देवेंद्र सिंह राणा: नागरोटा के भाजपा विधायक का निधन और उनका प्रभावशाली सफर

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देवेंद्र सिंह राणा: नागरोटा के भाजपा विधायक का निधन और उनका प्रभावशाली सफर

देवेंद्र सिंह राणा का सफर: राजनीति और व्यवसाय में योगदान

देवेंद्र सिंह राणा का नाम जम्मू और कश्मीर की राजनीतिक मंच पर अलग पहचान रखता था। 59 वर्षीय राणा का निधन राज्य के राजनीतिक और सामाजिक जीवन के लिए एक बड़ा नुकसान है। वे नागरोटा विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के विधायक थे, और उनके इस सफर के दौरान उन्होंने राजनीति से लेकर व्यवसाय तक हर क्षेत्र में अपने उत्कृष्ट योगदान की छाप छोड़ी।

राणा का जन्म जम्मू में हुआ और उनकी शिक्षा वहीँ से हुई थी। उन्होंने व्यवसाय के क्षेत्र में भी अपनी सक्रियता दिखाई थी। मारुति कारों के प्रमुख विक्रेता के रूप में उनका नाम उत्तर भारत में जाना जाता था। उनका व्यवसाय "जमकश विज्ञापन वाहन" के माध्यम से जम्मू और कश्मीर के कार बाजार को बदल दिया। उन्होंने मीडिया में भी अपनी उपस्थिति दर्ज की जब उन्होंने "टेक वन टीवी" की स्थापना की। ये चैनल क्षेत्रीय मामलों की खोजी और विकसित पत्रकारिता के लिए जाना जाता है।

राणा का राजनीतिक सफर

अपने व्यवसायिक सफर को सफलतापूर्वक संचालित करने के बाद देवेंद्र सिंह राणा ने राजनीति में कदम रखा। वे पहले नेशनल कॉन्फ्रेंस के सदस्य थे, जहां उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के करीबी सहयोगी के रूप में काम किया था। हालांकि बाद में उन्होंने अक्टूबर 2021 में भाजपा का दामन थाम लिया, जिससे राज्य की राजनीति में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन आया। नेशनल कॉन्फ्रेंस के टिकिट पर भी उन्होंने 2014 के विधानसभा चुनाव में नागरोटा से जीत हासिल की थी।

राणा के भाजपा में शामिल होने के बाद, उन्होंने पार्टी के लिए महत्वपूर्ण कार्य किया और 2019 के विधानसभा चुनाव में भी अपनी जीत पक्की की। उन्होंने जमकर प्रचार किया और 30,472 वोटों के बड़े अंतर से अपने विरोधी जोगिंदर सिंह को हराया, जो नेशनल कॉन्फ्रेंस के उम्मीदवार थे।

समाज और राजनीति में योगदान

क्षेत्रीय राजनीति में राणा का गहरा योगदान था। वह अपने क्षेत्र में मजबूती से खड़े थे और स्थानीय समुदायों के साथ उनकी गहरी समझ और संबंध थे। उनकी राजनीतिक दृष्टिकोण का मुख्य उद्देश्य जम्मू और कश्मीर के विकास तथा जनता की भलाई था। भाजपा में शामिल होने के बावजूद, उन्होंने हमेशा अपने क्षेत्र की उन्नति को प्राथमिकता दी और क्षेत्रीय मुद्दों को जोर-शोर से उठाया।

उनकी मृत्यु ने पूरे राज्य और देश भर में शोक की लहर फैलाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा और जम्मू एवं कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा सहित कई नेताओं ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती और पूर्व जम्मू विश्वविद्यालय कुलपति अमिताभ मट्टू भी उनके परिवार के प्रति संवेदना प्रकट की।

परिवार और निजी जीवन

व्यक्तिगत जीवन में वे एक परिवार के मुखिया थे, जिसमें उनकी पत्नी, दो बेटियां और एक बेटा है। उनके भाई, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह भी एक महत्वपूर्ण राजनीतिक हस्ती हैं। देवेंद्र सिंह राणा के जाने से उनके परिवार परंपरा का पूर्व अभ्यास और निर्दिष्ट भूमिकाओं का पालन करना जारी रखेगा।

राणा की कहानी हमें यह सिखाती है कि चाहे वह व्यवसाय में हो या राजनीति में, अगर आपके पास दृष्टिकोण और क्षमता है, तो आप किसी भी क्षेत्र में अपनी पहचान बना सकते हैं। उनके संघर्ष और सफलताओं की इस कहानी के माध्यम से वर्तमान पीढ़ी को यह सीखने को मिलता है कि कैसे अपने सपनों को अनुशासन और मेहनत के साथ साकार किया जा सकता है।

मनीष तिलक

लेखक के बारे में मनीष तिलक

मैं एक पत्रकार हूँ और भारतीय दैनिक समाचारों पर लिखने का काम करता हूँ। मैं राजनीति, सामाजिक मुद्दे, और आर्थिक घटनाक्रम पर विशेष ध्यान देता हूँ। अपने लेखन के माध्यम से, मैं समाज में जागरूकता बढ़ाने और सूचनात्मक संवाद को प्रेरित करने का प्रयास करता हूँ।

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