मोहन बागन ने 132वी डरेंड कप में ईस्ट बंगाल को हराकर रिकॉर्ड 17वाँ ट्रॉफी जीता

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मोहन बागन ने 132वी डरेंड कप में ईस्ट बंगाल को हराकर रिकॉर्ड 17वाँ ट्रॉफी जीता

जब मोहन बागन सुपर जाइंट ने 132वी डरेंड कप फाइनलकोलकाता में ईस्ट बंगाल एफसी को 1-0 से हराया, तो भारतीय फुटबॉल का दिल धड़क उठा। ऑस्ट्रेलियाई फ़ॉरवर्ड दिमित्रि पेट्रेटोस ने निर्णायक गोल किया, जिससे मोहन बागन का रिकॉर्ड‑बढ़ता पाँचवाँ शीर्षक सुनिश्चित हुआ। इस जीत ने क्लब को डरेंड कप के इतिहास में सबसे सफल टीम बना दिया, जहाँ अब तक उनका नाम 17 ट्रॉफी के साथ चमक रहा है।

इतिहासिक पृष्ठभूमि और डरेंड कप की महत्त्वता

डरेंड कप, 1888 में सर मॉर्टिमर डरेंड के द्वारा स्थापित, एशिया की सबसे पुरानी फुटबॉल प्रतियोगिता है और विश्व में तीसरी सबसे पुरानी। शुरुआती दौर से ही यह कप भारतीय सेना और सरकारी टीमों के बीच प्रतिद्वंद्विता का मंच रहा, पर समय के साथ यह क्लब फुटबॉल के बड़े‑बड़े दिग्गजों के लिए भी अहम बन गया।

कोलकाता में अक्सर युवा भारतीय खेल मैदान (युवा भारत क्रिड़ांगन) को मुख्य स्थल माना जाता है, जहाँ कई यादगार फाइनल खेले गए। मोहन बागन और ईस्ट बंगाल का दुश्मनी 1910 के दशक से चलती आ रही प्रतिद्वंद्विता इस टूर्नामेंट को और भी रोमांचक बनाती है।

फ़ाइनल का विकास: मैच की कहानी

फ़ाइनल का प्री‑मैच 12 अगस्त 2023 को कोलकाता के यु.बी.के. स्टेडियम में हुआ। दोनों ही टीमों ने समूह चरण में लगातार जीत दर्ज की थी – मोहन बागन ने तीन जीत, 12 गोल दागे और सिर्फ दो गोल झेले, जबकि ईस्ट बंगाल ने भी वही शानदार अंक प्राप्त किया, लेकिन अपने रक्षात्मक कमजोरी के कारण दो गोल concede किए।

मैच शुरू होते ही दोनों टीमों ने तेज़ी से आक्रमण किया। पहले 15 मिनट में ईस्ट बंगाल का स्ट्राइकर सौरभ दत्ता ने कई बार लक्ष्य पर टैप किया, पर गोलकीपर की रिफ़लेक्स ने बचाव कर दिया। वहीं मोहन बागन का मध्य‑फ़ील्डर राजेश रनजात ने दिक्कत पैदा करते हुए बॉल को विंग पर भेजा।

लगभग 62वें मिनट में मोहन बागन का दिमित्रि पेट्रेटोस ने बॉल को लेकर दाहिनी साइड से गोललाइन के पास करावाला शॉट मारा, जो सीधे बाएँ कोने में गया। गोलकीपर ने पहुँचने से पहले बॉल को छूट दिया, और स्टेडियम में ख़ुशी की गड़गड़ सुनाई दी। इससे स्कोर 1‑0 मोहन बागन का हो गया और यह गोल अंत तक ही बना रहा।

प्रमुख खिलाड़ी और निर्णायक गोल

दिमित्रि पेट्रेटोस ने सिर्फ एक ही गोल से अपने करियर में बड़ी झलक दी। सामन्य तौर पर वह अपनी तेज़ी और सटीक शॉट के लिए जाने जाते हैं, और इस फ़ाइनल में उन्होंने वही दिखाया। उनका बयान कुछ इस तरह था: "हम सभी का सपना था इस वॉरियर क्‍लेब को जीतना, और इस गोल से मेरे दिल का बोझ हल्का हो गया।"

