दुग्ध उद्योग महंगाई: क्या है कारण और कैसे बचें?

अगर आपको भी हर सुबह दूध की कीमत देखकर दिल में ‘क्या बात है’ का सवाल उठता है, तो आप अकेले नहीं हैं। पिछले कुछ महीनों में दूध, दही, पनीर जैसी चीज़ों की कीमतें झटके से बढ़ गई हैं। इस लेख में हम बताते हैं कि ये महंगाई क्यों हो रही है, आपके बजट पर इसका क्या असर है और रोज़मर्रा की छोटी‑छोटी ट्रिक्स से खर्च कैसे कम करें।

महंगाई के मुख्य कारण

दुग्ध उद्योग में कीमतों के बढ़ने के पीछे कई कारक मिलकर काम कर रहे हैं। सबसे पहला है फ़ीसला लागत में वृद्धि – फॉर्मूला, एनीमल फ़ीड, और रख‑रखाव सब महंगे हो गए हैं। दूसरी ओर, मौसम के बदलाव से कई क्षेत्रों में बछड़े कम पड़े, जिससे दूध की आपूर्ति घट गई। इसके अतिरिक्त, ट्रांसपोर्ट खर्च (ईंधन, लॉजिस्टिक) और दुग्ध उत्पादों पर बढ़ता टैक्स भी कीमतों को ऊपर धकेल रहा है।

इन सबका मिलाजुला असर यह है कि दुधे के डीलर्स को अपने मार्जिन को बचाने के लिए खुद कीमतें बढ़ानी पड़ती हैं। छोटे दुकानों में छोटे पैकेज़ की कीमतें भी अब पहले से 10‑15 % तक बढ़ी हैं।

आपके पर्स पर असर

दुग्ध उत्पाद हमारे रोज़मर्रा के आहार में अहम हैं – बचपन से लेकर बुजुर्ग तक, सब इसे खाते हैं। जब कीमतें बढ़ती हैं, तो परिवार के बजट में धक्का लग जाता है। कई लोग अब दो‑तीन लीटर दूध की बजाय एक लीटर ही खरीदते हैं या वैकल्पिक माइल्ड विकल्प जैसे सोया दूध या पाउडर दूध की तलाश में होते हैं।

बुद्धिमानी से खर्च घटाने के लिए हमें पहले यह समझना होगा कि कहाँ‑कहाँ बचत की जा सकती है। नीचे कुछ आसान टिप्स हैं जो आप तुरंत अपना सकते हैं।

महंगाई से बचने के आसान उपाय

1. ब्लॉक खरीदें, डिस्काउंट लगाएँ – स्थानीय डेयरी या बाजार में बड़े पैकेज में खरीदना अक्सर सस्ता पड़ता है। अगर आप फ्रीज में रख सकें तो दो‑तीन महीनों का स्टॉक बनाकर कीमत के उतार‑चढ़ाव से बच सकते हैं।

2. डेली डिलीवरी सब्सक्रिप्शन – कई ऑनलाइन प्लैटफ़ॉर्म ‘डेली मिल्क बॉक्स’ की सुविधा देते हैं। एक निश्चित राशि में रोज़ की डिलीवरी से आप रिटेल कीमत से 5‑10 % बचा सकते हैं।

3. वैकल्पिक स्रोत चुनें – कुछ क्षेत्रों में बकरी या भैंस के दूध की कीमत गाय के दूध से कम होती है। पोषण के हिसाब से भी ये काफी बराबर होते हैं, तो एक बार ट्राय कर देखें।

4. खुद बनाएँ – दही और पनीर घर पर बनाने में ज्यादा मेहनत नहीं लगती, और यह सस्ते में बनता है। एक लीटर दूध से आप दो‑तीन बार दही बना सकते हैं, जिससे एक अतिरिक्त खर्च बचता है।

5. मौसमी ऑफ़र का फायदा उठाएँ – त्योहारों या विशेष दिनों में सुपरमार्केट पर अक्सर ‘फ्री फॉर्मूला’ या ‘बाय‑वन‑गेट‑वन‑फ्री’ ऑफ़र होते हैं। ऐसे मौकों को नोट करके खरीदारी करें।

इन आसान तरीकों को अपनाकर आप महंगाई के असर को काफी हद तक कम कर सकते हैं, बिना पोषण या स्वाद से समझौता किए। याद रखें, छोटी‑छोटी बचत मिलकर बड़े बदलाव लाती हैं।

यदि आप दुग्ध उद्योग की नई खबरें और कीमतों का रियल‑टाइम अपडेट चाहते हैं, तो हमारी वेबसाइट पर नियमित रूप से चेक करें। हम हर दिन की सबसे ताज़ा जानकारी, विश्लेषण और बचत के टिप्स लाते रहते हैं। आपका भरोसा, हमारा लक्ष्य।

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अमूल ने 1 मई से सभी दूध वेरिएंट की कीमत में 2 रुपये प्रति लीटर बढ़ोतरी की, जो मदर डेयरी के एक दिन पहले की कीमत बढ़ाने के बाद आया है। जीसीएमएमएफ ने बढ़ते इनपुट लागत और किसानों को उंची कीमतों का हवाला दिया। नई MRP 3‑4% बढ़ी, पर खाद्य महंगाई से नीचे रही। यह जून 2024 के बाद पहली बार अमूल की ताज़ा दूध की कीमत बदल रही है। मूल्य वृद्धि से घर के बजट पर असर पड़ेगा, विशेषज्ञ इसे सप्लाई चेन की समस्या मान रहे हैं।

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