IPL 2025: गुजरात टाइटंस का बड़ा धमाका, दिल्ली कैपिटल्स को 7 विकेट से रौंदा

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IPL 2025: गुजरात टाइटंस का बड़ा धमाका, दिल्ली कैपिटल्स को 7 विकेट से रौंदा

अहमदाबाद में IPL 2025 का हाईवोल्टेज मुकाबला

IPL 2025 की लीग स्टेज अपने रोमांचक मोड़ पर है और 35वां मैच गुजरात टाइटंस (गुजरात टाइटंस) वर्सेस दिल्ली कैपिटल्स के बीच अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेला गया। मुकाबले से पहले दोनों ही टीमों पर दबाव था—सिर्फ अंक तालिका का नहीं, बल्कि अपनी प्रतिष्ठा का भी। गुजरात ने टॉस जीतकर पहले फील्डिंग चुनी, जिससे साफ था कि कप्तान विपक्षी बैटिंग लाइनअप को जल्द निपटाना चाहता था। फिल्डिंग करते हुए गुजरात की योजना दिखी—नई गेद से दबाव बनाओ और दिल्ली के टॉप ऑर्डर को जल्द पवेलियन भेजो।

दिल्ली की शुरुआत हालांकि तेज थी। कप्तान ऋषभ पंत ने 29 बॉल में 43 रन की पारी खेली और मिडिल ऑर्डर को संभाले रखा। लेकिन दिल्ली को सबसे ज्यादा निराशा मिली अपने स्टार ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज मिचेल स्टार्क से—14.70 की इकॉनमी और 49 रन दिए, बिना कोई विकेट लिए। एक समय ऐसा लग रहा था कि दिल्ली 220 पार निकल जाएगी, लेकिन गुजरात की गेंदबाजी में मध्यम ओवरों में अच्छी वापसी की। अर्शदीप सिंह और राशिद खान ने दबाव बनाते हुए जरूरी रन रेट गिरा दिया। दिल्ली 20 ओवर में आखिरकार 203/8 तक ही पहुंच सकी।

  • ऋषभ पंत: 43 रन (29 गेंद)
  • मिचेल स्टार्क: 49 रन दिए, कोई विकेट नहीं
  • कुलदीप यादव और मुकेश कुमार: 1-1 विकेट
जोस बटलर का धमाका, गुजरात की धाकड़ बैटिंग

जोस बटलर का धमाका, गुजरात की धाकड़ बैटिंग

जवाब में गुजरात टाइटंस की तरफ से ओपनर जोस बटलर (Jos Buttler) शो पर हावी हो गए। उनकी 54 गेंदों पर नाबाद 97 रन की पारी पूरे मैच की तस्वीर ही बदल गई। शुरुआत में सलामी जोड़ी को दिल्ली के बॉलर्स ने थोड़ा रोक कर रखा, लेकिन पावरप्ले के बाद शुबमन गिल ने (46 गेंदों में 84 रन) कमान संभाली।

जोस बटलर और गिल के बीच बेहतरीन साझेदारी ने दिल्ली के बॉलिंग अटैक को छिन्न-भिन्न कर दिया। बटलर ने खास तौर पर मिचेल स्टार्क को एक ओवर में लगातार पांच चौके लगाकर दबाव विपक्षी टीम पर डाल दिया। साई सुदर्शन और शेरफेन रदरफोर्ड ने जरूरी योगदान दिया, लेकिन अहम रोल रहा गिल और बटलर का, जिन्होंने 150 से ज्यादा रन की भागीदारी की। मैच के अंतिम पलों में राहुल तेवतिया ने चौका जड़कर टीम को विजयी बनाया।

  • जोस बटलर: 97* (54 गेंद)
  • शुबमन गिल: 84 (46 गेंद)
  • रदरफोर्ड, साई सुदर्शन: 27-27 रन

