धनतेरस 2025 पर सोना‑चाँदी की कीमतें थोड़ी गिरें, शहर‑दर‑शहर दरें देखें

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धनतेरस 2025 पर सोना‑चाँदी की कीमतें थोड़ी गिरें, शहर‑दर‑शहर दरें देखें

जब नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री of भारत ने 18 अक्टूबर को सुबह‑सुबह X पर धनतेरस की बधाई दी, तो देशभर के बाजारों में सोना और चाँदी की कीमतें हल्की‑हल्की गिर रही थीं। धनतेरस 2025भारत के दिन MCX के अनुसार 24‑कैरट सोने की कीमत ₹13,086 प्रति ग्राम, और चाँदी की कीमत ₹172 प्रति ग्राम रही। यह गिरावट पिछले दिन, यानी 17 अक्टूबर को देखी गई तेज़ी‑भरी गिरावट के बाद आई, जब सोना 3 % और चाँदी 8 % से नीचे गिर गया था।

पिछली कीमतों की पृष्ठभूमि

17 अक्टूबर को 24‑कैरट सोने की कीमत 10 ग्राम पर ₹1,25,957 तक धकेल गई, जो पिछले हफ्ते के रिकॉर्ड उच्च ₹1,32,294 से थोड़ी नीचे थी। चाँदी का गिराव और भी तेज़ था – किलोग्राम में ₹1,53,929, जो पहले के ₹1,70,415 से घटा। इस गिरावट का कारण मुख्य रूप से लाभ‑लेने वाले ट्रेडर और अंतर्राष्ट्रीय भू‑राजनीतिक तनाव में अस्थायी कमी माना गया। फिर भी, अक्टूबर के प्रारम्भिक स्तरों की तुलना में दोनों धातुएँ अभी भी ऊँची थीं।

शहर‑दर‑शहर विशिष्ट दरें

स्थानीय जौहरीयों ने विभिन्न शहरों में अलग‑अलग कीमतें दीं। दिल्ली में 24‑कैरट सोना ₹13,101 प्रति ग्राम, 22‑कैरट ₹12,010 रहा। मुंबई में 24‑कैरट ₹13,086, 22‑कैरट ₹11,995; चेन्नई में 24‑कैरट ₹13,037, 22‑कैरट ₹11,950; हैदराबाद में समान 24‑कैरट ₹13,086 और 22‑कैरट ₹11,995 दिखी। इन दरों में मौजूद छोटे‑छोटे अंतर मुख्यतः स्थानीय माँग‑सप्लाई और बनावट शुल्क के कारण थे।

ऑक्टूबर के महीने में कीमतों का परिवर्तन

ऑक्टूबर का महीना सोने के लिए खासा ऊँचा रहा। Goodreturns के डेटा अनुसार 24‑कैरट सोना 1 अक्टूबर को ₹11,924 से शुरू हुआ, 17 अक्टूबर को ₹13,277 के शिखर पर पहुँचा और 18 अक्टूबर को ₹13,086 पर बंद हुआ – कुल 9.75 % की वृद्धि। इसी तरह 22‑कैरट सोना 10,930 पर शुरू हुआ, 17 अक्टूबर को 12,170 तक जूम किया और 18 अक्टूबर को 11,995 पर ठहराया। सितंबर में भी लगातार 10‑12 % की उछाल दिखी, जिससे यह स्पष्ट है कि मौसमी उत्सवों (धनतेरस‑दीवाली) ने मांग को प्रचंड रूप से बढ़ावा दिया।

विशेषज्ञों की भविष्यवाणियां

विशेषज्ञों की भविष्यवाणियां

अभिलाश कोइक्करा, Executive Vice President & Head of Forex and Commodities at Nuvama Professional Clients Group ने कहा कि अगले 12 महीनों में चाँदी सोने से तेज़ी से उछलेगी। उनका मानना है कि तकनीकी संकेतक चाँदी में अधिक बुलिश है और "gold offers portfolio stability and capital protection" जबकि चाँदी "higher likelihood of outperforming gold by Dhanteras 2026"।

