किसान: भारत के किसानों की जिंदगी, चुनौतियाँ और ताज़ा खबरें

भारत की अर्थव्यवस्था की नींव है किसान, वह व्यक्ति जो जमीन पर काम करके देश को अन्न और खाद्यान्न प्रदान करता है। ये वो लोग हैं जो सुबह चार बजे उठकर खेत में जाते हैं, बारिश का इंतज़ार करते हैं, और फसल की कीमत बढ़ने या गिरने पर अपना भोजन तक निर्भर कर जाते हैं। कृषि, जमीन पर फसल उगाने की कला और विज्ञान भारत के लाखों परिवारों की आय का मुख्य स्रोत है। जब बारिश नहीं होती, तो खेत सूख जाते हैं। जब दाम गिर जाते हैं, तो किसान अपनी फसल बेचने के लिए बाजार में घूमते हैं।

भारतीय किसान, एक ऐसा समूह जिसकी जिंदगी राजनीति, मौसम और बाजार के फैसलों पर निर्भर करती है कभी भी आराम से नहीं सोता। उसके लिए एक अच्छी फसल का मतलब है बच्चों की पढ़ाई, घर की मरम्मत, और दवाइयाँ। आज भी लाखों किसान अपनी फसल को बीच रास्ते में बेचते हैं, क्योंकि बीच में कोई ठेकेदार नहीं होता। और जब बारिश अचानक बंद हो जाती है, तो जिला प्रशासन ऑरेंज अलर्ट जारी कर देता है — जैसे झारखंड में हुआ था, या डार्जीलिंग में लैंडस्लाइड हुआ था। इन सबके बीच एक छोटा सा फैसला — जैसे नए बीज का उपयोग, या सरकारी सब्सिडी का बढ़ना — पूरे गाँव की किस्मत बदल सकता है।

इस पेज पर आपको किसानों से जुड़ी हर बड़ी खबर मिलेगी — चाहे वो बारिश की भविष्यवाणी हो, फसलों की कीमतों में उतार-चढ़ाव हो, या फिर नई योजनाएँ जो गाँवों में लागू हो रही हैं। आपको यहाँ न सिर्फ खबरें मिलेंगी, बल्कि यह भी समझ में आएगा कि एक गरीब किसान की जिंदगी कितनी अस्थिर है। जब आप अगली बार दुकान पर सब्ज़ी खरीदें, तो याद रखिए — उसकी कीमत एक किसान के दिन के आधार पर तय होती है। यहाँ आपको वो सब कुछ मिलेगा जो आमतौर पर न्यूज़ चैनल्स पर नहीं दिखता।

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PM-KISAN का 21वाँ किस्त 19 नवंबर 2025 को जारी किया गया, जो बिहार चुनाव से पहले आया। 10 करोड़ किसानों को 2,000 रुपये मिले, जबकि RJD ने इसे चुनावी प्रभाव बताया।

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