क्या कोलंबस इतालवी नहीं, यहूदी थे? नवीनतम जेनेटिक अध्ययन से खुलासा

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क्या कोलंबस इतालवी नहीं, यहूदी थे? नवीनतम जेनेटिक अध्ययन से खुलासा

कोलंबस की पहचान में नया मोड़

क्रिस्टोफर कोलंबस का नाम सुनते ही हमारे मन में एक महान अन्वेषक की छवि उभर आती है, जिसने अज्ञात समुद्री क्षेत्रों की खोज की और अमेरिका को यूरोप से परिचित कराया। पारंपरिक रूप से, कोलंबस को एक इतालवी नागरिक माना जाता था जिसने स्पेन के रानी इसाबेल और राजा फर्डिनेंड के संरक्षण में नई दुनिया की खोज की। लेकिन हाल ही में हुए एक व्यापक जेनेटिक अध्ययन ने कोलंबस की इस परंपरागत छवि को चुनौती दी है।

जेनेटिक अध्ययन से प्राप्त निष्कर्ष

स्पेन के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए इस अध्ययन में कोलंबस के अवशेषों से प्राप्त डीएनए का विश्लेषण किया गया। यह अध्ययन 2003 में शुरू हुआ था, जिसमें कोलंबस के अवशेष सिविल कैथेड्रल से निकाले गए थे। अध्ययन के प्रमुख अन्वेषक, फोरेंसिक चिकित्सा के प्रोफेसर जोस एंटोनियो लॉरेन्टे और इतिहासकार मार्सियल कास्त्रो ने इस बात पर ध्यान केंद्रित किया कि कोलंबस की धरोहर शायद यहूदी हो सकती है।

यहूदी पहचान की संभावनाएं

अध्ययन में यह पाया गया कि कोलंबस और उनके पुत्र हर्नांडो कोलन के डीएनए में कुछ ऐसे चिह्न हैं जो यहूदी विरासत का संकेत देते हैं। फोरेंसिक अन्वेषक मिगुएल लॉरेन्टे के अनुसार, कोलंबस के वाई क्रोमोसोम और माइटोकॉन्ड्रियल डीएनए से यह संकेत मिलता है कि उनकी यहूदी पैठ संभव है। इसका मतलब यह हो सकता है कि कोलंबस या तो अपनी यहूदी पहचान को छुपाते थे या 15वीं शताब्दी में स्पेन में व्यापक धार्मिक उत्पीड़न से बचने के लिए कैथोलिक धर्म में परिवर्तित हो गए।

कोलंबस की विरासत पर प्रभाव

कोलंबस की विरासत पर प्रभाव

कोलंबस की यहूदी विरासत की संभावनाओं के बारे में नवीन जानकारी अवश्य ही इतिहासकारों और जनता के बीच गहरी चर्चा को उत्प्रेरित कर सकती है। हालांकि, यह ध्यान रखना भी आवश्यक है कि कोलंबस की यात्राओं और उनकी खोजों के बावजूद, उनके अभियान के परिणामस्वरूप स्थानीय मूल निवासियों के प्रति अत्याचार और दासता भी बढ़ी।

अध्ययन के प्रभाव

यह शोध 22 वर्षों तक चली जांच का एक हिस्सा है, जिसमें कोलंबस की पहचान और उनकी जड़ों पर विभिन्न दृष्टिकोणों से निर्णय लिया गया है। इस अनुसंधान ने स्पेन के राष्ट्रीय टेलीविजन चैनल पर प्रसारित एक डॉक्यूमेंट्री 'कोलंबस डीएनए: द ट्रू ओरिजिन' में भी स्थान पाया। इस डॉक्यूमेंट्री ने कोलंबस की विरासत की चर्चा को फिर से जीवंत कर दिया।

विवादित पहचान

विवादित पहचान

कोलंबस की पहचान और उनके मूल स्थान को लेकर इतिहासकार और विद्वान अब तक एकमत नहीं हो पाए हैं, लेकिन स्पेन के वेलेंसिया में उनका जन्मस्थान होने की संभावना पर जोर दिया गया है। इस प्रकार की नई जानकारी हमारे द्वारा पूर्व में के जाने हुए इतिहास को पुनःसंगठित कर सकती है और यह दर्शा सकती है कि कोलंबस वास्तव में कौन थे। हालांकि यहूदी होने की संभावना ने उनकी यात्रा को एक नई दिशा दी है, परंतु उनकी वैश्विक पहचान अभी भी उनके अभियानों की विवादित विरासत से गहराई से जुड़ी हुई है।

मनीष तिलक

लेखक के बारे में मनीष तिलक

मैं एक पत्रकार हूँ और भारतीय दैनिक समाचारों पर लिखने का काम करता हूँ। मैं राजनीति, सामाजिक मुद्दे, और आर्थिक घटनाक्रम पर विशेष ध्यान देता हूँ। अपने लेखन के माध्यम से, मैं समाज में जागरूकता बढ़ाने और सूचनात्मक संवाद को प्रेरित करने का प्रयास करता हूँ।

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