एलटीसीजी (Long Term Capital Gains) — सरल भाषा में समझें
क्या आपने कभी सोचा है कि शेयर, म्यूचुअल फंड या प्रॉपर्टी बेचने पर टैक्स कैसे लगेगा? जब किसी संपत्ति को उसकी तय समय सीमा से ज्यादा समय बाद बेचा जाता है और उससे लाभ होता है, तो उसे लंबी अवधि पूंजी लाभ यानी एलटीसीजी कहा जाता है। एलटीसीजी के नियम.asset के प्रकार और होल्डिंग पीरियड पर निर्भर करते हैं।
कौन-कौन सी संपत्ति और होल्डिंग पीरियड
सबसे आम बातें याद रखें: सूचीबद्ध शेयर और इक्विटी-ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड के लिए लम्बी अवधि = 12 महीना से अधिक। अन्य संपत्तियों (जैसे डेब्ट फंड, अनलिस्टेड शेयर, आदि) के लिए आमतौर पर 36 महीना से अधिक को लम्बी अवधि माना जाता है। रियल एस्टेट की केस में भी अलग नियम होते हैं — प्रायः 24 महीने से ऊपर को लम्बी अवधि माना जाता है।
एलटीसीजी पर दरें और मुख्य अंतर
बहुत लोग उलझ जाते हैं—यहां सीधे-सीधे नियम हैं जो आमतौर पर लागू होते हैं: सूचीबद्ध शेयर/इक्विटी म्यूचुअल फंड पर 1 लाख रुपये तक के लम्बी अवधि लाभ पर कोई टैक्स नहीं (सालाना छूट)। 1 लाख से ऊपर के लाभ पर 10% टैक्स बिना इंडेक्सेशन के लगता है। दूसरी तरफ, अन्य संपत्तियों (जैसे अचल संपत्ति, डेब्ट फंड) पर एलटीसीजी आमतौर पर 20% होता है लेकिन इसमें इंडेक्सेशन का लाभ मिलता है—यानी महंगाई के अनुसार लागत बढ़ा कर टैक्स कम किया जा सकता है।
इंडेक्सेशन कैसे काम करता है? आपका खरीद मूल्य 'Cost Inflation Index (CII)' से एडजस्ट होता है और उससे टैक्सेबल गेन घट जाता है। यह विशेषकर प्रॉपर्टी और डेब्ट फंड पर बहुत उपयोगी होता है।
एक छोटा सा उदाहरण: आपने शेयर 50,000 में खरीदा और 2,00,000 में बेचा — गेन = 1,50,000। 1,00,000 छूट के बाद टैक्सेबल = 50,000; उस पर 10% = 5,000 टैक्स।
कौन सी छूटें मिल सकती हैं? प्रॉपर्टी बेचकर हुए LTCG पर सेक्शन 54/54F के तहत रिइंवेस्टमेंट पर छूट मिल सकती है। सेक्शन 54EC के तहत आप 6 महीने के भीतर NHAI/REC जैसे बॉण्ड में 50 लाख तक निवेश कर के टैक्स बचा सकते हैं।
रिपोर्टिंग और कटौती: म्यूचुअल फंड आमतौर पर LTCG पर टैक्स काटते नहीं—आपको सेल्फ-असेसमेंट और ITR में सही तरीके से रिपोर्ट करना होगा। प्रॉपर्टी सेल पर बड़े लेनदेन में 1% TDS (सेक्शन 194IA) खरीदार काटता है जब बिक्री ₹50 लाख से अधिक हो।
अक्सर होने वाली गलतियाँ: (1) होल्डिंग पीरियड गलत मानना, (2) इंडेक्सेशन न लगाना जहां लागू हो, (3) ITR में सही स्लॉट नहीं भरना।
तेज़ सुझाव — क्या करें: (a) कब बेचना है यह होल्डिंग पीरियड के हिसाब से प्लान करें; (b) बड़ी लाभ की स्थिति में 1 लाख की छूट के बाद टैक्स कैलकुलेट कर के पैमेंट कर लें; (c) प्रॉपर्टी से लाभ हो तो 54/54F और 54EC ऑप्शन्स देखें; (d) एलटीसीजी लॉस हो तो उसे सिर्फ एलटीसीजी से ही सेट ऑफ करें और 8 साल तक कैरी फॉरवर्ड कर सकते हैं।
अगर आप निवेश कर रहे हैं तो हर साल अपने टैक्स प्लान को अपडेट करें। छोटे सवाल हों तो अपना बहीखाता और खरीद-फरोख्त के बिल साथ रखें—ये टैक्स फाइलिंग में काम आते हैं।
बजट 2024: संपत्ति बिक्री पर इंडेक्सेशन लाभ समाप्त; नया एलटीसीजी दर 12.5% निर्धारित
2024 के बजट में कर संरचना में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं, विशेष रूप से रियल एस्टेट और निवेश क्षेत्रों में। सबसे उल्लेखनीय परिवर्तन संपत्ति बिक्री पर इंडेक्सेशन लाभ का हटाया जाना है। इसके साथ ही लंबी अवधि पूंजीगत लाभ (एलटीसीजी) कर दर को 10% से बढ़ाकर 12.5% कर दिया गया है।
- के द्वारा प्रकाशित किया गया Savio D'Souza
- 23 जुलाई 2024
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