21 नवंबर को लागू हुए चार नए लेबर कोड, 29 पुराने कानून खत्म
21 नवंबर 2025 को केंद्र सरकार ने चार नए लेबर कोड लागू किए, जिससे 29 पुराने कानून समाप्त हुए। 40 करोड़ श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा मिलेगी, गिग वर्कर्स को पहली बार कानूनी मान्यता।
और अधिकमनसुख लालभाई मंडाविया एक किसान नेता, भारत के कृषि क्षेत्र के लिए आवाज उठाने वाले प्रमुख व्यक्ति जिन्होंने गुजरात और राष्ट्रीय स्तर पर किसानों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया हैं। उनका नाम अक्सर PM Kisan जैसी योजनाओं के बारे में चर्चाओं में आता है, जहाँ किसानों को सीधे धनराशि देने का विचार उनके संघर्ष का ही परिणाम है। वे केवल एक राजनेता नहीं, बल्कि एक ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने गाँवों से शहरों तक किसानों की आवाज को सुनाया।
उनकी राजनीतिक पहचान गुजरात राजनीति, उत्तरी गुजरात के कृषि-आधारित इलाकों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा जहाँ किसानों की समस्याएँ चुनावी निर्णयों को बदल देती हैं के साथ गहराई से जुड़ी है। जब बिहार में PM Kisan की 21वीं किस्त जारी हुई, तो उनके द्वारा शुरू किए गए संघर्ष का असर स्पष्ट दिखा। उनकी नेतृत्व शैली ने केंद्रीय सरकार को किसानों के लिए त्वरित निर्णय लेने के लिए प्रेरित किया। यही कारण है कि उनके नाम से जुड़ी खबरें अक्सर चुनावी रणनीतियों और कृषि नीतियों के बीच के संबंध को समझने में मदद करती हैं।
मनसुख लालभाई मंडाविया के नेतृत्व के तहत, किसानों ने अपने अधिकारों के लिए सड़कों पर उतरना सीखा। उनके आंदोलनों ने यह साबित किया कि एक गाँव की आवाज भी दिल्ली तक पहुँच सकती है। उनकी भूमिका ने दिखाया कि किसानों की समस्याएँ केवल एक राज्य की नहीं, बल्कि पूरे देश की होती हैं। इसीलिए उनके साथ जुड़ी खबरें अक्सर अर्थव्यवस्था, चुनाव और सामाजिक न्याय के बीच की धागे को दर्शाती हैं।
यहाँ आपको मनसुख लालभाई मंडाविया के साथ जुड़ी ताज़ा खबरें मिलेंगी — जिनमें उनके नेतृत्व में हुए आंदोलन, उनके द्वारा बनाए गए सामाजिक प्रभाव, और उनके समर्थन में आए निर्णय शामिल हैं। आप यहाँ उनके संघर्ष के वास्तविक परिणाम देख सकते हैं — न केवल राजनीतिक विश्लेषण, बल्कि किसानों के जीवन में आए बदलाव के साक्ष्य।
21 नवंबर 2025 को केंद्र सरकार ने चार नए लेबर कोड लागू किए, जिससे 29 पुराने कानून समाप्त हुए। 40 करोड़ श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा मिलेगी, गिग वर्कर्स को पहली बार कानूनी मान्यता।
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