गुजरात की यह जीत उनकी खेमें में बड़ा उत्साह लेकर आई है क्योंकि इससे पिछले दो मुकाबलों में हार का स्वाद चख चुकी टीम अब एक बार फिर प्लेऑफ की दौड़ में दिख रही है। उनके बल्लेबाजों की गहराई सामने आई और कोचिंग स्टाफ की रणनीति भी सटीक रही। दूसरी ओर, दिल्ली को अपनी डेथ ओवर की गेंदबाजी और स्टार्क की खराब फॉर्म से जूझना होगा। अभी अंक तालिका की नई स्थिति का इंतजार है, लेकिन इतना जरूर है कि गुजरात की टीम ने सही समय पर सही लय पकड़ ली है।

Savio D'Souza

लेखक के बारे में Savio D'Souza

मैं एक पत्रकार हूँ और भारतीय दैनिक समाचारों पर लिखने का काम करता हूँ। मैं राजनीति, सामाजिक मुद्दे, और आर्थिक घटनाक्रम पर विशेष ध्यान देता हूँ। अपने लेखन के माध्यम से, मैं समाज में जागरूकता बढ़ाने और सूचनात्मक संवाद को प्रेरित करने का प्रयास करता हूँ।

टिप्पणि (8)
  • Selva Rajesh
    Selva Rajesh
    25.04.2025

    ऐसे लगता है जैसे गुजरात टाइटंस ने इस मैच में पूरी कॉकपिट को रॉक कर दिया! टॉस जीतकर फील्डिंग चुनना, फिर बटलर की बेमिसाल पारी-इसे बस धूमधाम से नहीं समझा जा सकता। दिल्ली की लाइन‑अप पूरी तरह से बिखर गई, और हर ओवर में दबाव का सवार होना जैसे ज्वालामुखी फूट रहा हो। इस जीत में रणनीति की चमक और खिलाड़ी‑मनोबल की ज्वाला दोनों ही साफ झलक रही हैं।

  • Ajay Kumar
    Ajay Kumar
    25.04.2025

    बिलकुल, बटलर ने तो ज्यों पिनाकल पर जलते शहद की तरह आक्रमण किया।

  • Ravi Atif
    Ravi Atif
    25.04.2025

    गुजरात का यह प्रदर्शन IPL की इस सत्र में एक नया अध्याय लिख रहा है। बटलर की 97* ने तो बेजोड़ ज्वाला फेंकी, जिससे स्टेडियम की दीवारें भी काँप उठीं।
    शुबमन गिल की तेज़ी और स्थिरता ने टीम को एक मजबूत आधार दिया, जिससे दिल्ली की गेंदबाज़ी निरंतर हिचकिचाने लगी।
    हर चौके को बॉलर ने जब देखा तो ऐसा लगा जैसे हवाएँ उन्हें रोक नहीं पा रही थीं।
    जैसे ही बटलर ने मिचेल स्टार्क को पाँच लगातार चौके मार दिए, दर्शकों ने एकत्रित उच्छ्वास में अपने मन से जयकारा किया।
    दिल्ली का डॉमिनेट करने वाला आरंभ भी बटलर की तेज़ी के सामने फीका पड़ गया।
    वास्तव में, यह मैच एक लघु युद्ध जैसा था जहाँ गुजरात ने हर ओवर में आगे बढ़ते हुए दुश्मन की रेखा तोड़ दी।
    राहुल तेवतिया ने अंत में चौका मारकर जीत की गूँज को और भी तेज़ बना दिया।
    गेम‑प्लान की बात करें तो गुजरात की कोचिंग टीम ने बॉलिंग प्रेशर बनाकर दिल्ली की टॉप ऑर्डर को निरुत्साहित कर दिया।
    डीलाइटफ़ुल किक‑ऑफ़ के बाद दिल्ली ने भी कई स्मैश हिट्स लगाए, पर वह बर्ख़ास्त पीछे गिरते रहे।
    मिचेल स्टार्क की इकॉनमी वाकई में आश्चर्यजनक थी, पर विकेट न लेना ही उसकी असफलता की प्रमुख वजह थी।
    हमें यह भी याद रखना चाहिए कि बटलर की पारी में सिर्फ रन नहीं, बल्कि टीम के आत्मविश्वास का इंधन भी शामिल था।
    आगे देखते हुए, इस जीत के बाद गुजरात को प्ले‑ऑफ़ में एक मजबूत दावेदार माना जा सकता है।
    उसी समय, दिल्ली को अपनी डेथ ओवर में रणनीति बदलनी होगी, नहीं तो अगला मैच और भी कठिन होगा।
    समग्र रूप से देखा जाए तो यह मुकाबला क्रिकेट प्रेमियों के लिए एक अविस्मरणीय नज़राना बन गया।
    और हाँ, इस जीत के बाद राजियों को साओ के साथ अपने पदचिह्न को संभालना पड़ेगा।

