जब पंचायती राज मंत्रालय ने 2 अक्टूबर 2025 को देश भर में विशेष Gram Sabha आयोजित करने की घोषणा की, तो ग्रामीण नियोजन की दुनिया में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ। ये सभाएँ 2.55 लाख ग्राम पंचायतों, 6,700 ब्लॉक पंचायतों और 665 ज़िला पंचायतों को एक साथ लाकर 2025‑26 वित्तीय वर्ष के लिए विकास योजना (PDP) तैयार करने पर केंद्रित होंगी, साथ ही 2026‑27 के लिए प्रारम्भिक रूपरेखा भी तैयार होगी। इस पहल का मुख्य मकसद ‘सबकी योजना सबका विकास अभियान’ के तहत भागीदारियों को सुदृढ़ कर ग्रामीण लोकतंत्र को तेज़ी से आगे बढ़ाना है।
पृष्ठभूमि और ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य
2018 में लॉन्च किए गए पीपुल्स प्लान कैंपेन (PPC) ने तब से ही ग्राम पंचायतों को साक्ष्य‑आधारित, समावेशी और एकीकृत योजनाएँ तैयार करने के लिए मंच दिया है। eGramSwaraj पोर्टल, Meri Panchayat App और पंचायती निर्णय (Panchayat NIRNAY) जैसे डिजिटल उपकरणों के साथ इस प्रक्रिया को तेज़ी मिली। 2019‑20 से अब तक 18.13 लाख से अधिक पंचायती विकास योजनाएँ (GPDP, BPDP, DPDP) अपलोड हो चुकी हैं, जिसमें 2.52 लाख योजनाएँ वर्तमान 2025‑26 के लिए विशेष रूप से तैयार की गई हैं।
विशिष्ट विकास योजना तैयारियों का विवरण
ऑरिएंटेशन कार्यक्रम में 20,000 कॉलेज छात्र भी भाग लेंगे, जो स्थानीय स्तर पर योजना तैयार करने में हाथ‑बाँधेंगे। उनका काम सिर्फ डेटा एंट्री नहीं, बल्कि ग्रामीण युवाओं को योजना‑शिल्प में संलग्न करना है। उन्होंने कहा है, ‘स्मार्टफोन और ऐप्स के प्रयोग से हम ग्राम सभा को पारदर्शी और जवाबदेह बना रहे हैं।’
बैठकों में निम्नलिखित प्रमुख बिंदु पर चर्चा होगी:
- पिछली GPDP की समीक्षा, प्रगति एवं देरी के कारण
- अधिग्रहीत केंद्रीय वित्त आयोग (CFC) अनुदानों का उपयोग – टाइड और अनटाइड दोनों
- ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के तहत प्रत्येक पंचायत में 75 पौधे लगाना
- सफ़ाई, नशामुक्त भारत, फिट इंडिया और युवा‑विचारधारा पर प्रतिज्ञा‑पत्र पर हस्ताक्षर
यह सब एक ही मंच पर – eGramSwaraj – किया जाएगा, जिससे डेटा रियल‑टाइम में संग्रहीत हो सके।
राज्य एवं स्थानीय स्तर पर प्रतिक्रिया
असम, अरुणाचल प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, मेघालय, ओडिशा, तमिलनाडु और त्रिपुरा जैसी राज्य सरकारों ने इस अभियानों में शैक्षिक समूह (SHG) के सक्रिय योगदान को सराहा है। 2024‑25 में इन राज्यों में SHG की भागीदारी 80‑100 % तक पहुँच गई, जहाँ उन्होंने नाट्य‑प्रदर्शन, दीवार लेखन, रैलियों और अन्य IEC (Information‑Education‑Communication) गतिविधियों के ज़रिए गांव‑स्तर पर जागरूकता बढ़ाई।
“शहरों की तरह ग्रामीणों को भी योजना‑निर्धारण में शामिल करना आवश्यक है,” एक राज्य सरकारी अधिकारी ने कहा, “और ये पहल हमारे लक्ष्य‑समूह के 65‑68 % तक पहुँचती है।”
प्रभाव एवं विशेषज्ञ विश्लेषण
एक ग्रामीण विकास विशेषज्ञ, डॉ. अंजलि सिंह (संस्थान: इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ रूरल डिवेलपमेंट) ने बताया, “जब तक पंचायतों में योजना‑प्रक्रिया डिजिटल नहीं होगी, पारदर्शिता और जवाबदेही का सवाल बना रहेगा। इस बार के Gram Sabha में तकनीकी एकीकरण से हम उम्मीद कर सकते हैं कि 2025‑26 के PDP अच्छी तरह से ट्रैक किए जाएंगे।”
वास्तव में, पिछले तीन वर्षों में PDP‑अधारित कार्यों की समयबद्धता 30 % तक बेहतर हुई है। यह आँकड़ा निवेश आयोग के रिपोर्ट से मिलता है, जो कहता है कि ‘डिजिटल मंचों ने न केवल रिपोर्टिंग को तेज़ किया, बल्कि खर्च में भी 12 % की बचत की।’
आगे की संभावनाएं और अगले कदम
अगले महीने में, राज्य‑स्तर के अधिकारी योजना‑प्रतिवेदन को राष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुत करेंगे। इसके बाद वित्त मंत्रालय के साथ मिलकर अनुगामी‑निरीक्षण (Monitoring) का दायरा तय किया जाएगा। इस प्रक्रिया में विशेष रूप से तय किया गया है कि प्रत्येक पंचायत को कम से कम दो साल के लिए ‘सम्पूर्ण विकास योजना’ (Integrated Development Plan) के साथ संग्रहीत किया जाए।
उपरोक्त सबको देखते हुए, ग्रामीण भारत में लोकतांत्रिक योजना‑निर्माण की परछाई अब और धुंधली नहीं रहेगी। ‘सबका विकास, सबकी भागीदारी’ के मंत्र पर निर्मित यह अभियान, भविष्य में ग्रामीण आर्थिक सशक्तिकरण की रीढ़ बन सकता है।
Frequently Asked Questions
Gram Sabha में भागीदारी का क्या महत्व है?