मोहन बागन के कप्तान अमन दहाल ने पोस्ट‑मैच इंटरव्यू में कहा, "हमने पूरे सीज़न में टीम वर्क पर भरोसा किया, और यह जीत वही प्रमाण है।" दूसरे तरफ़ ईस्ट बंगाल के कोच सुभाष चक्रवर्ती ने कहा, "हमें बहुत खेद है, पर हम अपनी कमियों को सुधारेंगे, अगली बार हम फिर से आएँगे।"

दुश्मनी के फैन प्रतिक्रिया और सामाजिक प्रभाव

कोलकाता के स्ट्रीट्स में इस जीत को लेकर धूमधाम देखी गई। मोहन बागन के प्रशंसकों ने स्टेडियम के बाहर गगनचुंबी लाल फ्लैग्स फहराए, जबकि ईस्ट बंगाल के समर्थकों ने निराशा के साथ साथ अपने टीम के लिए समर्थन जारी रखा। सोशल मीडिया पर #MBSGChampions और #DurandCup2023 हैशटैग ट्रेंड में आ गए।

वित्तीय दृष्टिकोण से भी इस जीत का असर बड़ा है; मोहन बागन ने प्रायोजन समझौते में 2.5 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय सुरक्षित की, क्योंकि प्रतियोगिता के विजेताओं को अक्सर प्रमुख ब्रांडों से भरोसेमंद समर्थन मिलता है। साथ ही इस फ़ाइनल ने युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का काम किया, कई स्कूलों ने इस मैच को देखने के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किए।

आगे क्या? भविष्य की प्रतियोगिताएँ और अपेक्षाएँ

डरेंड कप का 133वाँ संस्करण 2024 में उत्तर‑पूर्वी यूनाइटेड एफसी ने जीत कर इतिहास बना दिया था। 2025 में 134वें संस्करण में वही टीम 6‑1 से डायमंड हार्बर एफसी को हराते हुए दो साल की जीत की लड़ी को आगे बढ़ाएगी। अब मोहन बागन को अपने मूल्य को बनाए रखने के लिए अगले सीज़न में इण्डियन सुपर लीग और एएफसी कप जैसे बड़े मंचों पर प्रदर्शन करना होगा।

विशेषज्ञों का मानना है कि इस जीत से मोहन बागन का ब्रांड वैल्यू अगले दो वर्षों में 15‑20% तक बढ़ सकता है, जबकि ईस्ट बंगाल को अपनी रणनीति में बदलाव लाने की जरूरत होगी। भारतीय फुटबॉल के विकास में ऐसी प्रतिष्ठित टुर्नामेंट की भूमिका अनिवार्य है, और फुटबॉल फ़ेडरेशन ऑफ़ इंडिया (AIFF) ने अगली बार के लिए बुनियादी ढाँचे में सुधार की घोषणा की है।

  • डरेंड कप की स्थापना: 1888
  • मोहन बागन के कुल जीत: 17 (रिकॉर्ड)
  • ईस्ट बंगाल के कुल जीत: 16
  • फ़ाइनल का स्कोर: 1‑0 (मोहन बागन)
  • निर्णायक गोल scorer: दिमित्रि पेट्रेटोस (62’)

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

डरेंड कप की जीत मोहन बागन के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?

डरेंड कप एशिया का सबसे पुराना फ़ुटबॉल टूर्नामेंट है, और इस जीत से मोहन बागन ने अपनी ऐतिहासिक श्रेष्ठता को 17 जीत के साथ प्रमाणित किया। यह शीर्षक क्लब को बेहतर प्रायोजन, अधिक मीडिया कवरेज और युवा प्रतिभाओं को आकर्षित करने में मदद करेगा।

ईस्ट बंगाल को इस हार से क्या सीख मिलती है?

हार ने ईस्ट बंगाल को अपनी रक्षा संरचना में खामियों को उजागर किया। कोच सुभाष चक्रवर्ती ने बताया कि टीम को मध्य‑फ़ील्ड नियंत्रण और फाइनल थर्ड में सटीक पासिंग पर काम करना होगा, ताकि भविष्य में ऐसे नजदीकी मुकाबले फिर से न हों।

दिमित्रि पेट्रेटोस ने गोल कैसे किया?

