तीसरे दिन की प्रमुख घटनाएँ
पेरिस 2024 पैरा ओलंपिक्स के तीसरे दिन भारतीय दल ने विभिन्न आयोजनों में प्रतिस्पर्धा की। इस दिन का मुख्य आकर्षण रुबिना फ्रांसिस का महिला 10 मीटर एयर पिस्टल SH1 में ब्रॉन्ज मेडल जीतना रहा। रुबिना ने 211.1 अंकों के साथ यह स्थान प्राप्त किया। यह पेरिस पैरा ओलंपिक्स में भारत का पांचवां मेडल है।
पैर बैडमिंटन में मंडीप कौर की शानदार वापसी
परिस्थितियाँ अनुकूल न होने पर भी मंडीप कौर ने पैर बैडमिंटन में बेहतरीन प्रदर्शन किया। रोचक मुकाबले में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया की सेलीन औरेली विनोट के खिलाफ पहले गेम में 23-21 से हार का सामना किया लेकिन इसके बाद के दोनों गेम्स में उन्होंने दमदार वापसी करते हुए 21-10 और 21-17 से जीत दर्ज की। मंडीप की इस जीत ने उन्हें अगले दौर में पहुँचने का मौका दिया।
पैर तीरंदाजी में शीतल देवी का प्रदर्शन
शीतल देवी ने पैर तीरंदाजी में अपनी योग्यता का प्रदर्शन किया, हालांकि वे महिला व्यक्तिगत कंपाउंड ओपन राउंड से जल्दी ही बाहर हो गईं। उनका यह प्रदर्शन एक प्रेरणा है और उन्होंने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया। आने वाले आयोजनों में उनसे और भी अधिक बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है।
शूटिंग में भारतीय भागीदारी
शूटिंग के क्षेत्र में भी भारतीय खिलाड़ियों ने जोरदार भागीदारी दिखाई। स्वरूप महावीर उनहलकर ने R1 पुरुष 10 मीटर एयर राइफल SH1 स्टैंडिंग (क्वालीफिकेशन) राउंड में हिस्सा लिया। उनकी मेहनत और प्रतिबद्धता ने सभी को प्रेरित किया।
पैर साइक्लिंग में भारतीय दल
इसके साथ ही पैर साइक्लिंग में भी भारतीय दल सक्रिय रहा। इन प्रतियोगिताओं में भागीदारी करने वाले सभी खिलाड़ियों ने अपनी तैयारी और जोश का परिचय दिया। हर खेल में भारतीय खिलाड़ियों की उपस्थिति ने दल को मजबूत बनाया और उन्हें आगे बढ़ने का उत्साह दिया।

भागीदारी और उत्साह
पेरिस 2024 पैरा ओलंपिक्स के दौरान भारतीय दल के खिलाड़ियों ने अपने प्रदर्शन और मेहनत से दुनियाभर के दर्शकों का ध्यान आकर्षित किया। प्रत्येक खिलाड़ी ने अपने खेल में पूरी लगन और समर्पण से भाग लिया। उनके प्रयास भारतीय खेल जगत के लिए प्रेरणा स्रोत बने।
इस प्रकार, पेरिस 2024 पैरा ओलंपिक्स के तीसरे दिन ने भारतीय दल के लिए विभिन्न चुनौतियाँ और उपलब्धियाँ लाईं हैं। इन प्रतिभागियों की मेहनत और लगन ने साबित कर दिया कि वे अपनी-अपनी प्रतियोगिताओं में बड़ी ऊंचाइयाँ हासिल करने में सक्षम हैं।
आगे आने वाले दिनों में भारतीय दल से और भी बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है। हर खिलाड़ी ने अपना सर्वश्रेष्ठ देने का संकल्प लिया है, जिससे भारत का नाम रोशन हो रहा है।