  • Krish Solanki
    Krish Solanki
    25.04.2025

    यहाँ पर स्पष्ट है कि दिल्ली की गेंदबाज़ी प्रबंधन ने गंभीर नैतिक विफलता दिखाई है। बछड़पन भरे निर्णयों के कारण मिचेल स्टार्क का ओवरजयन चुनौतियों को और बढ़ा दिया। इसके अतिरिक्त, टीम की अंतःक्रिया में संरचनात्मक त्रुटियाँ स्पष्ट रूप से उभर कर आईं, जो सामरिक बेतुकीपन को दर्शाती हैं। इस प्रकार के प्रदर्शन को किसी भी उच्च स्तरीय प्रतियोगिता में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।

  • SHAKTI SINGH SHEKHAWAT
    SHAKTI SINGH SHEKHAWAT
    25.04.2025

    आइए इस जीत के पीछे छिपे हुए आर्थिक हितों पर विचार किया जाए। गुजरात टाइटंस की अचानक अभूतपूर्व जीत कीलिग़ से जुड़ी बड़े पैमाने पर बैंकरों के स्वार्थी सौदे का परिणाम हो सकती है। इस प्रकार का अचानक प्रदर्शन अक्सर अंडरडॉग टीम को विभिन्न वित्तीय संस्थाओं द्वारा प्रेक्षणीय प्रायोजन प्राप्त होता है। इसलिए यह अनुचित नहीं होगा कि इस मैच में संभावित गुप्त दबाव और प्रभाव को उजागर किया जाए।

  • Vinod Mohite
    Vinod Mohite
    25.04.2025

    डेटा‑ड्रिवेन इनसाइट्स यह संकेत देती हैं कि सिम्युलेशन मॉड्यूल में एन्हांस्ड पैरामीटर्स ने टाइटंस की ओपनिंग स्ट्रेटेजी को इम्प्रूव किया है इस कारण से बेज़ल इनफ्लुएंस दिखा

  • Rishita Swarup
    Rishita Swarup
    25.04.2025

    इन दोनों टीमों की पिच रिपोर्ट को देखिये तो यह स्पष्ट है कि शुरुआती स्पिनर्स को काफी मदद मिली थी। लेकिन फिर भी बटलर जैसे विदेशी ब्लेज़र ने अपनी हिटिंग स्किल्स से सबको चौंका दिया। इस मैच में दिल्ली की फील्डिंग में कुछ छोटे‑छोटे लापरवाहियां भी थीं, जो अक्सर बड़े अंतर में बदल जाती हैं। कुल मिलाकर, आज का मैचा एक बेहतरीन सीख रहा कि कैसे अंडरडॉग टीम भी रणनीति और धैर्य से बड़े दांव जीत सकती है।

  • anuj aggarwal
    anuj aggarwal
    25.04.2025

    दिल्ली की पूरी टीम बेकार है।

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