दूसरी ओर, प्रवीण सिंह, एक और अनुभवी विश्लेषक, ने भविष्यवाणी की कि अगले धनतेरस (अक्टूबर 2026) तक सोने की कीमत US $5,000 तक पहुँच सकती है, जो भारत में ₹1,35,000 के करीब होगा। उन्होंने चाँदी के लिए US $60 का लक्ष्य रखा, जो लगभग ₹2,30,000 बनता है।

अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण से, मनव मोदी, कमोडिटी एनालिस्ट, ने COMEX पर सोने को $4,250‑$4,500 और चाँदी को $75 की रेंज में देखा, यह मानते हुए कि डॉलर‑रु प्रतिदिन 89 के बराबर रहेगा।

बाजार की वर्तमान स्थिति और कारण

कई कारणों ने इस महीने के उछाल को समर्थन दिया। यूक्रेन‑रूस और मध्य‑पूर्व में निरंतर तनाव, महंगाई के ऊपर दबाव, और चीन व भारत जैसे बड़े केंद्रीय बैंकों द्वारा सोने के भण्डार में वृद्धि – इन सभी ने निवेशकों को “सुरक्षित आश्रय” की ओर मोड़ा। विशेष रूप से भारतीय रिज़़र्व बैंक (RBI) ने सितंबर 2025 तक 827.75 tonnes सोना रख लिया, जो पिछले वित्तीय वर्ष में 12.5 tonnes की वृद्धि थी।

दूसरी ओर, लंदन बुलियन मार्केट एसोसिएशन (LBMA) ने अक्टूबर 2025 में चाँदी की शारीरिक कड़ैत (tightness) को “अभूतपूर्व” बताया, क्योंकि सौर पैनल निर्माताओं की माँग तेज़ी से बढ़ रही थी जबकि खनन कंपनियों की आपूर्ति सीमित थी। यही कारण है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चाँदी के भाव में उतार‑चढ़ाव अधिक स्पष्ट है।

आगामी घटनाओं का प्रभाव

आगामी घटनाओं का प्रभाव

आने वाले कुछ हफ़्तों में दो बड़े मौद्रिक निर्णयों पर नज़र रखनी होगी। पहले, यूएस फेडरल रिज़र्व का नवंबर 6, 2025 को ब्याज‑दर निर्णय, और दूसरा, भारतीय रिज़र्व बैंक की नवंबर 7, 2025 को दो‑महीने की नीति समीक्षा। दोनों ही निर्णय सीधे सोने‑और‑चाँदी की भविष्य की कीमतों को दिशा देंगे। साथ ही, दीवाली की खरीदारी के चलते 20 अक्टूबर को अंतिम रूप देने वाले रिटेल ग्राहक की मांग भी बड़े पैमाने पर मूल्य‑रुझान को असर करेगी।

भारतीय बुलियन एंड ज्यूलर्स एसोसिएशन (IBJA) ने कहा कि अभी भी उपभोक्ता उत्सुकता बनी हुई है, विशेषकर विवाह‑और‑त्योहारी मौसम में। भले ही कीमतें थोड़ी गिरें, लेकिन मौसमी माँग ने बाजार को “संतुलित” रखने में मदद की।

भविष्य की संभावनाएँ और सलाह

यदि आप निवेशक हैं, तो विशेषज्ञों की सलाह है कि सोने को दीर्घ‑कालिक पोर्टफ़ोलियो में स्थिरता के लिए रखें, जबकि चाँदी को अल्प‑कालिक टैक्टिकल एसेट के रूप में देखना बेहतर रहेगा। विशेष रूप से, तकनीकी चार्ट में चाँदी की ऊपर‑की ट्रेंडलाइन अभी भी मजबूत लगती है। जोखिम‑प्रबंधन के लिए, दोनों धातुओं के मिश्रित पोर्टफ़ोलियो से संभावित नुकसान कम हो सकता है।

सारांश में, धनतेरस 2025 ने कीमतों में हल्की गिरावट दिखायी, पर यह तेजी‑भरी वृद्धि का केवल एक “त्रिकोणीय” भाग था। अगले महीने के मौद्रिक निर्णय और दीवाली की खरीदारी का असर देखना बाकी है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

धनतेरस के दिन सोने की कीमतें क्यों घटीं?

