बिहार विधानसभा चुनाव से कुछ ही दिन पहले, केंद्रीय सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) का 21वाँ किस्त भुगतान शुरू कर दिया है। लगभग 10 करोड़ किसानों के खातों में 2,000 रुपये की राशि सीधे स्थानांतरित की जा रही है — यह वही राशि है जिसे चुनाव से पहले अक्सर राजनीतिक तौर पर देखा जाता है। लेकिन यहाँ एक अहम बात है: यह भुगतान नया घोषणा नहीं, बल्कि पहले से निर्धारित योजना का हिस्सा है।
भुगतान कब और कैसे हुआ?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 नवंबर 2025 को कृषि भवन, नई दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 21वाँ किस्त जारी किया। यह भुगतान अगले दिन बिहार के दूसरे चरण के मतदान से ठीक आठ दिन पहले हुआ — जिससे राजनीतिक तनाव बढ़ गया। लेकिन यह भुगतान अकेला नहीं था। पहले ही शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय कृषि मंत्री, ने सितंबर और अक्टूबर 2025 में बाढ़ और भूस्खलन पीड़ित किसानों के लिए अग्रिम भुगतान किया था। इस दौरान 8.55 लाख किसानों, जिनमें 85,000 से अधिक महिला किसान शामिल थे, को जम्मू-कश्मीर सहित विभिन्न राज्यों में 171 करोड़ रुपये तत्काल ट्रांसफर किए गए।
पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के किसानों को भी पहले ही यह राशि मिल चुकी है। यह सब योजना के नियमित चक्र का हिस्सा है — हर तीन महीने में एक किस्त। लेकिन इस बार यह चुनाव के ठीक पहले आया, जिसने विपक्ष को गुस्सा दिया।
विपक्ष का आपत्ति: क्या यह चुनावी प्रभाव है?
राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने चुनाव आयोग के सामने एक याचिका दायर की, जिसमें उन्होंने 7 नवंबर को होने वाले भुगतान को रोकने की मांग की। राजद के सांसद मनोज झा ने कहा, "यह एक चुनावी ट्रिक है। किसानों को भुगतान करना ठीक है, लेकिन चुनाव से चार दिन पहले? यह न्यायसंगत नहीं है।"
लेकिन केंद्र सरकार का तर्क स्पष्ट है: यह योजना अगले चुनाव से पहले ही शुरू हो चुकी है। मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट के तहत नई योजनाएं घोषित नहीं की जा सकतीं, लेकिन पहले से अनुमोदित योजनाओं का भुगतान जारी रखा जा सकता है। इसलिए, जब तक कोई नया ऐलान नहीं होता, तब तक PM-KISAN का भुगतान नियमित रूप से जारी रह सकता है।
किसानों की आवाज: यह राशि उनके लिए क्या बदलाव ला रही है?
बिहार के नलंदा जिले के किसान बिनय पासवान कहते हैं, "2,000 रुपये बड़ी राशि नहीं है, लेकिन यह मुझे बीज और उर्वरक खरीदने में मदद करता है। एनडीए द्वारा वादा किए गए अतिरिक्त 3,000 रुपये असली अंतर ला सकते हैं।"
इस तरह की आवाजें देश भर में दोहराई जा रही हैं। एक अध्ययन के अनुसार, जिन किसानों को PM-KISAN का भुगतान मिला, उनमें से 78% ने कहा कि उनके खेती के खर्च में कमी आई है, और 62% ने बताया कि उनके घर के खाने-पीने के खर्च में सुधार हुआ है। यह योजना सिर्फ एक भुगतान नहीं, बल्कि एक सामाजिक सुरक्षा नेट है।
इतिहास और प्रभाव: क्यों यह योजना इतनी महत्वपूर्ण है?
फरवरी 2019 में शुरू हुई यह योजना अब तक 3.69 लाख करोड़ रुपये का भुगतान कर चुकी है। इसके तहत हर साल 6,000 रुपये तीन बराबर किस्तों में दिए जाते हैं — अप्रैल-जुलाई, अगस्त-नवंबर और दिसंबर-मार्च। यह भुगतान डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के जरिए होता है, जिसमें जम-आधार-मोबाइल (JAM) ट्राइनिटी का उपयोग किया जाता है। इससे बीच में कोई ब्यूरोक्रेसी नहीं रुकती।
2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के 303 सीटों का जीत इस योजना के बिना संभव नहीं होता। विश्लेषकों का कहना है कि जब तक किसानों को नियमित आय का आश्वासन मिल रहा है, तब तक वे उसी सरकार को समर्थन देते हैं जो उन्हें नियमित रूप से भुगतान कर रही है।
अगला कदम: क्या होगा अगले चरण में?
अगले वित्तीय वर्ष में सरकार ने PM-KISAN को और विस्तारित करने की योजना बनाई है। इसके तहत किसानों को बीमा और बाजार समर्थन के साथ जुड़े अतिरिक्त लाभ देने की बात कही जा रही है। इसके अलावा, अब राज्यों को भी इस योजना में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
लेकिन सवाल यह है: क्या यह योजना अब एक विकास उपकरण बन गई है, या यह चुनावी उपकरण बन रही है? जवाब शायद दोनों में है। लेकिन जिन किसानों के घर में आज बीज खरीदने के लिए पैसा है, वे इस बात को नहीं भूलेंगे।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
PM-KISAN का 21वाँ किस्त कब जारी हुआ?
21वाँ किस्त 19 नवंबर 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जारी किया गया। यह भुगतान बिहार के दूसरे चरण के मतदान से आठ दिन पहले हुआ, जिससे राजनीतिक चर्चा बढ़ गई।
क्या चुनाव के दौरान PM-KISAN का भुगतान कानूनी रूप से ठीक है?
हाँ, चुनाव आयोग के मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट के तहत नई योजनाओं की घोषणा नहीं की जा सकती, लेकिन पहले से अनुमोदित योजनाओं का भुगतान जारी रखा जा सकता है। PM-KISAN एक नियमित योजना है, इसलिए इसका भुगतान वैध है।
किसानों को भुगतान कैसे मिलता है?
भुगतान सीधे किसान के बैंक खाते में Direct Benefit Transfer (DBT) के माध्यम से होता है। इसके लिए आधार कार्ड से बैंक खाता लिंक होना और eKYC पूरा करना अनिवार्य है। भुगतान स्थिति PM Kisan पोर्टल पर चेक की जा सकती है।
कितने किसान इस योजना के लाभार्थी हैं?
भारत में लगभग 10 करोड़ छोटे और सीमांत किसान PM-KISAN के लाभार्थी हैं। इस योजना के तहत अब तक 3.69 लाख करोड़ रुपये का भुगतान हो चुका है।
क्या यह योजना चुनाव में भाजपा के लिए फायदेमंद साबित हुई है?
हाँ, विश्लेषकों का मानना है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के बड़े जीत के पीछे PM-KISAN का योगदान बहुत बड़ा रहा। किसानों को नियमित आय का आश्वासन देने से उनकी विश्वास बढ़ा, जो चुनावी निर्णय में अहम भूमिका निभाता है।
अगली किस्त कब आएगी?
अगली किस्त दिसंबर 2025 के अंत या जनवरी 2026 के शुरुआत में जारी की जानी है, जो वित्तीय वर्ष के तीसरे चक्र (दिसंबर-मार्च) के अनुसार होगी। इसके लिए अभी कोई आधिकारिक तारीख नहीं घोषित की गई है।