सार्थक अहूजा
सार्थक अहूजा, भारतीय जनता के लिए समाचारों को सरल, सटीक और प्रामाणिक तरीके से पेश करने वाले एक प्रमुख पत्रकार और विश्लेषक हैं। उनकी रिपोर्टिंग सिर्फ खबरें नहीं, बल्कि उन पीछे के कारणों को भी समझाती है — चाहे वो कोई बड़ा आर्थिक फैसला हो या खेल के मैदान पर एक ऐतिहासिक जीत। आप जिन खबरों को पढ़ते हैं, उनमें से कई का स्रोत उनकी गहरी जाँच और संपर्क है।
उनकी रिपोर्टिंग राजनीति के अंदर भी दिखती है — जैसे PM Kisan की किस्त या नए लेबर कोड के लागू होने के बाद श्रमिकों की जिंदगी में क्या बदलाव आया। वो बस इस बात को नहीं बताते कि क्या हुआ, बल्कि ये भी कि ये किसके लिए क्यों ज़रूरी है। उनके लिए ये सिर्फ एक खबर नहीं, बल्कि एक जीवन बदलने वाला फैसला है।
अर्थव्यवस्था के मामले में भी उनकी नज़र बहुत तेज़ है। जब Tata Capital का IPO शुरू हुआ या S-400 की डिलीवरी पर भारत-रूस की बातचीत हुई, तो उन्होंने इन खबरों को सिर्फ ब्यौरे के रूप में नहीं, बल्कि आम आदमी के लिए क्या मतलब रखती हैं, ये समझाया। उनकी लिखावट में आपको लगता है कि आप एक बातचीत में शामिल हो रहे हैं, न कि किसी रिपोर्ट को पढ़ रहे हैं।
खेल के दुनिया में भी उनकी छाप है। इश सोधी के 4-12 के आंकड़े या टिम डेविड का रिकॉर्ड तोड़ना — ये सिर्फ खेल की बात नहीं, बल्कि देश की गर्व की बात है। उन्होंने इन घटनाओं को ऐसे पेश किया कि आपको लगा जैसे आप स्टेडियम में बैठे हैं।
आप क्या पाएँगे यहाँ?
इस पेज पर आपको सार्थक अहूजा की रिपोर्टिंग से जुड़ी उन सभी खबरें मिलेंगी जो आपको बताती हैं कि भारत क्या हो रहा है। चाहे वो चुनाव का दबाव हो, किसानों के खातों में पैसा आना हो, या फिर एक क्रिकेटर का रिकॉर्ड तोड़ना — सब कुछ उनके नज़रिए से। ये सिर्फ खबरों का ढेर नहीं, बल्कि एक ऐसा चित्र है जो बताता है कि हमारी दुनिया कैसे घूम रही है।
मधापार: भारत का सबसे अमीर गाँव, जहाँ हर घर के पास ₹15-20 लाख, दिल्ली-मुंबई-बैंगलोर से भी ज्यादा धन
मधापार, गुजरात का एक गाँव, जहाँ 7,600 घरों के पास ₹5,000 करोड़ की बैंक जमा है, जो दिल्ली-मुंबई-बैंगलोर से भी ज्यादा है। ये धन एनआरआई लोगों की रेमिटेंस से आया है, जो अपनी जड़ों को नहीं भूले।
- के द्वारा प्रकाशित किया गया Savio D'Souza
- 5 दिसंबर 2025
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