पहले दिन तेज़ लाभ‑लेने और अंतर्राष्ट्रीय भू‑राजनीतिक तनाव में अस्थायी शमन ने ट्रेडरों को मौजूदा नाफ़ा निकालने के लिए प्रेरित किया, जिससे 24‑कैरट सोने की कीमत 3 % गिर गई।

शहर‑दर‑शहर कीमतों में इतना अंतर क्यों है?

स्थानीय जौहरीयों की बनावट शुल्क, कर, और वस्तु‑साप्लाई के स्तर में फर्क के कारण दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और हैदराबाद में कीमतों में 50‑200 रुपये प्रति ग्राम का अंतर आया।

भविष्य में कौन सी धातु बेहतर रिटर्न देगी?

विश्लेषकों के अनुसार, अगली 12 महीनों में चाँदी तकनीकी संकेतकों में अधिक बुलिश है और व्यापक औद्योगिक माँग (जैसे सौर पैनल) के कारण सोने से तेज़ी से बढ़ सकती है। लेकिन दीर्घ‑कालिक सुरक्षा के लिये सोना बेहतर पोजीशन माना गया है।

अगले महीने के मौद्रिक फैसले कीमतों को कैसे प्रभावित करेंगे?

अगर US Fed ब्याज दर घटाता है तो डॉलर कमजोर होगा, जिससे सोने के अंतर्राष्ट्रीय कीमतों में समर्थन मिलेगा। RBI की नीति अगर सख्त रहती है, तो भारतीय सोने की कीमतों में दबाव बढ़ा सकता है।

धनतेरस के बाद दीवाली में कीमतें कैसे बदलेंगी?

दीवाली की खरीदारी में उपभोक्ता मांग तेज़ी से बढ़ती है, जिससे दोनों धातुओं की कीमतें फिर से लहर उठाने की संभावना है, विशेषकर सोने की क्योंकि यह पारम्परिक निवेश माना जाता है।

Savio D'Souza

लेखक के बारे में Savio D'Souza

मैं एक पत्रकार हूँ और भारतीय दैनिक समाचारों पर लिखने का काम करता हूँ। मैं राजनीति, सामाजिक मुद्दे, और आर्थिक घटनाक्रम पर विशेष ध्यान देता हूँ। अपने लेखन के माध्यम से, मैं समाज में जागरूकता बढ़ाने और सूचनात्मक संवाद को प्रेरित करने का प्रयास करता हूँ।

टिप्पणि (2)
  • Chandra Soni
    Chandra Soni
    18.10.2025

    धनतेरस पर सोने‑चाँदी के ट्रेडर्स को अलर्ट कर रहा हूँ – बुलिश ट्रेंड अभी भी स्पॉटेड है, इसलिए लिक्विडिटी में हल्की गिरावट को एक अवसर मानें।
    डेटा से पता चलता है कि MCX में बिड‑आस्क स्प्रेड कम हुआ है, जो संकेत देता है कि बड़े फंड्स एंट्री बनाते हैं।
    ज्यादा रिस्क नहीं लेना है तो अल्प‑कालिक एंट्री‑एक्ज़िट स्ट्रेटेजी अपनाएँ, क्योंकि रिवर्सल का प्रेशर हाई है।
    अभी की थोड़ी गिरावट मौसमी मांग के साथ मिलकर एक स्वस्थ रेंज बनाती है।

  • Kanhaiya Singh
    Kanhaiya Singh
    19.10.2025

    धनतेरस पर सोने की कीमतों में मामूली गिरावट निवेशकों के पोर्टफोलियो पुनर्संतुलन का संकेत देती है।

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