IPL के बीच कोरोना की दस्तक, नटराजन हुए पॉजिटिव
2021 का आईपीएल जब अपने फ्लो में था, तभी सनराइजर्स हैदराबाद के टी नटराजन की कोविड-19 रिपोर्ट पॉजिटिव आती है। 22 सितंबर को SRH का मुकाबला दिल्ली कैपिटल्स से होना था, उससे ठीक पहले ये खबर बाहर आई। बीसीसीआई के रुटीन RT-PCR टेस्ट में ये मामला पकड़ में आया। नटराजन को कोई लक्षण नहीं थे, लेकिन नियम साफ थे—उन्हें तुरंत टीम से अलग-isolate कर दिया गया।
ऐसा नहीं था कि केवल नटराजन की टीम से दूरी बनाना काफी था। टेस्ट के बाद, उनके छह करीबी भी सीधा आइसोलेशन में भेज दिए गए। उनमें मुख्य ऑलराउंडर विजय शंकर, टीम मैनेजर विजय कुमार, फिजियो श्याम सुंदर जे, टीम डॉक्टर अंजना वाढनन, लॉजिस्टिक्स मैनेजर तुषार केढकर, और नेट बॉलर पेरियासामी गणेशन शामिल थे।
मैच का माहौल, नई चुनौतियां और BCCI की रणनीति
मैच को लेकर हर कोई दुविधा में था, लेकिन बीसीसीआई ने टीम के बचे हुए सभी खिलाड़ियों और स्टाफ का दोबारा टेस्ट कराया। जब सभी निगेटिव आए, तब जाकर मैच अपने तय वक्त पर खेला गया। इस दौर में आईपीएल लगातार कोविड के साए में चल रहा था, इसलिए बोर्ड कोई चांस नहीं लेना चाहता था। वैसे भी, इससे पहले बीसीसीआई को फॉल्स पॉजिटिव रिपोर्ट्स से जूझना पड़ा था—इसलिए नटराजन का फिर से RT-PCR टेस्ट हुआ। दोनों बार नतीजा पॉजिटिव ही रहा, आखिरकार बोर्ड को उन्हें अलग ही रखना पड़ा।
SRH के लिए यह वक्त टेंशन भरा था। नटराजन चोट से वापसी कर रहे थे, और अब टीम को एक अहम गेंदबाज मिस करने का झटका भी लगा। अच्छी बात ये रही कि कोरोना की ये चेन टीम में और आगे नहीं बढ़ी। बाकी खिलाड़ियों और स्टाफ के सेहतमंद होने से SRH चैन की सांस ले सका। लेकिन साफ दिखा कि कोविड ने क्रिकेट की रफ्तार पर कैसा असर डाल दिया था—हर समय कोई नया झटका कभी भी सामने आ सकता था।
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9.05.2025वाह, टी नटराजन ने फिर से पूरे स्टाफ को आइसोलेशन के ड्रामा में ढ़ाल दिया, जैसे हर मैच में सस्पेंस चाहिए था। अब BCCI को भी क्रिकेट के अलावा सीरियल वायरल टेस्ट करवाने की नई प्रतियोगिता की ज़रूरत नहीं। उनका कोई लक्षण नहीं था, पर नियमों के हिसाब से उन्हें तुरंत अलग रखा गया, बस यही बात है। ये सब देख कर लग रहा है कि कोरोना ने भी IPL को अपना स्टारडम दिया है।
yaswanth rajana
16.05.2025कोविड-19 के इस दौर में IPL का संचालन एक जटिल लॉजिस्टिक चुनौती बन गया है।
टीमों को नियमित रूप से RT‑PCR टेस्ट करवाना अब रोज़मर्रा की बात हो गई है।
नटराजन जैसे प्रमुख खिलाड़ी के पॉज़िटिव रिपोर्ट मिलने पर तुरंत अलग‑अलग किया गया, जो प्रोटोकॉल की कड़ाई दर्शाता है।
