वायु गुणवत्ता (AQI) — क्या देखना चाहिए और क्या करें
क्या आप जानते हैं कि हवा की गुणवत्ता हर दिन बदलती है और आपका स्वास्थ्य सीधे प्रभावित होता है? वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) हमें बताता है कि हवा सांस लेने के लिए कितनी सुरक्षित है। छोटे कण (PM2.5, PM10), NO2, O3 और SO2 जैसे प्रदूषक मिलकर AQI बनाते हैं। चलिए आसान भाषा में देखते हैं कि नंबर का क्या मतलब है और आप तुरंत क्या कदम उठा सकते हैं।
AQI क्या है और नंबर कैसे पढ़ें
AQI एक अंक है: 0-50 (अच्छा), 51-100 (संतोषजनक), 101-200 (हल्का से मध्यम प्रदूषण), 201-300 (भारी), 301+ (गंभीर)। ज़्यादातर मामलों में PM2.5 सबसे बड़ा खतरा होता है क्योंकि ये कण सीने में जाकर फेफड़ों और दिल पर असर डालते हैं। अगर AQI 200 से ऊपर है तो बच्चों, बुजुर्गों और सांस संबंधी रोग वाले लोगों को घर के अंदर रहना चाहिए।
अब प्रश्न यह: खराब AQI में आपकी सबसे जरूरी प्राथमिकताएँ क्या हों? चलिए सीधे तरीके बताता/बताती हूँ।
त्वरित और प्रभावी कदम (किसी भी स्थिति में)
1) AQI चेक करें — रोज सुबह और शाम। मोबाइल पर CPCB, SAFAR, AirVisual या स्थानीय मौसम ऐप से तुरंत जान लें।
2) बाहर की गतिविधियाँ कम करें — जब AQI खराब हो तो दौड़, साइकिलिंग या लंबी सैर टालें।
3) मास्क का इस्तेमाल — N95/FFP2 मास्क बाहर निकलते वक्त बेहतर सुरक्षा देते हैं। साधारण कपड़े के मास्क से कम सुरक्षा मिलती है।
4) घर को साफ और धूल-मुक्त रखें — गीली कपड़ा से फर्श पोंछें, वैक्यूम क्लीनर HEPA फिल्टर वाला हो तो बेहतर।
5) खाना पकाते समय वेंटिलेशन रखें — गैस/तंदूर से निकली धुंआ अंदर ही फँस सकता है; खिड़की पर एग्जॉस्ट या रूम एग्जॉस्ट लगाएं।
बचाव का तरीका स्थिति के हिसाब से बदलता है। AQI 100-200 पर बाहरी गतिविधि सीमित रखें; 200+ पर घर में रहना ही सुरक्षित है।
क्या अंदर की हवा भी खराब हो सकती है? हाँ। घर के अंदर धूम्रपान, खाना बनाने का धुआँ और गंदे वेंट्स भी प्रदूषण बढ़ाते हैं।
कम जिनके लिए विशेष सावधानी जरूरी है: श्वसन रोग (जैसे अस्थमा), हृदय रोग, बच्चे, गर्भवती, बुजुर्ग। इन लोगों को प्रदूषण बढ़ने पर दवा और डॉक्टर से संपर्क बनाए रखना चाहिए।
समुदाय के स्तर पर आप क्या कर सकते हैं? निजी वाहन कम इस्तेमाल करें, लोकल बर्निंग (कृषि उपज/कचरा) रोकेँ, पेड़ लगाएं और स्थानीय प्रशासन से सड़कों पर धूल नियंत्रण की माँग करें। छोटे बदलाव भी इलाके की हवा में फर्क डालते हैं।
आखिर में, वायु गुणवत्ता रोज़मर्रा की जिंदगी का हिस्सा है — इसे नजरअंदाज न करें। AQI चेक करना, मास्क रखना और घर की हवा पर ध्यान देना सरल मगर असरदार कदम हैं। हवा साफ रहे, सांसें आसान रहें।
दिल्ली में दीवाली के पटाखों से खराब हुई वायु गुणवत्ता: प्रदूषण स्तर 400 के करीब
सीमित पटाखे जलाने के बावजूद दीवाली के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता खतरनाक स्तर तक बिगड़ गई है। प्रमुख इलाकों में AQI स्तर 350 से 400 के बीच पाया गया, जिससे नागरिकों के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ा है। यह स्थिति रात में सबसे अधिक खराब हुई, जब PM 2.5 स्तर खतरनाक ढंग से बढ़ गए। इस बढ़ते प्रदूषण ने सबको स्वच्छ हवा में सांस लेने के मुश्किल बना दिया है।
- के द्वारा प्रकाशित किया गया Savio D'Souza
- 1 नवंबर 2024
- टिप्पणि [ 0
]
-
पर्यावरण
और अधिक