62वें मिनट में पेट्रेटोस ने दाहिनी साइड से बॉल को काउंटर‑ऐटैक में लाया, फिर बाएँ कोने के पास से एक तेज़ और सटीक शॉट मारा। गोलकीपर ने समय पर पहुँच न पाए, जिससे पेट्रेटोस का गोल निर्णायक बना।

भविष्य में डरेंड कप में कौन सी टीमें दावेदार हैं?

2024‑2025 में उत्तर‑पूर्वी यूनाइटेड एफसी ने लगातार दो जीत हासिल की, इसलिए वे अगले संस्करण में भी प्रमुख दावेदार बनेंगे। साथ ही मोहन बागन, ईस्ट बंगाल, बेंगलुरु एफसी और नई उभरती टीम जैसे नमैदारी एफ़सी भी प्रतिद्वंद्विता के लिए तैयार हैं।

कोलकाता के स्थानीय प्रशंसकों की प्रतिक्रिया क्या रही?

कोलकाता के स्ट्रीट्स में मोहन बागन के जीत को लेकर जश्न का माहौल रहा; लाल जर्सी, ध्वज और ध्वनि‑व्यवस्था से भरपूर उत्सव देखे गए। ईस्ट बंगाल के प्रशंसकों ने भी अपनी टीम के समर्थन में विरोध दिखाते हुए भविष्य की जीत की उम्मीद का इज़हार किया।

Savio D'Souza

लेखक के बारे में Savio D'Souza

मैं एक पत्रकार हूँ और भारतीय दैनिक समाचारों पर लिखने का काम करता हूँ। मैं राजनीति, सामाजिक मुद्दे, और आर्थिक घटनाक्रम पर विशेष ध्यान देता हूँ। अपने लेखन के माध्यम से, मैं समाज में जागरूकता बढ़ाने और सूचनात्मक संवाद को प्रेरित करने का प्रयास करता हूँ।

टिप्पणि (10)
  • Heena Shaikh
    Heena Shaikh
    19.10.2025

    इतिहास के पन्नों पर मोहन बागन का बंधन फिर से अंकित हो गया है। इस जीत ने टीम की आत्मा में गहराई तक निहित संघर्ष को उजागर किया। मैदान पर धक्का देने का उनका दृढ़ इरादा अब स्पष्ट रूप से झलकता है।

  • Chandra Soni
    Chandra Soni
    19.10.2025

    ड्रॉप पास की बारीकी और ट्रांसफ़ॉर्मेशन की तेज़ी ने फाइनल को एक सटीक साक्ष्य बना दिया। दिमित्रि पेट्रेटोस का स्ट्राइक ज़ोन में एंट्री इंट्रूज़न को दर्शाता है। इस जीत से क्लब की हाइटमैप में एटैक फेज़ का प्रेशर स्पष्ट हुआ।

  • Kanhaiya Singh
    Kanhaiya Singh
    20.10.2025

    इस जीत ने मोहन बागन की रणनीतिक अनुशासन को पुनः स्थापित किया है। एफ़सी के भीतर इक्विलिब्रियम को बनाये रखने की क्षमता अब प्रमाणित हो गई है। इस उपलब्धि का आर्थिक प्रभाव भी क्लब के वित्तीय सस्टेनेबिलिटी में योगदान देगा।

