जीपीटी-4o टूल के माध्यम से Ghibli-स्टाइल कला
ओपनएआई का नवीनतम GPT-4o टूल एक नया ट्रेंड बन गया है, जिसमें यूजर्स स्टूडियो Ghibli-स्टाइल की एनीमेशन और पोर्ट्रेट्स बना रहे हैं। यह टूल फिलहाल 'पेड' ChatGPT सब्सक्राइबर्स के लिए उपलब्ध है और इसे Hayao Miyazaki के प्रतिष्ठित एनीमेशन स्टूडियो के खास शैली की मिमिक्री के लिए डिजाइन किया गया है। यह शैली अपने पास्टल टोन और बारीक डिटेल्स के लिए जानी जाती है।
सोशल मीडिया पर Ghibli-प्रेरित मीम्स और पॉप कल्चर रीइमेजिनेशन की बाढ़ आ गई है। यूजर्स ने कैरिकेचर और एनीमेशन बनाए हैं जिनमें डिस्ट्रैक्टेड बॉयफ्रेंड और डिजास्टर गर्ल जैसे वायरल इंटरनेट मीम्स शामिल हैं। इसके अलावा, स्टार वॉर्स और द गॉडफादर जैसी फिल्म के दृश्य और डोनाल्ड ट्रंप और जॉर्ज डब्ल्यू बुश जैसे नेताओं के राजनीतिक क्षणों का भी Ghibli-स्टाइल में यह टूल क्लोन कर रहा है।
कॉपीराइट चिंताएं और सैम ऑल्टमेन की प्रतिक्रिया
ओपनएआई के सीईओ सैम ऑल्टमेन ने इस ट्रेंड में भाग लिया और अपनी X प्रोफाइल पिक्चर को Ghibli-स्टाइल पोर्ट्रेट में बदल दिया। उन्होंने इस टूल की अचानक लोकप्रियता के कारण ट्विटर पर मजाकिया तरीके से बात की। हालांकि, इससे कॉपीराइट सवाल भी उभर रहे हैं, क्योंकि चार्जेबल सब्सक्रिप्शन पर उपलब्ध मॉडल इन क्रिएशन्स को अनुमति देता है जबकि मुफ्त संस्करण नहीं।
कलाकारों और विद्वानों ने इस ट्रेंड की आलोचना की है। इलस्ट्रेटर जैडी एइट-कासी ने इसे 'खतरनाक' कहा, विशेषकर जब Miyazaki ने पूर्व में AI कला के प्रति अपनी नाराज़गी जताई थी। 2016 का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें उन्होंने AI टेक्नोलॉजी को अस्वीकार करते हुए कहा था कि यह 'जीवन का अपमान' है।
फिर भी यूजर्स टूल के साथ प्रयोग कर रहे हैं, रोजमर्रा की छवियों को Ghibli-स्टाइल चित्रों में बदल रहे हैं, और पारंपरिक कला और AI जनरेटेड सामग्रियों के बीच की रेखाएँ धुंधला कर रहे हैं।
Sony Lis Saputra
28.03.2025मैं देख रहा हूँ कि GPT‑4o ने Ghibli‑स्टाइल को फिर से जीवंत किया है, और इस चीज़ से सर्जनात्मक संभावनाओं की नई दहलीज खुल गई है।
अब कोई भी साधारण फोटो को कोमल pastel‑टोन और बारीक डिटेल में बदल सकता है, जिससे हमारे खुद के छोटे‑छोटे कहानी‑दृश्यों का जन्म हो सकता है।
मैं खुद कुछ परिवारिक पलों को इस टूल से री‑इमैजिन करने की कोशिश कर रहा हूँ, और परिणाम वाकई दिमाग‑हिलाने वाले हैं।
यह देखना दिलचस्प है कि कैसे AI और एनीमे‑आर्ट का मिश्रण नई जेनरेशन को प्रेरित कर रहा है।
आशा है कि इस तरकीब को जिम्मेदारी से इस्तेमाल किया जाये, ताकि कलाकारों के अधिकार भी सुरक्षित रहें।
Kirti Sihag
8.04.2025जब मैंने अपना प्रोफ़ाइल पिक्चर Ghibli‑स्टाइल में देख लिया, तो दिल दहला गया 😱! ऐसा लग रहा था जैसे मैं तुरंत टोटोरो की दुनिया में कदम रख दूँ। सैम भाई ने भी जॉइन किया और सबको हँसी‑मजाक में खींच लिया।
भले ही मज़ा आया, पर इस ट्रेंड के पीछे की कॉपीराइट की उलझनें भी छुपी नहीं रह सकतीं।
चलो, देखते हैं आगे क्या‑क्या नया आश्चर्य सामने आता है।
