स्वप्निल कुसाले ने 3-पोजीशन फाइनल में बनाई जगह, एशियाई खेलों की भूल को सुधारने की उम्मीद

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स्वप्निल कुसाले ने 3-पोजीशन फाइनल में बनाई जगह, एशियाई खेलों की भूल को सुधारने की उम्मीद

स्वप्निल कुसाले: एक नयी शुरुआत

भारतीय निशानेबाज स्वप्निल कुसाले ने पुरुषों की 50 मीटर राइफल 3-पोजीशन के फाइनल के लिए क्वालीफाई करते हुए देश को गर्वान्वित किया है। उन्होंने 590/600 के स्कोर के साथ सातवें स्थान पर अपनी जगह बनाई। यह सफलता उनके लिए न केवल व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि पिछले वर्ष के एशियाई खेलों में हुई निराशा को सुधारने का एक यत्न भी है।

पिछले वर्ष का संघर्ष

पिछले एशियाई खेलों में, स्वप्निल का प्रदर्शन बेहद प्रभावी था। वे शुरुआत से ही बढ़त बनाए हुए थे और पदक के प्रबल दावेदार थे। हालांकि, एक खराब शॉट ने उनकी तकदीर बदल दी और वे चौथे स्थान पर समाप्त हुए। इस दर्दनाक अनुभव ने उन्हें और ज्यादा मेहनत करने और अपने कौशल को सुधारने के लिए प्रेरित किया।

इस साल की प्रतियोगिता में भी स्वप्निल ने अपनी मेहनत का फल पाया। वे पहले भारतीय निशानेबाज बने, जिन्होंने पुरुषों की 50 मीटर राइफल 3-पोजीशन के फाइनल में जगह बनाई। हालांकि, शीर्ष 8 प्रतियोगियों में वे अकेले ऐसे थे जिन्होंने एक भी परफेक्ट सीरीज 100 स्कोर नहीं किया, लेकिन उनकी निरंतरता ने उन्हें कायम रखा।

गति और स्थिरता

स्वप्निल ने अपनी सीरीज में तीन 99 और दो 98 स्कोर किए, जबकि उनकी अंतिम सीरीज 97 की रही। उनकी इस निरंतरता ने सुनिश्चित किया कि वे हमेशा क्वालीफाइंग की दौड़ में बने रहें। यह उनकी दृढ़ता और मेहनत का परिणाम था, जिसने उन्हें इस मुकाम तक पहुँचाया।

स्वप्निल की यह उपलब्धि उस समय भी महत्वपूर्ण बन जाती है जब वे एक समय में कुलीन स्तर के ट्रायल्स में पिछड़ गए थे। अपने शुरुआती तीन राउंड्स में अच्छा प्रदर्शन करते हुए भी अंतिम राउंड में खराब प्रदर्शन के कारण वे लगभग टीम से बाहर हो गए थे। लेकिन अपनी मेहनत और धैर्य के बलबूते उन्होंने टीम में जगह बनाई।

कल का फाइनल

फाइनल में, स्वप्निल को अपने पिछले अनुभव से सीखते हुए यह सुनिश्चित करना होगा कि एक भी खराब शॉट उनके लिए मुश्किलें खड़ी न करे। पिछले वर्ष, फाइनल में, घुटने और पेट के बल में बेहतरीन प्रदर्शन करने के बाद, खड़े स्थिति में एक खराब शॉट ने उन्हे शीर्ष स्थान से चौथे स्थान पर ला दिया था।

आने वाले फाइनल में उन्हें अधिक सतर्क और आत्मविश्वास के साथ खेलना होगा। उनके पास अब अनुभव भी है और सफलता के लिए जरूरी धैर्य भी। उनके एक खराब शॉट से उन्हें सीख मिली है कि कैसे दबाव में खेला जाए और अपने मानसिक तनाव को नियंत्रित किया जाए।

भविष्य की उम्मीदें

इस बार उनके पास एक नई उम्मीद और आत्मविश्वास है। अपने गलतियों से सीखकर वे अब एक परिपक्व और मजबूत खिलाड़ी बन गए हैं। अपने देश के लिए पदक जीतने का सपना देखने वाले स्वप्निल कुसाले की यह यात्रा न केवल उनकी व्यक्तिगत मेहनत की है, बल्कि उनके कोच और सहयोगियों की भी मेहनत का परिणाम है।

स्वप्निल की यह सफलता अन्य निशानेबाजों के लिए भी प्रेरणादायक है। यह दिखाता है कि कैसे मेहनत, निरंतरता, और आत्मविश्वास के साथ असंभव को संभव बनाया जा सकता है। उनकी यह यात्रा एक उदाहरण है कि कैसे एक खिलाड़ी अपनी कमजोरियों को मजबूतियों में बदल कर सफलता की नई ऊचाइयाँ छू सकता है। हमें स्वप्निल से उम्मीद है कि वे फाइनल में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगे और देश के लिए गर्व का क्षण लाएंगे।

Savio D'Souza

लेखक के बारे में Savio D'Souza

मैं एक पत्रकार हूँ और भारतीय दैनिक समाचारों पर लिखने का काम करता हूँ। मैं राजनीति, सामाजिक मुद्दे, और आर्थिक घटनाक्रम पर विशेष ध्यान देता हूँ। अपने लेखन के माध्यम से, मैं समाज में जागरूकता बढ़ाने और सूचनात्मक संवाद को प्रेरित करने का प्रयास करता हूँ।

