विजय शेखर शर्मा का बयान: सीखों से प्रेरित और पुनर्जीवन के लिए प्रतिबद्ध
Paytm के संस्थापक विजय शेखर शर्मा ने सातवें JITO Incubation and Innovation Foundation (JIIF) सम्मेलन में कंपनी के पिछले अनुभवों और भविष्य की दिशा पर गहन चर्चा की। उन्होंने स्पष्ट किया कि Paytm ने अपने सफर में कई महत्वपूर्ण सबक सीखे हैं और कुछ मामलों में जिम्मेदारियों को बेहतर तरीके से निभा सकते थे।
शर्मा ने कहा कि कंपनी की सार्वजनिक लिस्टिंग ने एक नई जिम्मेदारी और परिपक्वता का अनुभव कराया है। उन्होंने स्वीकार किया कि Paytm Payments Bank को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से मिली अस्थायी रोक के कारण कंपनी को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। इस संदर्भ में उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि वे जिम्मेदारियों को बेहतर तरीके से निभा सकते थे।
शर्मा ने अपने उदबोधन में इस बात पर जोर दिया कि सार्वजनिक बाजारों में लिस्टेड होने का महत्व कितना अधिक है और यह कंपनी के विकास में निवेशकों और शेयरधारकों की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि पब्लिक लिस्टिंग के बाद कंपनी को जिम्मेदारियों को समझने और निभाने का एक नया दृष्टिकोण मिलता है।
भारतीय सरकार की महत्वपूर्ण भूमिका
विजय शेखर शर्मा ने भारतीय सरकार के स्टार्टअप्स के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण और समर्थन की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि यह समर्थन भारतीय स्टार्टअप्स की सफलता में एक बड़ी भूमिका निभा रहा है। शर्मा ने जोर दिया कि छोटे व्यवसायों के लिए औपचारिक क्रेडिट की आसान पहुंच जरूरी है ताकि भारत $5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य हासिल कर सके।
शर्मा ने अपने व्यक्तिगत और व्यवसायिक अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि कैसे उन्होंने अपनी कंपनी और अपनी बेटी के पालन-पोषण के अनुभवों में समानताएं पाई हैं। उन्होंने बताया कि दोनों ही मामलों ने उन्हें महत्वपूर्ण सबक सिखाए हैं, जो आज उनके निर्णयों में प्रतिध्वनित होते हैं।
Paytm का भविष्य दृष्टिकोण
विजय शेखर शर्मा ने अपनी कंपनी के पुनर्जीवन के लिए प्रतिबद्धता जताई और कहा कि उनका लक्ष्य Paytm को $100 बिलियन की कंपनी बनाना है। यह लक्ष्य उन्हें हर दिन प्रेरित करता है और वे इसके लिए मेहनत और दृढ़ता के साथ काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि चुनौतियाँ आती रहती हैं, लेकिन उन्हें सफलता प्राप्त करने के लिए अपनी जिम्मेदारियों को समझने और निभाने का महत्वपूर्ण महत्व है। शर्मा ने अपने व्यक्तिगत दर्शन को भी साझा किया और कहा कि हर परिस्थिति में खुशी की तलाश जारी रहनी चाहिए। यह दृष्टिकोण उन्हें और उनकी टीम को हर मुश्किल का सामना करने की ताकत देता है।
निष्कर्ष
सम्मेलन में दिया गया विजय शेखर शर्मा का यह बयान न केवल Paytm के सामरिक दृष्टिकोण को दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि कैसे एक कंपनी और उसके संस्थापक लगातार सीखते और बढ़ते रहते हैं। शर्मा का यह स्पष्ट संदेश है कि जिम्मेदारियों को समझना और निभाना एक सतत प्रक्रिया है और इसके जरिये ही किसी कंपनी की सच्ची पहचान बनती है।