sona saoirse
2.09.2024देखो भाई, जहाँ तक मेरा सवाल है तो खेल केवल जीत नहीं, बल्कि सच्ची कोशिश भी मायने रखती है। अगर खिलाड़ी सच्चे दिल से प्रयास करता है तो उसे सराहना ही चाहिए।
VALLI M N
4.09.2024इंडिया की शान है ये लोग! हर खुदी में देशभक्त मनोभाव दिखाते हैं 🚩💪। हमें गर्व है कि ऐसे खिलाड़ी हमारे हैं, और आगे भी ऐसे ही चमकते रहें।
Aparajita Mishra
7.09.2024वाह, मंडीप का रिटर्न देख कर तो लगता है जैसे 'अरे भाई, फिर से कूद पड़ी' 😏। लेकिन सच में, उनकी मेहनत और लड़ने की इच्छा काबिले तारीफ है, चलो इन्हें और उत्साह से सपोर्ट करें।
Shiva Sharifi
9.09.2024रुबिना का ब्रॉन्ज देख कर तो दिल खुशी से झूम उठा। ये दिखाता है कि जरुरत नहीं कि हर बार गोल्ड हो, कभी‑कभी ब्रॉन्ज भी दिल जीत ले। छोटा‑छोटा टोटका शेयर करूँ तो बेस्ट पोज़िशन के लिए फोकस रखना चाहिए।
Ayush Dhingra
11.09.2024सच पूछो तो, इस तरह की रिपोर्ट में अक्सर बडबड बहुत होती है, पर असली बात तो यही है कि हमारी टीम ने दिल से मेहनत की है, चाहे मेडेल कोई भी हो।
Vineet Sharma
13.09.2024हम्म, आप इतना नैतिकता में फँसे हुए हैं कि जीत‑हार की बात नहीं कर रहे? शायद आप को टेनिस देखते‑ही नहीं।
Aswathy Nambiar
15.09.2024देखो दोस्त, जिंदगी में जिंदादिली और परफेक्ट स्ट्राइक दोनों का मिक्स चाहिए, वरना सब बोरिंग हो जाता है। इस ऑलीम्पिक में तो बस दिखली चीज़ है, असली गेम तो कूदना है।
Ashish Verma
17.09.2024शाबाश टीम 😊
Akshay Gore
19.09.2024हम्म, सब मीठी हंसी में नहीं डूबते, कभी‑कभी टॉप पर का दानव भी तड़पे।
Sanjay Kumar
20.09.2024हर खिलाड़ी की मेहनत को सलाम, उनका जुनून हमें प्रेरित करता है। 🙏
adarsh pandey
22.09.2024आइए हम सब मिलकर उनका समर्थन करते हैं, चाहे वह बैडमिंटन हो या साइक्लिंग। उनकी कठिनाईयों को समझकर हम उन्हें आगे बढ़ने में मदद कर सकते हैं।
swapnil chamoli
23.09.2024भाई, इतनी दार्शनिक बातों में मत फँसो, असल में यहाँ पीछे कोई बड़ा खेल चल रहा है, शायद कुछ राजनैतिक दांव हैं।
manish prajapati
25.09.2024मुझे लगता है भारतीय खिलाड़ी अब अगले चरण में कदम रखेंगे, जैसे ही और इवेंट्स आएँगे वही तो देखेंगे। उनका उत्साह और मेहनत बिल्कुल भी कम नहीं हो रहा है।
Rohit Garg
26.09.2024देखो भाई, ये सब खेल नहीं, ये तो एक असली सिनेमा है, जिसमें ड्रामा, एक्शन और थोड़ा रोमांस भी है। हमारी टीम ने इस सिनेमे में बेहतरीन अभिनय किया है।
Rohit Kumar
27.09.2024पेरिस 2024 पैरा ओलंपिक्स के तीसरे दिन का विवरण पढ़कर मैं अत्यंत उत्साहित हूँ।
सबसे पहले, रुबिना फ्रांसिस की ब्रॉन्ज जीत ने यह सिद्ध किया कि दृढ़ संकल्प कभी विफल नहीं होता।