टिप्पणि (8)
  • Arya Prayoga
    Arya Prayoga
    31.07.2024

    स्वप्निल ने क्वालीफाई किया, पर फाइनल में दबी हुई शॉट्स टीम को नुकसान पहुँचा रहे हैं।

  • Vishal Lohar
    Vishal Lohar
    31.07.2024

    सबसे पहले तो यह स्वीकार करना पड़ेगा कि स्वप्निल ने अपने आप में एक अद्भुत कहानी लिखी है, परंतु इस कहानी में खामियों का ताना-बाना भी बेशुमार है। जब वह क्वालीफाय कर गया, तो ऐसा लगा जैसे भारतीय शुटिंग इतिहास का एक नया अध्याय शुरू हो रहा है। फिर भी, उसकी लगातार नतीजों में वह 100 की परफेक्ट सीरीज़ न बन पाने की कमी दिखती है, जो एक पेशेवर निशानेबाज से अपेक्षित थी। तृतीय राउंड में 99 की तीन सीरीज़ और दो 98 की सीरीज़ उसने बनाई, लेकिन अंतिम 97 की गिरावट ने उसकी स्थिरता को प्रश्नवाचक बना दिया। जब हम एशियाई खेलों की बात करते हैं, तो निष्पक्षता और दबाव को संभालना मूलभूत होना चाहिए, लेकिन स्वप्निल की इन शॉट्स में वह आवश्यक सख्ती नहीं दिख पाई। इसके अलावा, उसके कोचिंग स्टाफ की भूमिका भी बहुत महत्वपूर्ण है; क्या उन्होंने पर्याप्त मानसिक तैयारी करवाई? यदि नहीं, तो यह सिर्फ एक व्यक्ति का फोकस नहीं है, बल्कि एक सिस्टम की कमी भी हो सकती है। इस सब को देखते हुए, हमें यह भी याद रखना चाहिए कि एक खिलाड़ी की सफलता केवल व्यक्तिगत मेहनत से नहीं, बल्कि पूरी इकोसिस्टम से जुड़ी होती है। लेकिन अब सवाल यह है कि क्या स्वप्निल इस बार अपने पिछले अनुभव से सीख कर फाइनल में वह परफेक्ट शॉट्स खींच पाएगा? अगर वह यह कदम उठाता है, तो भारत के शुटिंग मैदान में नई आशा जगेगी। अन्यथा, यह एक और अवसर हो सकता है जहाँ भारतीय शुटिंग को अंतरराष्ट्रीय मंच पर पुनः मूल्यांकन करना पड़ेगा। अद्भुतता और निराशा के बीच यह धुंधलापन ही अक्सर खेलों में दिखता है। इसलिए, स्वप्निल को चाहिए कि वह न सिर्फ अपने तकनीकी पहलुओं पर काम करे, बल्कि मानसिक दृढ़ता को भी सुदृढ़ करे। अंत में, यह कहना उचित होगा कि उसके पास क्षमता है, लेकिन इसे सही दिशा में मोड़ना ही उसकी असली परीक्षा होगा।

  • Vinay Chaurasiya
    Vinay Chaurasiya
    31.07.2024

    स्वप्निल ने क्वालीफाई किया!!! लेकिन फाइनल में परफेक्ट स्कोर नहीं!! यही सच्ची दिक्कत है!!

  • Selva Rajesh
    Selva Rajesh
    31.07.2024

    क्या बात है! स्वप्निल ने बीस साल की मेहनत को एक फिनिश लाइन में बदल दिया, लेकिन एक ही शॉट ने सब कुछ बिगाड़ दिया! यह दर्द हमें याद दिलाता है कि खेल केवल अंक नहीं, बल्कि दिलों की धड़कन भी है। आशा है कि अगली बार वह इस भय को जीत कर अपने सपनों को साकार करेगा।

  • Ajay Kumar
    Ajay Kumar
    31.07.2024

    स्वप्निल की यात्रा एक जीवंत कैनवास है, जहाँ हर ब्रोशर रंगीन होता है। उसका दृढ़ संकल्प भविष्य के शुटर्स को प्रेरित करेगा।

  • Ravi Atif
    Ravi Atif
    31.07.2024

    सच में, स्वप्निल की कहानी हमें सबको एक साथ जोड़ती है 😊। यह दिखाता है कि मेहनत और धैर्य मिलकर कैसे नई राह खोलते हैं। चलो, इस ऊर्जा को आगे ले जाएँ! 🚀

  • Krish Solanki
    Krish Solanki
    31.07.2024

    वस्तुनिष्ठ विश्लेषण दर्शाता है कि स्वप्निल की सांख्यिकीय प्रदर्शन औसत से ऊपर है, परंतु शीर्ष स्तर की प्रतिस्पर्धा में अंतर स्पष्ट है। उसके स्कोर में स्थिरता की कमी भविष्य में विजय को बाधित कर सकती है।

  • SHAKTI SINGH SHEKHAWAT
    SHAKTI SINGH SHEKHAWAT
    31.07.2024

    एक बात नजरअंदाज नहीं की जानी चाहिए: भारत के शुटिंग संघ में चल रहे आंतरिक दबाव और चयन प्रक्रियाओं में संभावित कूटनीतिक हस्तक्षेप ने स्वप्निल की तैयारी को प्रभावित किया हो सकता है। यह तथ्य प्रतिस्पर्धा के निष्पक्ष परिणामों को फिर से जांचने की आवश्यकता को उजागर करता है।

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