पुरी: क्या देखना है और क्यों जाना चाहिए
पुरी ओड़िशा का प्रसिद्ध तीर्थ और समुद्र तटीय शहर है। यहाँ का जगन्नाथ मंदिर और हर साल होने वाली रथयात्रा पूरे देश में मशहूर हैं। अगर आप पहली बार जा रहे हैं तो जानते हैं क्या खास मिलेगा — प्राचीन मंदिर, सुनहरी रेत, लोकखाना और आसपास के ऐतिहासिक स्थल।
पुरी का मुख्य आकर्षण oczy जगन्नाथ मंदिर है, जहाँ सुबह-शाम की आरती और विशेष पूजा देखने लायक होती हैं। मंदिर के आसपास का बाजार स्थानीय हस्तशिल्प, तपिओका व समुद्री शैलों जैसे स्मृति चिन्हों से भरपूर रहता है। समुद्र तट पर सैर और सूर्योदय-ास्त का नज़ारा खास तौर पर शांत अनुभव देता है।
कब जाएँ और कैसे पहुँचें
सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च तक है — मौसम सुहावना रहता है और त्योहारों का माहौल भी रहता है। मानसून के समय (जुलाई-अगस्त) बारिश और समुद्री हवा तीव्र हो सकती है, इसलिए बाढ़ या तूफानी मौसम से बचना बेहतर है।
कैसे पहुँचें: निकटतम मुख्य शहर भुवनेश्वर है, जो रेल और हवाई कनेक्शन से जुड़ा हुआ है। भुवनेश्वर से पुरी सड़क व रेल दोनों से 1.5–2 घंटे में पहुँचा जा सकता है। सीधे ट्रेन से भी पुरी के लिए विकल्प उपलब्ध हैं। यदि उड़ान-यान पसंद है, तो भुवनेश्वर एयरपोर्ट से टैक्सी लेना आसान रहता है।
जरूरी सुझाव और पास के दर्शनीय स्थल
टिप्स — मंदिर में प्रवेश के नियम हैं: बाहर के भोजन या बैग सीमित जगहों पर रखवाना पड़ सकता है। मंदिर दर्शन के लिए सुबह जल्दी जाएँ, भीड़ कम रहती है। पूजा से पहले साफ और सभ्य कपड़े पहनें; धार्मिक स्थल पर सम्मान दिखाना ज़रूरी है।
खाने में स्थानीय थाली, समुद्री खाने और "खीर"-जैसी मिठाइयाँ आजमाएँ। सड़क किनारे मिलने वाले ताजे समुद्री व्यंजन स्वादिष्ट होते हैं, पर स्वच्छता देख लें। ठहरने के लिए बीच के पास छोटे-छोटे गेस्टहाउस और होटल मिल जाते हैं; पिक-सीज़न में पहले बुक कर लें।
पास के दर्शनीय स्थान — कोणार्क का सूर्य मंदिर (UNESCO) सिर्फ 30–40 किमी दूर है और शिल्प कला के लिए जाना जाता है। चिलिका झील, जो पक्षी-प्रेमियों के लिए मशहूर है, कुछ घंटे की दूरी पर है। अगर आप पुरातत्व और इतिहास पसंद करते हैं तो ये जगहें एक दिन में देखी जा सकती हैं।
एक दिन का शॉर्ट प्लान: सुबह जगन्नाथ मंदिर दर्शन, फिर बीच पर टहलना और स्थानीय बाजार से शिल्प खरीदना; दोपहर में कोणार्क के लिए निकलें और सूर्य मंदिर का भ्रमण करें; शाम को पुरी लौटकर समुद्र तट पर सूर्यास्त देखें।
सुरक्षा और व्यवहार: भीड़-भाड़ में सामान का ध्यान रखें, स्थानीय नियमों का पालन करें और भगवान के स्थान पर शांति बनाए रखें। परिवार के साथ यात्रा कर रहे हैं तो बच्चों पर ध्यान दें, खासकर समुद्र किनारे।
पुरी यात्रा सरल है लेकिन योजना जरूरी है। सही मौसम, पहले से बुकिंग और थोड़े लोकल नियम जानकर आप यहां के अनुभव को आरामदायक बना सकते हैं।
पुरी में दो दिवसीय रथ यात्रा का शुभारंभ, लाखों श्रद्धालु जुटे
पुरी का वार्षिक भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा महोत्सव इस बार दो दिवसीय हो गया है। 53 वर्षों में यह पहली बार है जब यह आयोजन दो दिनों तक चलेगा। यात्रा में शामिल होते हुए लाखों श्रद्धालु अद्वितीय खगोलीय संयोग के कारण इस विशेष अवसर का आनंद ले रहे हैं।
- के द्वारा प्रकाशित किया गया Savio D'Souza
- 8 जुलाई 2024
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