  • prabin khadgi
    prabin khadgi
    20.10.2025

    डरेंड कप के इतिहास में मोहन बागन का 17वाँ ट्रॉफी एक प्रमुख माइलस्टोन के रूप में दर्ज किया जाना आवश्यक है। पहले की दहलीज पर, क्लब ने लगातार प्रदर्शन की एक निरंतरता स्थापित की थी, जिससे उनके टैक्टिकल फॉर्मेशन में स्थिरता स्पष्ट हुई। यह स्थिरता केवल व्यक्तिगत प्रतिभा के कारण नहीं, बल्कि कोचिंग स्टाफ की रणनीतिक योजना और प्रशिक्षक मंडल की सामूहिक दृढ़ता के फलस्वरुप है। फाइनल में दिमित्रि पेट्रेटोस का गोल, जो 62वें मिनट में आया, वह एटैकिंग थ्रेड की कनेक्शन को बेस्ट दिखाता है, जिससे प्रतिद्वंद्वी की डिफेंस को दरार मिली। इस क्षण को देखते हुए, यह कहा जा सकता है कि मोहन बागन ने हाई-प्रेसिंग मिडफ़ील्ड को बॉल रिट्रीवल में कुशलता से लागू किया। एफ़सी की डिफेंस लाइन ने भी शॉर्ट-टैक्सिक्शन को कम करने में प्रभावी भूमिका निभाई, जिससे एटैक्शन के दौरान स्पेस कम हुआ। परिणामस्वरूप, ईस्ट बंगाल की पोज़िशनिंग में बाधा उत्पन्न हुई और वह महत्वपूर्ण अवसरों को साकार नहीं कर पाए। इस जीत ने वित्तीय पक्ष में भी क्लब को बड़ी राहत दी, क्योंकि अतिरिक्त राजस्व स्रोतों से प्रायोजन समझौते के तहत 2.5 करोड़ रुपये की आय निश्चित हुई। इस प्रकार, आर्थिक स्थिरता अब क्लब के विकास मॉडल में एक अनिवार्य घटक बन गई है। सामाजिक प्रभाव के संदर्भ में, कोलकाता के युवा खिलाड़ी इस जीत से प्रेरणा प्राप्त करेंगे, जिससे ग्रासरूट स्तर पर फुटबॉल का विकास तेज़ होगा। इस सफलता के बाद, एफ़सी को अब अपने इनफ्रास्ट्रक्चर में सुधार करने की आवश्यकता है, जिससे भविष्य में आयोजित टूर्नामेंट्स में दर्शकों की संख्या और मीडिया कवरेज में वृद्धि होगी। अंत में, यह स्पष्ट है कि मोहन बागन की इस जीत ने न केवल क्लब को शारीरिक रूप से मजबूत किया, बल्कि मनोवैज्ञानिक रूप से भी उन्हें आगे बढ़ने की प्रेरणा प्रदान की है।

  • Aman Saifi
    Aman Saifi
    20.10.2025

    आपकी विस्तृत विश्लेषण ने घटना के कई पहलुओं को उजागर किया है। विशेष रूप से आर्थिक लाभों पर आपके बिंदु अत्यंत प्रासंगिक हैं। यह भी उल्लेखनीय है कि युवा वर्ग में प्रेरणा की संभावनाएँ बढ़ेंगी। समग्र रूप से, आपका दृष्टिकोण संतुलित और सूचनात्मक है।

  • Tuto Win10
    Tuto Win10
    20.10.2025

    क्या बात है! मोहन बागन का जादू फिर से चल पड़ा!! इस जीत ने शहर की हवाओं में उत्सव की बारूद घोल दी!!! हर कोई गले गले में झूम रहा है... स्टेडियम में ध्वनियों का सैलाब, फैंस की चिल्लाहट, इंद्रीयों की धड़कन एक साथ बंधी!! यही तो असली फुटबॉल का रोमांच है!!!

  • Kiran Singh
    Kiran Singh
    20.10.2025

    बहुत ज़्यादा शोर नहीं चाहिए। खेल ने खुद ही बात कर दी।

  • anil antony
    anil antony
    20.10.2025

    ड्रॉप-इन टैक्टिक के साथ हल्केपंजे प्रदर्शन को देखकर लगता है क्लब ने रिसॉर्सेज़ को बर्बाद कर दिया है। जीत तो हुई, पर खेल का क्वालिटी कहीं गिर गई। इस तरह के जार्गन-भरे पिच-डेस्क्रिप्शन से असली फैन को कन्फ्यूज़न होगी।

  • Aditi Jain
    Aditi Jain
    20.10.2025

    देश की महानता का प्रतीक मोहन बागन ने फिर से साबित किया कि भारतीय फुटबॉल में आत्मा है। ये जीत हमारी राष्ट्रीय पहचान में चमक लाएगी।

  • Nishtha Sood
    Nishtha Sood
    20.10.2025

    जश्न की ध्वनि अब भी कानों में गूँज रही है।

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