Manmohan Singh – राजनीति, अर्थव्यवस्था और विदेश नीति का समग्र परिचय

जब Manmohan Singh, भारत के 13वें प्रधानमंत्री और पहले वित्त मंत्री, जिन्होंने 1991 में आर्थिक उदारीकरण को लागू किया. Also known as डॉ. मनमोहन सिंह, he shaped modern India's growth story.

उनके कार्यकाल में आर्थिक उदारीकरण, 1991 के बाद भारत की खुले बाजार नीति, विदेशी निवेश और निजीकरण की प्रमुख पहल ने GDP को दो गुना करने में मदद की। यह कदम आमतौर पर कहा जाता है कि आर्थिक उदारीकरण ने भारत की आर्थिक गति को तेज़ किया, जिससे लाखों लोगों को रोजगार मिला और मध्य वर्ग बड़ा हुआ।

इसी अवधि में विदेश नीति, अंतरराष्ट्रीय संबंधों को सुदृढ़ करने और भारत की रणनीतिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए किए गए प्रयास ने भारत को वैश्विक मंच पर मजबूती दी। Manmohan Singh ने अमेरिका, चीन, और यूरोपीय संघ के साथ गहरी साझेदारी बनाई, जिससे व्यापार और तकनीकी सहयोग बढ़ा। यह दिखाता है कि विदेश नीति ने भारत की आर्थिक प्रगति को समर्थन दिया।

उनकी सरकार ने UPA (United Progressive Alliance), 2004‑2014 तक सत्ता में रही कांग्रेसी गठबंधन, जिसका लक्ष्य सामाजिक न्याय और आर्थिक विकास था को भी मजबूती से चलाया। UPA के तहत ग्रामीण विकास, पीएमआरएस और उज्ज्वला योजना जैसी कई योजनाएँ शुरू हुईं, जो सीधे आम लोगों की जिंदगी को प्रभावित करती थीं। यह संबंध स्पष्ट करता है कि राजनीतिक गठबंधन और आर्थिक नीतियों के बीच घनिष्ठ तालमेल जरूरी है।

मुख्य पहल और उनका प्रभाव

Manmohan Singh की प्रमुख पहलों में जीएसटी का प्रारंभिक मसौदा, नवीनीकृत ऊर्जा पोर्टफोलियो का विस्तार और डिजिटल इंडिया का आधारभूत ढांचा शामिल है। ये सभी पहलें आज के डिजिटल और पर्यावरणीय युग में भारत को प्रतिस्पर्धी बनाती हैं। उनके कार्यकाल के दौरान, फिस्कल डिसिप्लिन और पारदर्शिता ने बजट प्रक्रिया को अधिक भरोसेमंद बनाया, जिससे निवेशकों का विश्वास बढ़ा।

एक और महत्वपूर्ण पहल थी “सूर्य ऊर्जा मिशन” जो ग्रामीण इलाकों में बिजली की पहुंच को आसान बनाती है। इस कदम ने न सिर्फ ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाया, बल्कि सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) को भी समान रूप से समर्थन दिया। इन उदाहरणों से यह स्पष्ट होता है कि आर्थिक नीतियों और पर्यावरणीय रणनीतियों के बीच समन्वय सामरिक महत्व रखता है।

Manmohan Singh की विदेश नीति ने भारत को कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर प्रमुख आवाज़ बनाकर रखा। उन्होंने नौ-से-कौशल कार्यक्रम और वैज्ञानिक सहयोग के माध्यम से ज्ञान-संचय को बढ़ावा दिया। इस तरह के समझौते दोनों देशों के नवाचार को तेज़ करते हैं और युवा कर्मियों के लिए नए अवसर खोलते हैं।

आज जब आप इस पृष्ठ पर स्क्रॉल करेंगे, तो आप विभिन्न लेखों में Manmohan Singh के आर्थिक सुधार, विदेशी यात्रा, और सामाजिक पहल के विस्तृत विश्लेषण पाएँगे। इस संग्रह में आप देखेंगे कि कैसे उनके फैसले आज की राजनीति, उद्योग और सामान्य जनता को प्रभावित कर रहे हैं। आगे पढ़ते हुए, आप उन कहानियों से जुड़ेंगे जो उनके विचारों और कार्यों को जीवन में लाती हैं।

यासिन मलिक ने कहा: मनमोहर सिंह ने 2006 में हाफ़ीज़ सईद से मुलाकात पर व्यक्तिगत धन्यवाद दिया

यासिन मलिक ने कहा: मनमोहर सिंह ने 2006 में हाफ़ीज़ सईद से मुलाकात पर व्यक्तिगत धन्यवाद दिया

जेल में बंद यासिन मलिक ने दिल्ली हाई कोर्ट में दायर अफिडेविट में बताया कि उन्होंने 2006 में पाकिस्तान में हाफ़ीज़ सईद से मुलाकात के बाद मनमोहर सिंह से व्यक्तिगत धन्यवाद प्राप्त किया। उन्होंने कहा कि यह मुलाकात भारतीय खुफिया एजेंसियों के निर्देश पर आयोजित थी। इस बयान ने राजनीतिक हलचल मचा दी, भाजपा ने इसे अहम सवाल के रूप में उठाया जबकि कांग्रेस ने समान घटनाओं को उजागर किया।

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