
रवींद्र नेगी की शानदार जीत
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में पाटपड़गंज सीट पर एक बड़ा उलटफेर देखने को मिला जब भारतीय जनता पार्टी (BJP) के रवींद्र सिंह नेगी ने आम आदमी पार्टी (AAP) के उम्मीदवार अवध ओझा को 28,072 वोटों के अंतर से मात दी। नेगी ने कुल 74,060 वोट हासिल किए जबकि ओझा 32,807 वोटों पर ही रुक गए। यह चुनाव अवध ओझा के लिए व्यक्तिगत स्तर पर भी महत्वपूर्ण था, क्योंकि यह उनका पहला निर्वाचन मुकाबला था और इसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा। ओझा ने अपनी हार को स्वीकार करते हुए कहा कि वे लोगों से जुड़ने में असफल रहे और इसी कारण जीत उनसे छूट गई। उन्होंने यह भी कहा कि वे भविष्य में फिर से इस क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे।

राजनीति में बदलाव की आहट
यह चुनाव दिल्ली की राजनीति में बदलाव का संकेत देता है। ऑझा के चुनाव मैदान में उतरने से पहले यह सीट दिल्ली के पूर्व उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के पास थी। रवींद्र नेगी ने अपनी जीत का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चलाए गए भ्रष्टाचार विरोधी अभियान को दिया। चुनाव में 54.96% मतदान हुआ, जो BJP के प्रभावी अभियान की सफलता को दर्शाता है।
BJP के इस विजय के साथ दिल्ली में 26 साल बाद दोबारा सत्ता में वापसी की संभावना नजर आ रही है। चुनाव आयोग के आकड़ों के अनुसार, नेगी को 54.99% वोट मिले, जबकि कांग्रेस के अनिल कुमार 10,033 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे।
यह परिणाम आम आदमी पार्टी के लिए एक गंभीर चुनौती है, जो पिछले एक दशक से दिल्ली की सत्ता पर काबिज रही है। भ्रष्टाचार के आरोपों और मतदाताओं की बदलती प्रवृत्ति ने पार्टी की छवि को प्रभावी ढंग से प्रभावित किया है। इससे BJP की दिल्ली में दोबारा सत्ता में वापसी के साथ-साथ राष्ट्रीय राजनीत में भी बड़े बदलावों के संकेत मिलते हैं।