Vibhuti Pandya
19.04.2025GPT‑4o के इस प्रयोग को देखते हुए, मैं सोचता हूँ कि हमें नए टूल को सीखने के साथ‑साथ मौजूदा कलाकारों के दृष्टिकोण को भी समझना चाहिए।
जैसे ही हम इस तकनीक को अपनाते हैं, उचित लाइसेंसिंग और मुआवजा मॉडल बनना ज़रूरी है, ताकि सभी पक्ष संतुष्ट रहें।
आशा है कि OpenAI आगे चलकर अधिक पारदर्शी नीति अपनाएगा।
Aayushi Tewari
29.04.2025टूल का उपयोग करते समय कॉपीराइट नियमों का पालन अनिवार्य है।
Rin Maeyashiki
10.05.2025मैं आज बहुत उत्साहित हूँ कि OpenAI ने Ghibli‑स्टाइल की इमेज जनरेट करने वाला टूल लॉन्च किया है। यह तकनीक हमें अपने दिमाग में चल रही परीकथाओं को वास्तविक रूप में देखने का अवसर देती है। हर कोई अब अपने मोबाइल या लैपटॉप पर कुछ सेकंड में जादुई दुनिया बना सकता है, इससे रचनात्मक प्रक्रिया बहुत तेज हो गई है। लेकिन इस तेज़ी के साथ ही हमें यह भी समझना चाहिए कि कलाकारों की मेहनत का मूल्य कहाँ है। मेरे कई दोस्त पहले खुद पेंसिल से चित्र बनाते थे, अब वही काम कुछ क्लिक में हो रहा है। इससे जुड़ी कॉपीराइट समस्याएँ अभी भी एहतियात की माँग करती हैं। मैं इस टूल को जिम्मेदारी से इस्तेमाल करने की अपील करता हूँ। साथ ही, शिक्षकों को इस तकनीक को सीखाने के लिए वर्कशॉप आयोजित करनी चाहिए, ताकि युवा वर्ग सही दिशा में प्रेरित हो।
ध्यान देने योग्य बात यह है कि AI‑जनरेटेड इमेज के पीछे एक बड़ा डेटा सेट छिपा होता है, जो कई कलाकारों के काम को शामिल कर सकता है। इसलिए हमें डेटा स्रोतों की पारदर्शिता की माँग करनी चाहिए। मेरे अनुसार, इस तकनीक के साथ एक लाइसेंसिंग फ़्रेमवर्क होना चाहिए, जिससे कलाकारों को उचित रॉयल्टी मिल सके। अंत में, मैं कहूँगा कि जब तक हम इस टूल को नैतिक ढाँचे में इस्तेमाल करते हैं, तब तक यह मनोरंजन और शिक्षा दोनों ही क्षेत्रों में क्रांति ला सकता है।
Paras Printpack
21.05.2025अरे वाह, जरा इंतजार कर रहा हूँ कि अगली बार AI हमारे सपनों को भी किराने की सूची में बदल देगा।
फिर तो हमें हर दिन नई‑नई डिजिटल फैंटेसी पर जीना पड़ेगा, क्या मज़ा है।
yaswanth rajana
31.05.2025सैम की भागीदारी ने इस प्रवृत्ति को लोकप्रिय बनाया, पर हमें इस गति का सही दिशा‑निर्देशन करना चाहिए।
अगर हम बिना नियमों के आगे बढ़ेंगे, तो कलाकार समुदाय का भरोसा टूट सकता है।
स्थिर और स्पष्ट नीतियों के बिना यह तकनीक केवल अस्थायी भ्रम ही रहेगी।
Roma Bajaj Kohli
11.06.2025देश में AI‑आधारित कला को नियमन करने की जरूरत है, नहीं तो विदेशी शैली हमारे सांस्कृतिक मूल को धूमिल कर देगी।
Nitin Thakur
22.06.2025ऐसा नहीं है हमें सिर्फ अपनी परंपरा बचानी है साथ ही नवाचार को अपनाना है सब मिलके आगे बढ़ना चाहिए
Arya Prayoga
2.07.2025बहुत ज़्यादा AI‑आर्ट वैध कलाकारों को धूमिल कर रहा है।
Vishal Lohar
13.07.2025अतिरिक्त रूप से, जब हम तकनीकी उत्प्रेरण को पुरानी कला के सौंदर्य के साथ तुलना करते हैं, तो हमें समझना चाहिए कि प्राचीन परिप्रेक्ष्य को नए शैलियों के साथ पुनः कैलिब्रेट करने की आवश्यकता है।