केदार जाधव ने क्रिकेट से की विदाई
भारतीय क्रिकेट टीम के जाने-माने बल्लेबाज केदार जाधव ने अंततः अपने संन्यास की घोषणा कर दी है। 39 वर्ष की आयु में जाधव ने यह निर्णय लिया और उन्होंने अपने करियर को अलविदा कहने का निर्णय अपने सोशल मीडिया अकाउंट के माध्यम से साझा किया। यह घोषणा भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों के लिए एक भावुक क्षण बनकर आई है।
जाधव ने अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर की शुरुआत नवंबर 2014 में श्रीलंका के खिलाफ एकदिवसीय मैच में की थी। यह मैच रांची में खेला गया था और तब से लेकर अब तक उन्होंने भारतीय टीम के लिए कई महत्वपूर्ण पारियां खेली हैं। 73 वनडे मैचों में 1389 रन बनाने वाले जाधव का औसत 42.09 रहा है, जो किसी भी बल्लेबाज के लिए उत्कृष्ट माना जाता है। उन्होंने दो शतक और छै अर्धशतक भी जड़े हैं, जिनमें से एक यादगार पारी जनवरी 2017 में पुणे में इंग्लैंड के खिलाफ खेली गई थी, जहां उन्होंने सिर्फ 76 गेंदों में 120 रन बनाए थे और भारत को जीत दिलाई थी।
बल्लेबाज के साथ थे उपयोगी गेंदबाज भी
केदार जाधव न केवल एक उत्कृष्ट बल्लेबाज थे, बल्कि एक कुशल ऑफ-स्पिन गेंदबाज भी थे। अपने करियर के विभिन्न चरणों में उन्होंने गेंदबाज के रूप में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। जाधव ने 27 वनडे विकेट्स भी हासिल किए हैं। गेंदबाज के रूप में उनका कौशल तब सामने आया जब भारतीय टीम मुख्य गेंदबाजों के प्रदर्शन में कमी दिखाती थी और जाधव ने अपनी गेंदबाजी से कप्तान को विकल्प प्रदान किया।
आईपीएल में भी छाए जाधव
जाधव ने इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में भी कई फ्रेंचाइजियों के लिए खेला और अपनी बल्लेबाजी तथा गेंदबाजी का परिचय दिया। उन्होंने चेन्नई सुपर किंग्स, दिल्ली डारेडेविल्स, कोच्ची टस्कर्स केरला, रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर, और सनराइजर्स हैदराबाद के लिए खेलते हुए अपने करियर के बेहतरीन साल बिताए। आईपीएल में भी उन्होंने खुद को एक प्रभावशाली खिलाड़ी के रूप में स्थापित किया।
जाधव का करियर एक साधारण खिलाड़ी से शुरू होकर स्टार खिलाड़ी बनने की कहानी है। उनकी मेहनत और प्रतिभा ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया। उनके करियर की सबसे बड़ी खासियत यह रही कि उन्होंने कभी हार नहीं मानी और हमेशा टीम के लिए खेलते रहे।
महेंद्र सिंह धोनी की तरह संन्यास की घोषणा
केदार जाधव ने अपने संन्यास की घोषणा जिस अंदाज में की है, उससे भारतीय क्रिकेट प्रेमियों को महेंद्र सिंह धोनी की याद आ गई। जाधव की विदाई भी सरल और सीधे तरीके से हुई, जिसमें उन्होंने अपने करियर की चर्चा कम ही की और सिर्फ अपने संन्यास का ऐलान किया। उनका यह सादगीपूर्ण तरीका दर्शाता है कि वह खेल के प्रति कितने समर्पित और नम्र थे।
अब जब केदार जाधव ने क्रिकेट से संन्यास ले लिया है, उनकी अनुपस्थिति भारतीय क्रिकेट के लिए एक बड़े शून्य के रूप में देखी जा सकती है। लेकिन उनके द्वारा छोड़ी गई विरासत और उनके द्वारा सिखाए गए पाठ नए खिलाड़ियों के लिए हमेशा प्रेरणा का स्रोत बने रहेंगे। क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद भी उनके चाहने वालों के दिलों में उनकी यादें हमेशा ताजा रहेंगी और उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा।