लगभग 30 लाख रुपये का रोज़गार नुकसान किया है।

वर्तमान में कई गांव को ‘अलगाव’ घोषित किया गया है, क्योंकि सड़कों के टूटने के कारण रेजिडेंस और मेडिकल सप्लाई नहीं पहुँच पा रही है। स्थानीय लोग सोशल मीडिया पर मदद के लिए पेंशन और भोजन की मांग कर रहे हैं, जबकि स्वयंसेवी समूह रात‑दर‑रात राहत सामग्री पहुंचा रहे हैं। भविष्य में, मौसम विभाग ने चेतावनी जारी रखी है कि 6 अक्टूबर तक लगातार बारिश जारी रहने की संभावना है, जिससे अतिरिक्त लैंडस्लाइड की आशंका बनी हुई है।

मुख्य तथ्य

  • दूसरे दिन (5 अक्टूबर) दर्ज मौतें: 13‑23 लोग, बढ़ते जोखिम के साथ
  • डुड़िया आयरन ब्रिज: SH12 पर मुख्य कड़ी, अब पूरी तरह बंद
  • प्रमुख प्रभावित क्षेत्र: मिरिक, कुर्सेओंग, सरसाली, जसबीरगाँव
  • प्रमुख बचाव एजेंट: NDRF, राज्य पुलिस, स्थानीय स्वयंसेवी समूह
  • सरकारी सहायता: 500 करोड़ रुपये आपातकालीन फंड, केंद्र‑राज्य सहयोग

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

डुड़िया आयरन ब्रिज के ढहने से स्थानीय लोग कैसे प्रभावित हुए?

पुल के बंद होने से मिरिक और कुर्सेओंग के बीच वाहनों का आवागमन पूरी तरह रोक दिया गया, जिससे हजारों यात्रियों को वैकल्पिक रास्तों से यात्रा करनी पड़ी, स्थानीय आर्थिक गतिविधियों में भारी गिरावट आई और राहत कार्य में भी बड़ी बाधा उत्पन्न हुई।

सरकार ने बचाव कार्य के लिए क्या कदम उठाए हैं?

NDRF ने 200 से अधिक बचाव कर्मियों को जारी किया, हेलीकॉप्टरों से हवाई झांकियां की गईं, और अस्थायी शिविर स्थापित करके पीड़ितों को भोजन व चिकित्सा सहायता प्रदान की जा रही है। केंद्र सरकार ने 500 करोड़ रुपये की सहायता पैकेज की घोषणा की है।

भविष्य में ऐसी आपदाओं को रोकने के लिए क्या योजनाएं हैं?

राज्य ने पहाड़ी क्षेत्रों में जल निकासी प्रणाली को सुदृढ़ करने, बागवानी एवं कटाव रोकथाम कार्य में निवेश करने और सतत मॉनिटरिंग के लिए ड्रोन्स एवं मौसम विज्ञान के उन्नत उपकरण स्थापित करने की योजना बनाई है।

पड़ोसी देशों ने इस आपदा पर क्या प्रतिक्रिया दी?

नहीं, अभी तक कोई आधिकारिक अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया नहीं मिली है, परंतु निकटवर्ती देशों जैसे नेपाल और भूटान ने संभावित सहायता की पेशकश की है और सीमा पार राहत कार्य को सहयोग करने की इच्छा जताई है।

मौसम विभाग ने आगे की बरसात के बारे में क्या चेतावनी जारी की है?

इंडिया मेटियोरॉलॉजिकल डिपार्टमेंट ने 6 अक्टूबर तक लाल चेतावनी जारी रखी है, जिसमें अत्यधिक बारिश और अतिरिक्त लैंडस्लाइड की आशंका बताई गई है, जिससे क्षेत्र में सतर्कता बनाए रखने की अपील की गई है।

Savio D'Souza

लेखक के बारे में Savio D'Souza

मैं एक पत्रकार हूँ और भारतीय दैनिक समाचारों पर लिखने का काम करता हूँ। मैं राजनीति, सामाजिक मुद्दे, और आर्थिक घटनाक्रम पर विशेष ध्यान देता हूँ। अपने लेखन के माध्यम से, मैं समाज में जागरूकता बढ़ाने और सूचनात्मक संवाद को प्रेरित करने का प्रयास करता हूँ।

टिप्पणि (1)
  • Poorna Subramanian
    Poorna Subramanian
    6.10.2025

    डुड़िया आयरन ब्रिज की क्षति अत्यंत दुःखद हैं। सरकार ने तत्काल सहायता की घोषणा की है और हम सभी को सहयोग के लिए प्रेरित करना चाहिए। प्रभावित परिवारों को जल्द से जल्द समर्थन मिलना आवश्यक है।

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