फात्ह-2 मिसाइल — क्या है और क्यों चर्चा में रहती है?
क्या आपने सुना है कि एक छोटी लेकिन सटीक मिसाइल कितनी बड़ा असर पैदा कर सकती है? फात्ह-2 (कभी-कभी फतह-110 परिवार के नाम से भी जानी जाती है) एक ईरानी शॉर्ट-रेंज बैलिस्टिक मिसाइल है। इसे खासतौर पर तेज तैनाती, ठोस ईंधन और सटीक निशानेबाजी के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसलिए यह सिर्फ दूरी नहीं, बल्कि लक्ष्यों को सटीक मारने की क्षमता के कारण भी महत्वपूर्ण है।
तकनीकी ख़ासियत
फ़ात्ह-2 का मूल डिजाइन मोबाइल लॉन्चिंग सिस्टम (TEL) पर चलता है। इसे ठोस ईंधन रॉकेट मोटर मिलता है, जो लॉन्च की तैयारी समय कम करता है और फायर-एंड-फॉरगेट ऑपरेशन की सहूलियत देता है। रिपोर्टों के मुताबिक इसकी अनुमानित प्रभावी रेंज लगभग 200–300 किमी के बीच मानी जाती है — संस्करणों के अनुसार यह कम या ज़्यादा हो सकती है।
वज़न और वारहेड की कैपेसिटी संस्करण पर निर्भर करती है, लेकिन इसकी खास बात सटीकता है: मार्ग-निर्देशन प्रणालियों से यह तय लक्ष्य पर अपेक्षाकृत कम विचलन के साथ पहुँच सकती है। इस वजह से स्ट्रैटेजिक और टैक्टिकल दोनों तरह की भूमिकाओं में इसका उपयोग किया जाता है।
क्षेत्रीय प्रभाव और सुरक्षा
छोटी रेंज होने के बावजूद फात्ह-2 का क्षेत्रीय असर बड़ा है। क्यों? क्योंकि यह तेज़ी से आगे-पीछे होने वाले संघर्षों में शहरों, तटीय बुनियादों या सैन्य ठिकानों को निशाना बना सकती है। इससे खतरा सिर्फ फायरिंग रेंज तक सीमित नहीं रहता — राजनीतिक तनाव और सैन्य संतुलन भी प्रभावित होता है।
रक्षा पक्ष से देखा जाए तो ऐसे मिसाइलों को रोकने के लिए रडार, मैपिंग और उपर्युक्त एंटी-मिसाइल सिस्टम जैसे पैट्रियट, S-300/400 या समुद्री Aegis जैसी प्रणालियाँ ज़रूरी होती हैं। छोटे-रेंज मिसाइलों के खिलाफ प्रतिक्रिया अक्सर समय-संवेदनशील होती है, इसलिए चेतावनी और पूर्व-अभ्यास अहम बन जाते हैं।
क्या यह भारत के लिए सीधा खतरा है? सामान्य रूप से, फात्ह-2 की मूल रेंज भारत तक नहीं पहुँचती। लेकिन इसका अस्तित्व और निर्यात या प्रॉक्सी समूहों को सौंपे जाने की संभावना क्षेत्रीय सुरक्षा पर असर डालती है — खासकर खाड़ी और मध्यपूर्वी देशों में।
आप कैसे अपडेट रहें? आधिकारिक घोषणाएँ, रक्षा विश्लेषण, और भरोसेमंद समाचार स्रोत समय पर बताते रहते हैं जब कोई परीक्षण या तैनाती होती है। छोटे-रेंज बैलिस्टिक मिसाइलों की खबरों में तकनीकी स्पेसिफिकेशन और रणनीतिक संदर्भ दोनों देखना चाहिए — तब ही समझ आता है कि किसी घटना का वास्तविक असर क्या होगा।
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ईरान ने इसराइल पर फात्ह मिसाइल से हमला किया, आर्थिक नुकसान हुआ काफी व्यापक
ईरान ने हिजबुल्ला प्रमुख हसन नसराल्लाह की मौत के बदले के रूप में इसराइल पर 180 से 200 उच्च-गति वाली बैलिस्टिक मिसाइल, जिसमें फात्ह-2 हाइपरसोनिक मिसाइल शामिल हैं, दागी। हालांकि, इसराइल की वायु रक्षा प्रणाली ने अधिकांश मिसाइलों को नष्ट कर दिया, लेकिन फिर भी यह हमला इसराइल के लिए भारी आर्थिक नुकसान लेकर आया।
- के द्वारा प्रकाशित किया गया Savio D'Souza
- 2 अक्तूबर 2024
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