निपाह वायरस: क्या है, कैसे पहचानें और कैसे सुरक्षित रहें
निपाह वायरस (Nipah virus) एक गंभीर वायरल संक्रमण है जो तेज़ी से हालत बिगाड़ सकता है। यह अक्सर बुखार, साँस की तकलीफ और दिमागी लक्षणों से शुरू होता है। घबराने की जरूरत नहीं, पर जानकारी होने से आप जल्दी सही कदम उठा सकते हैं।
निपाह वायरस के लक्षण और संक्रमण का तरीका
निपाह का शुरुआत आमतौर पर बुखार, सिरदर्द और थकान से होती है। कुछ मरीजों में उल्टी, खाँसी और सांस में मुश्किल भी दिखती है। गंभीर मामलों में झागदार खाँसी, चेतना में बदलाव, दौरे और बेहोशी तक हो सकती है।
इन्क्यूबेशन पीरियड यानी लक्षण दिखने तक का समय आमतौर पर 4-14 दिन होता है, कभी-कभी ज्यादा भी हो सकता है। संक्रमण मुख्य रूप से:
  - फल खाने वाले चमगादड़ (fruit bats) से सीधे या उनकी बजरी/रस से।
- संक्रमित जानवरों (जैसे सूअर) के संपर्क से।
- इंसान से इंसान में निकासीय द्रवों (खाँसी, थूक) के संपर्क से।
रोकथाम और क्या करें अगर शंका हो
सबसे असरदार उपाय सावधानी है। अगर आप किसी ऐसे क्षेत्र में हैं जहां निपाह का मामला आया है तो ये कदम उठाएँ:
  - कच्चे खजूर या फलों का रस न पिएँ जो चमगादड़ छू सकते हैं; फल अच्छे से धोकर छील कर खाएं।
- बिमार जानवरों या संदिग्ध लक्षण वाले लोगों से दूरी बनाकर रखें।
- हाथों की नियमित सफाई करें—साबुन और पानी से 20 सेकंड तक धोएँ या हैंड सेनेटाइजर का प्रयोग करें।
- यदि घर में कोई बुखार और सांस की तकलीफ वाला है, तो उसे अलग कमरे में रखें और मास्क पहना कर रखें।
- साफ-सफाई और सतहों का डिटरजेंट से साफ़ करना ज़रूरी है।
हेल्थकेयर सेटिंग में N95 मास्क, दस्ताने, गाउन और चश्मा उपयोग करना चाहिए। संदिग्ध मरीज को आइसोलेशन में रखें और संबंधित स्वास्थ्य विभाग को तुरंत सूचित करें।
क्या निपाह का कोई इलाज या वैक्सीन है? आज के समय में निपाह के लिए कोई व्यापक रूप से मान्य औषधि या वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। इलाज सहायक होता है—मरीज को विशेष देखभाल, तरल पदार्थ, ऑक्सीजन और जरूरत के अनुसार ICU सपोर्ट दिया जाता है। कुछ शोध चल रहे हैं, पर अभी तक वैक्सीन आम जनता के लिए नहीं है।
कब डॉक्टर को दिखाएँ? अगर किसी को तेज बुखार के साथ साँस लेने में दिक्कत, उलझन, चेतना में परिवर्तन या दौरे हों तो तुरंत नजदीकी अस्पताल या स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें। यात्रा इतिहास या संक्रमित व्यक्ति के संपर्क की जानकारी बताएं।
निपाह जैसा खतरनाक वायरस रोकने में जानकारी और समय पर कार्रवाई सबसे बड़ी ताकत है। साफ-सफाई, दूरी और जल्दी रिपोर्टिंग से आप खुद और परिवार को सुरक्षित रख सकते हैं। किसी भी संदेह में लोकल हेल्थ अथॉरिटी और डॉक्टर से तुरंत सलाह लें।
 
                                
                                                                केरल में निपाह वायरस से मौत: संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं
                            
                            केरल के मलप्पुरम जिले में 14 वर्षीय लड़के की निपाह वायरस से मौत हो गई। स्वास्थ्य विभाग ने नियंत्रण कक्ष स्थापित किया और अलर्ट जारी किया है। संक्रमित लड़के के करीब 240 संपर्कों को निगरानी में रखा गया है। निपाह वायरस से बचाव के लिए कड़ी सावधानियां बरती जा रही हैं।
                            
                                
                                    - के द्वारा प्रकाशित किया गया Savio D'Souza
- 22 जुलाई 2024
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