उनका 211.1 अंक केवल एक संख्या नहीं, बल्कि countless घंटे की कठिन ट्रेनिंग का प्रतिबिंब है।
इसी प्रकार, मंडीप कौर की बैडमिंटन वापसी ने दिखाया कि कठिनाइयों के बाद भी आत्मविश्वास पुनर्जीवित किया जा सकता है।
उनकी पहली हार के बाद दो लगातार जीत ने दर्शकों को रोमांचित किया और प्रतियोगिता का रोमांच बढ़ाया।
शीतल देवी का तीरंदाजी में प्रदर्शन, भले ही वह शुरुआती चरण में समाप्त हुआ, फिर भी आशा का दीपक है।
उनका दृढ़ निश्चय भविष्य में बेहतर परिणामों की ओर इशारा करता है।
स्वरूप महावीर की शूटिंग में भागीदारी ने स्पष्ट किया कि हमारे पास विविध खेलों में प्रतिभा है।
पैर साइक्लिंग में भारतीय दल की उपस्थिति ने यह दर्शाया कि हम हर क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा करने के योग्य हैं।
इन सभी कारनामों ने न केवल खिलाड़ियों को बल्कि पूरे राष्ट्र को गौरवान्वित किया।
इस प्रकार, प्रत्येक खिलाड़ी ने अपने-अपने खेल में पूर्ण लगन और समर्पण के साथ भाग लिया।
उनके इस समर्पण ने यह सिद्ध किया कि भारत का खेल परिदृश्य अब पूर्व की तुलना में अधिक प्रगतिशील है।
हम सभी को चाहिए कि हम इन सफलताओं को प्रेरणा के रूप में लेकर आगे के दिन में और अधिक मेहनत करें।
विशेष रूप से युवा खिलाड़ियों को यह उदाहरण दिखाता है कि कठिन परिश्रम और धैर्य से किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।
मैं आशावादी हूँ कि आने वाले दिनों में भारत अधिक मेडल्स और नई उपलब्धियों के साथ मंच पर चमकेगा।
अंत में, मैं पूरे भारतीय विधायकों, कोचों और दर्शकों को धन्यवाद देना चाहता हूँ जो इस महान यात्रा को संभव बनाते हैं।
Hitesh Kardam
28.09.2024बात तो सही है पर क्या तुम नहीं देखते कि बहुत सारे मीडिया यहाँ पर सच्चाई छुपा रहे हैं? शायद कुछ बड़े खेल इंटरेस्ट हमारे खड़े होने का फायदा उठाते हैं।
Nandita Mazumdar
28.09.2024भारत की जीत का दिमाग़ में बिचार रखें, ये सब हमें बर्बाद नहीं करने दो! 🇮🇳
Aditya M Lahri
29.09.2024कोच की नजर से देखूं तो हर खिलाड़ी ने सही दिशा में कदम रखा है, बस थोड़ा और तकनीकी सुधार चाहिए 😊।
Vinod Mohite
30.09.2024डायनमिक फ्रेमवर्क के अंतर्गत, इन एथलीट्स ने कॉम्पेटिटिव एजिलिटी को रिफाइन किया है, जिससे इकोसिस्टम में एन्हांस्ड परफॉर्मेंस इम्पैक्ट देखा जा रहा है
Rishita Swarup
30.09.2024क्या आपने कभी सोचा है कि इस ओलंपिक में कुछ बैकस्टेज स्कीम तो नहीं चल रही? कई बार मीडिया केवल सतह पर ही बात करती है, असली डेटा छुपा रहता है। शायद कुछ बड़े खेल एजेंसियां इस ट्रेंड को नियंत्रित करना चाहती हैं। हमें सच्चाई की तलाश करनी चाहिए, नहीं तो यह सब एक दिखावा बनकर रह जाएगा।