यह कदम दर्शकों के विश्वास को बनाए रखने के लिए आवश्यक था, क्योंकि कोई भी लापरवाही बड़े मुक़ाबले का कारण बन सकती है।
सात टीमों ने अपने स्टाफ को ग्रुप क्वारंटाइन में डालकर खेल जारी रखने की कोशिश की, लेकिन इससे खिलाड़ी‑उपलब्धता में गिरावट आई।
इस कारण SRH को कुछ मैचों में अपनी बॉलिंग लाइन‑अप में बदलाव करना पड़ा, जो रणनीति पर असर डालता है।
बीसीसीआई ने सभी टीमों को दोबारा टेस्ट करवाया, जिससे नकारात्मक परिणाम आने पर ही मैच लुभा सके।
इस प्रक्रिया में समय और संसाधन दोनों की बड़ी खर्ची हुई, पर यह अस्थायी रूप से वायरस के प्रसार को रोकने में मददगार रहा।
जबकि कुछ लोग इसे एंटरटेनमेंट पर असर के रूप में देखते हैं, स्वास्थ्य सुरक्षा को पहले रखना ही समझदारी है।
खिलाड़ियों को मनोवैज्ञानिक सहायता भी दी गई, क्योंकि निरंतर नियमों से तनाव स्तर बढ़ता है।
आईपीएल के प्रोडक्शन हाउस ने भी स्टेडियम में दर्शकों की संख्या सीमित रखी, जिससे स्टेडियम माहौल थोड़ा ठंडा हो गया।
फिर भी, अंत में सभी ने बताया कि बायो‑सिक्योरिटी प्रोवाइडर की निगरानी से मैच सुरक्षित रूप से समाप्त हुआ।
इस अनुभव से यह सीख मिली कि भविष्य में बड़े खेल आयोजन में महामारी प्रबंधन को एक अनिवार्य भाग माना जाना चाहिए।
अगर अगले सीज़न में वैक्सीन कवरेज बढ़ेगा, तो ऐसे कठोर क्वारंटाइन उपायों की जरूरत कम हो सकती है।
कुल मिलाकर, नटराजन की पॉज़िटिव रिपोर्ट ने IPL को तेज़ी से अनुकूलित होने की क्षमता दिखा दी, जो सभी हितधारकों के लिए सकारात्मक है।
Roma Bajaj Kohli
22.05.2025भाई, ये सब कहां से लाया? हमारे देश में कॉरोनावायरस को घातक मानते हैं, इसलिए हर खिलाड़ी को तुरंत क्वारंटाइन करना ही प्रोटोकॉल है।
Nitin Thakur
28.05.2025बात तो सही है लेकिन बहुत ज्यादा टेस्ट करने से खिलाड़ी थक जाते हैं ये बात भूल गये लोग
Arya Prayoga
4.06.2025SRH की तैयारी बिगड़ गई, असली जिंझट यहाँ से शुरू।
Vishal Lohar
9.06.2025ओह, क्या अद्भुत नाट्य मंच तैयार हो गया है!
एक ओर बीसीसीआई की कठोर नीतियां, तो दूसरी ओर खिलाड़ीयों की पीड़ित आत्मा।
ऐसा लगता है जैसे नटराजन एक महाकाव्य के नायक बन गए हों, जहाँ हर कदम पर निराली दुविधा छाई है।
यह न केवल टीम की रणनीति को धूमिल करता है, बल्कि दर्शकों के उत्साह को भी तुच्छ कर देता है।
फिर भी, हमें स्वीकार करना चाहिए कि इस तरह की चुनौतियों ने भारतीय क्रिकेट की लचक को निखारा है।
अंततः, यह सब एक ही लक्ष्य के लिए है-जगहों पर शुद्ध खेल का उत्सव।
Vinay Chaurasiya
15.06.2025कठोर नियम, तेज़ खेल-दोनों का संतुलन चाहिए!!!