प्रधानमंत्री मोदी का तृणमूल कांग्रेस पर कड़ा प्रहार
हावड़ा के सांकराइल में आयोजित एक चुनावी रैली में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तृणमूल कांग्रेस पर संगठित भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। मोदी ने कहा कि टीएमसी ने भ्रष्टाचार को एक 'पूर्णकालिक पेशे' के रूप में अपना लिया है, जबकि अन्य पार्टियां इसे गुप्त रूप से अभ्यास करती हैं।
प्रधानमंत्री ने आगे आरोप लगाया कि टीएमसी ने भ्रष्टाचार को एक सफल व्यवसाय में बदल दिया है। उन्होंने कहा कि इस पार्टी ने अवैध प्रवासियों की भलाई को बंगाल के लोगों की भलाई से ऊपर रखा है, और इस प्रकार भारतीय नागरिकों को 'बाहरी' कहा जा रहा है, जबकि अन्य देशों से आए अवैध प्रवासियों को बंगाल में प्रभाव और महत्व दिया जा रहा है।
पश्चिम बंगाल की पहचान पर संकट
मोदी ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस, वामपंथी, और टीएमसी ने मिलकर पश्चिम बंगाल की पहचान को खतरे में डाल दिया है។ उन्होंने कहा कि कई क्षेत्रों में मूल निवासी हाशिये पर धकेल दिए गए हैं और अल्पसंख्यक बन गए हैं।
प्रधानमंत्री ने 'लॉटरी घोटाले' का भी हवाला दिया, जहाँ पश्चिम बंगाल के लोगों ने अपनी मेहनत की कमाई लॉटरी टिकटों में निवेश की, जो अंततः धोखाधड़ी साबित हुई। उन्होंने इस घोटाले को टीएमसी के भ्रष्टाचार का एक उदाहरण के रूप में पेश किया।
इस रैली में मोदी का भाषण टीएमसी और इंडिया ब्लॉक के अन्य दलों के विरुद्ध एक तीव्र हमला था, जिसमें उन्होंने इन दलों पर भ्रष्टाचार के प्रचलन और पश्चिम बंगाल की पहचान और कल्याण को खतरे में डालने का आरोप लगाया।
VALLI M N
12.05.2024भाई लोगो, मोदी जी का हावड़ा रैली वाला बयान बिलकुल साफ‑साफ था! 🧐
तृणमूल कांग्रेस की भ्रष्ट भ्रष्ट हरकतों को उजागर करना उनका कर्तव्य है, और उन्होंने इसे बिना किसी झिझक के कहा। देश को ऐसे लगु‑लापरवाह लोग नहीं चाहिए, जो जनता की मेहनत को लूटते रहें। यही कारण है कि हमें उनके इस साहसिक कदम को सराहना चाहिए। 🇮🇳
Aparajita Mishra
14.05.2024अरे वाह, मोदी जी ने फिर से "भ्रष्टाचार का पूरा‑समय पेशा" कहा, न्यारा शब्द चयन! 🤦♀️ ऐसा सुनकर लगता है हमारे पास नया कॉमिक बुक लॉन्च हो रहा है। लेकिन सच में, अगर यही सच है तो कांग्रेस को अँध्यारे में ही रहने देना चाहिए।
Shiva Sharifi
15.05.2024सही कहरही हो, पर थोड़ा ध्यान देना चाहियै कि सब पार्टियों में भी गुप्त रूप से एसे केस् होते हैं। मीरे ख्याल से फोकस सिर्फ टीएमसी पर नहीं, सबको बराबर देखना चाहिये।
Ayush Dhingra
16.05.2024भ्रष्टाचार का पॉइंट साफ़ है।
Vineet Sharma
17.05.2024अरे भाई, एक वाक्य में सब कुछ समेट लिया, बड़िया! 🙄 अगर मोदी का हर ब्रीफ़ इतना संक्षिप्त हो तो देश की राजनीति भी जल्दी खत्म हो जाएगी।
Aswathy Nambiar
18.05.2024जिंदगी में राजनीति भी एक दर्पण है, जिसमें हम सबकी छाया दिखती है। टिमस की भ्रष्टाचारी राह शायद उनका अपना "आत्म-खोज" का मार्ग हो सकता है, या फिर बस एक बड़ा "मार्केटिंग ट्रिक". लेकिन याद रखो, असली शक्ति वही है जो जनता के भरोसे पर खड़ी रहती है।
Ashish Verma
20.05.2024हवड़ा रैली में जिस जोश से मोदी जी ने बात की, वह हमारे भारतीय संस्कृति में गहराई से बसे हुए "संकल्प" का प्रतीक है। 🇮🇳
ऐसे मौके पर हम सभी को एकजुट होना चाहिए, चाहे वह बंगाल हो या कोई और राज्य।
Akshay Gore
21.05.2024मतलब तमाम भारत को मोदी के भाषण में फँसा लिया? बातें ठीक हैं लेकिन हर बार एक ही तरीका नहीं चल सकता। दु्सरे वक्ता भी ठीक से सुनने लायक होंगे।
Sanjay Kumar
22.05.2024सबको शांति से सुनना चाहिए, बगैर किसी झुंझलाहट के। 😊
adarsh pandey
23.05.2024मैं मानता हूँ कि रैली में कई बिंदु उठाए गए, लेकिन यह भी ज़रूरी है कि हम तथ्यों की पुष्टि करें। भ्रष्टाचार के आरोपों को प्रमाणित करने के लिए ठोस डेटा चाहिए, जिससे जनमत में भरोसा बना रहे।
