शास्त्रीय नृत्य: शुरुआत कैसे करें और कौन-सी शैली चुनें
क्या आप शास्त्रीय नृत्य सीखना चाहते हैं पर समझ नहीं आ रहा कि कहाँ से शुरू करें? शास्त्रीय नृत्य सिर्फ कदम नहीं, भाव, ताल और कहानी बोलना है। यहाँ बड़े आसान और काम के तरीके दिए हैं जो सीधे अभ्यास में मदद करेंगे—बिना लंबे-लंबे व्याख्यान के।
प्रमुख शैलियाँ और उनकी खास बातें
भारत में कई शास्त्रीय नृत्य शैलियाँ हैं, हर एक का अपना ढंग और भाषा है:
भरतनाट्यम: तमिलनाडु का पारंपरिक नृत्य, क्लासिक मुद्राएँ और तेज़ फुटवर्क साथ में भावनाओं की गहराई।
कत्थक: उत्तरी भारत की शैली, घूमते हुए चक्कर (घुमाव), तेज़ ताल और कहानी सुनाने का अंदाज़।
कुचिपुड़ी: आंध्र का नाट्यप्रधान नृत्य, जीवंत अभिनय और स्टाइलिश पोज़।
ओडिसी: ओड़िशा से, झुलते हुए स्ट्रेच और मृदु भाव; मूवमेंट बहुत लयबद्ध और कोमल होता है।
मणिपुरी: मणिपुर की कोमलता और देवी-भाव प्रमुख; हाथों का सौम्य चलन और लय खास होती है।
शुरू करने के सरल कदम और रोज़मर्रा के टिप्स
1) गुरु या क्लास चुनें: पास के अच्छे गुरु या प्रतिष्ठित स्कूल में नाम लिखवाएँ। शुरुआत में सीधे गुरु से सीखना सबसे तेज़ और सही तरीका है।
2) बेसिक ट्रेनिंग रोज़ रखें: रोज़ 30–60 मिनट का अभ्यास शुरू करें—वार्मअप, मठा-ताल (basic adavus) और भावाभ्यास। नियमितता ही सबसे बड़ा फर्क लाती है।
3) ताल और संगीत समझें: ताल (लय) पर पकड़ बनाना जरूरी है। घर पर क्लासिक तबला या मेड-टेम्पो रिकॉर्डिंग पर अभ्यास करें।
4) बॉडी और लचीलापन: रोज़ हल्की स्ट्रेचिंग और कोर एक्सरसाइज़ करें। कमर और घुटने की मजबूती नृत्य के लिए बहुत काम आती है।
5) पोशाक और साधन: अभ्यास के लिए आरामदायक कपड़े, मंच के लिए पारंपरिक पोशाक और नख (ghungroo) की आदत धीरे-धीरे डालें।
6) प्रदर्शन अनुभव: छोटा-मोटा मंच, कॉलेज इवेंट या स्थानीय कार्यक्रम में प्रदर्शन जल्दी आत्मविश्वास देता है। रिकॉर्डिंग करके अपनी तकनीक देखें और सुधार करें।
7) ऑनलाइन और किताबें: अगर पास में गुरु नहीं है तो भरोसेमंद ऑनलाइन कोर्स, यूट्यूब टुटोरियल और गुरु की क्लास रिकॉर्डिंग से काम चल सकता है—पर सही मार्गदर्शन ज़रूरी है।
शास्त्रीय नृत्य सीखने से फिजिकल फिटनेस, आत्म-अभिव्यक्ति और सांस्कृतिक समझ बढ़ती है। करियर विकल्प भी हैं—परफॉर्मर, टीचर, कोरियोग्राफर, थिएटर या फ़िल्म में काम।
आप किस शैली से शुरू करना चाहेंगे? एक बार स्टेप और भाव पर पकड़ बन जाए तो आगे बढ़ना आसान रहेगा। अगर चाहें, मैं आपके लिए पास के स्कूल या ऑनलाइन कोर्स की लिस्ट भी दे सकता/सकती हूँ।
प्रसिद्ध भरतनाट्यम और कुचिपुड़ी नर्तकी यामिनी कृष्णमूर्ति का निधन: भारतीय शास्त्रीय नृत्य में योगदान
प्रसिद्ध भरतनाट्यम और कुचिपुड़ी नर्तकी मुंगारा यामिनी कृष्णमूर्ति का 3 अगस्त 2024 को 83 वर्ष की आयु में निधन हो गया। आंध्र प्रदेश के चितूर जिले के मदनपल्ली में जन्मी यामिनी ने शास्त्रीय नृत्य की दुनिया में अपनी अमिट छाप छोड़ी। उन्होंने कलाक्षेत्र में भरतनाट्यम की शिक्षा ली और बाद में कुचिपुड़ी और ओडिसी में भी महारत हासिल की।
- के द्वारा प्रकाशित किया गया Savio D'Souza
- 4 अगस्त 2024
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