समुदाय स्तर पर निर्णय‑लेने की प्रक्रिया में Gram Sabha को केंद्रीय स्थान दिया गया है। यह मंच ग्रामीणों को विकास योजना की रूपरेखा पर चर्चा, चुनौतियों की पहचान और समाधान प्रस्तावित करने की सुविधा देता है, जिससे योजनाओं की व्यावहारिकता बढ़ती है।
‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान का लक्ष्य क्या है?
इस अभियान के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत में 75 पौधे लगाकर पर्यावरणीय जागरूकता बढ़ाना और हरित आवरण सुनिश्चित करना है। यह पहल जलवायु परिवर्तन से लड़ने में ग्रामीण क्षेत्रों की भागीदारी को भी सुदृढ़ करती है।
क्या कॉलेज छात्रों की भागीदारी से योजना निर्माण में वास्तविक सुधार होगा?
हां, छात्र डिजिटल टूल्स की बेहतर समझ और नवीनतम तकनीकी कौशल के साथ ग्राम बैठकों में हाथ‑बाँधते हैं। इससे डेटा एंट्री का समय घटता है और योजना की सटीकता में वृद्धि होती है।
eGramSwaraj पोर्टल पर अपलोड की गई योजनाओं की स्थिति क्या है?
पोर्टल पर अब तक 18.13 लाख विकास योजनाएँ उपलब्ध हैं, जिसमें 2.52 लाख योजनाएँ 2025‑26 के लिए विशेष रूप से तैयार की गई हैं। ये आंकड़े पारदर्शिता एवं पहुंच को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
भविष्य में PDP प्रक्रियाओं को कैसे सुधारा जा सकता है?
डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म की और गहरी एकीकरण, मासिक मॉनिटरिंग रिपोर्ट और ग्रामीण स्तर पर प्रशिक्षण को सुदृढ़ करके PDP की समयबद्धता और प्रभावशीलता को और बेहतर बनाया जा सकता है।
Swetha Brungi
29.09.2025ग्राम सभा का यह बड़ा आयोजन, ग्रामीण भाग में निर्णय‑लेने की प्रक्रिया को वास्तव में सशक्त बना सकता है। डिजिटल उपकरणों की मदद से डेटा की पारदर्शिता बढ़ेगी, जिससे प्रत्येक योजना में जनता की आवाज़ सुनाई देगी। साथ ही, युवा छात्रों की सक्रिय भागीदारी से नवाचार की नई दिशा खुल सकती है, जो विकास के लक्ष्यों को तेज़ी से हासिल करने में मददगार होगी। अंत में, हमें इस प्रक्रिया को निरंतर मॉनिटर करने की जरूरत है, ताकि सुधार की गुंजाइश बनी रहे।
Govind Kumar
5.10.2025पंचायती राज मंत्रालय द्वारा आयोजित ग्राम सभाएँ विकास योजना के पुनरावलोकन हेतु आवश्यक कदम प्रतीत होती हैं। डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के उपयोग से रिपोर्टिंग में कुशलता आएगी तथा फंड़ की योग्य वितरण सुनिश्चित होगी। इस पहल की सफलता के लिये सभी स्तरों की समन्वित भागीदारी अनिवार्य होगी।
deepika balodi
11.10.2025डिजिटल पोर्टलों की मदद से योजना की पारदर्शिता बढ़ेगी। ग्रामीणों की सहभागिता से परिणाम अधिक प्रभावी होंगे।
Hariprasath P
17.10.2025yeh naya Gram Sabha approach kaafi upscale lag rahi hai, but real impact abhi bhi uncertain hai. jab tak ground level pe proper training nahi di jati, tools ka fayda kam hi rahega. mere hisaab se, policy makers ko thoda zyada realistic hona chahiye.