swapnil chamoli
25.05.2024एक बात तो साफ़ है, इस प्रकार के बड़े मंचों पर ऊपर से कहे गए शब्द अक्सर बड़े एजेंडे की छाया होते हैं। मीडिया की धड़ाथड़ रिपोर्टिंग और राजनीतिक खेल के बीच अक्सर सच्चाई नहीं देख पाते। शायद हमें इस "भ्रष्टाचार" को एक बड़े पैमाने पर चल रहे परीक्षण के रूप में देखना चाहिए।
manish prajapati
26.05.2024चलो एक दोस्ताना टोन में बात करें। मोदी जी की इस रैली में ऊर्जा देखकर लगता है जैसे कोई नई लहर चल रही है। अगर हम इस ऊर्जा को सही दिशा में ले जाएँ तो पश्चिम बंगाल की समस्याएँ भी कम हो सकती हैं। सब को मिलकर काम करने की जरूरत है, न कि सिर्फ़ एक दल को ही दोषी ठहराने की। आशा है कि भविष्य में हम सभी मिलकर एक बेहतर समाज बनाएँगे।
Rohit Garg
27.05.2024बिलकुल, इस रैली में मोदी जी ने "भ्रष्टाचार" शब्द को ऐसे फेंका जैसे धूम्रपान में चमकीली चिंगारी! 🎆 अगर हम इस ज्वाला को सही दिशा में मोड़ सकें तो टिमसी का कलंक मिट जाएगा।
Rohit Kumar
28.05.2024प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हावड़ा रैली में उठाए गए मुद्दे वास्तव में समकालीन भारतीय राजनीति की जटिलताओं को उजागर करते हैं।
पहले, तृणमूल कांग्रेस पर लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों को देखना आवश्यक है कि क्या यह केवल राजनीतिक rhetoric है या इसके पीछे ठोस प्रमाण हैं।
दूसरे, भारतीय लोकतंत्र में विपक्षी दलों को आलोचना का अधिकार है, परन्तु ऐसी आलोचना को तथ्यात्मक आधार पर प्रस्तुत करना चाहिए।
तीसरे, लॉटरी घोटाला जैसी घटनाएँ अक्सर स्थानीय स्तर पर होती हैं, लेकिन उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर उठाना संवाद को विस्तारित करता है।
चौथे, पश्चिम बंगाल की पहचान के संकट को लेकर कही गई बातों में सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संवेदनशीलताएँ शामिल हैं, जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।
पाँचवे, विधायकों और प्रशासन के बीच पारदर्शिता को बढ़ावा देना आवश्यक है, ताकि नागरिकों का भरोसा बना रहे।
छठे, यदि भ्रष्टाचार एक "पूर्णकालिक पेशा" बन गया है, तो यह दर्शाता है कि नियामक संस्थाएँ पर्याप्त रूप से सशक्त नहीं हैं।
सातवें, इस स्थिति में न्यायपालिका की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है, जो स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच कर सके।
आठवें, जनता को सच्ची जानकारी प्रदान करने के लिए मीडिया को भी अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए, बिना पूर्वाग्रह के।
नौवें, राष्ट्रीय स्तर पर ऐसी चर्चाएँ विभिन्न सामाजिक समूहों को जोड़ने का अवसर भी बन सकती हैं, यदि संवाद रचनात्मक हो।
दसवें, राजनीतिक संवाद में भावनात्मक और तर्कसंगत दोनों पहलुओं का संतुलन आवश्यक है, जिससे सार्वजनिक राय को संतुलित किया जा सके।
ग्यारहवें, कांग्रेस, वामपंथी, और अन्य दलों को भी इस मुद्दे पर अपनी परिप्रेक्ष्य प्रस्तुत करनी चाहिए, जिससे बहुपक्षीय दृष्टिकोण मिल सके।
बारहवें, अंततः, लोकतंत्र की मजबूती इस बात पर निर्भर करती है कि संस्थाएँ अपने कर्तव्यों का पालन कितनी निष्ठा से करती हैं।
तेरहवें, इसलिए सभी पक्षों को मिलकर भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने की दिशा में कार्य करना चाहिए।
चौदहवें, इस दिशा में न केवल सरकारी नीतियों बल्कि सामाजिक जागरूकता और नागरिक सहभागिता को भी प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
पंद्रहवें, यह स्पष्ट है कि केवल आरोपों से कुछ नहीं होगा; ठोस कार्रवाई और जिम्मेदारी की मांग है।
सोलहवें, आशा है कि आगामी राजनीतिक प्रक्रियाओं में यह मुद्दा गंभीरता से लिया जाएगा, जिससे जनहित में सुधार हो सके।
Hitesh Kardam
29.05.2024भ्रष्टाचार का क्या है, जनता को सच्चाई चाहिए, और मोदी जी इसे दिखा रहे हैं! चलो भारत की शान को फिर से ऊँचा रखें! 💪🇮🇳